Piles or hemorrhoids are a common condition that can affect anyone. However, many people are not aware of the condition or its symptoms. If left untreated, hemorrhoids can become a serious problem.
Here are some of the potential complications of untreated hemorrhoids:
If you are experiencing any of the symptoms of hemorrhoids, it is important to see a doctor for diagnosis and treatment.
पाइल्स या बवासीर एक ऐसी बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती है। लेकिन इसके बारे में लोगो को बहुत कम जानकारी होती है। बवासीर का इलाज अगर सही समय पर सही तरीके से नहीं किया जाए तो वह गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकती है। आइए पहले जानते हैं कि बवासीर क्या है अगर इसका इलाज न किया गया तो क्या परिणाम हो सकते हैं।
हमारे शरीर के सभी हिस्सों में नसों के द्वारा रक्त संचार होता है, ऐसे ही गुदा के अंदर भी रक्त संचार नसों के माध्यम से होता है। उन्हीं नसों पर हद से ज्यादा दबाव पड़ने पर सूजन होने की संभावना बन जाती है और अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो यह गांठ की तरह बवासीर का रूप ले लेती है। कभी कभी इस कारण मल निकालते वक्त खून भी आना शुरू हो जाता है। यह स्थिति बहुत गंभीर होती है। ऐसे में बवासीर का इलाज कराना जरूरी हो जाता है।
आखिर क्यों होता है बवासीर?
बवासीर किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन अक्सर ४०- ४५ की उम्र के लोगों को बवासीर होने की संभावना अधिक रहती है। इसके कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं :
बवासीर के उपचार लिए ये कदम उठाए जा सकते हैं
अगर पाइल्स की समस्या बढ़ती जा रही है तो हमे इसके उपचार में देर नहीं करनी चाहिए और ये कदम लेने चाहिए:
बवासीर कितना गंभीर हो सकता है
अगर बवासीर का उपचार नहीं किया गया तो वह बढ़ता जाता है जिसे आंतरिक बवासीर को ग्रेड्स में बांटा जाता है:
बिना सर्जरी के उपचारों में मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवाओं के साथ साथ कुछ एडवांस प्रक्रिया भी शामिल है जिसका असर अच्छा होता है और बवासीर जैसी समस्या को ठीक करने में मददगार साबित होता है। ये प्रक्रियाएं हैं जिसे आप खुद से कर सकते हैं:
नीचे बताई गई प्रक्रियाएं एक अनुभवी डॉक्टर करते हैं :
सर्जरी द्वारा उपचार में ये प्रक्रियाएं शामिल हैं:
इन सभी प्रकार के उपचारों के लिए आमतौर पर बेहोश करने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा अस्पताल में 1 दिन से अधिक समय तक रहने की आवश्यकता हो सकती है।
बवासीर का इलाज जितना ज़रूरी है उतना ही ज़रूरी एक स्पेशियलिस्ट डॉक्टर को खोजना है। हेक्साहेल्थ की मदद से सर्वोत्तम डॉक्टर को बेहद ही आसानी से ढूंढा जा सकता है और सिर्फ डॉक्टर ही नही सर्वश्रेष्ठ अस्पताल भी।
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यदि बवासीर का इलाज न किया जाए तो आपका आंतरिक प्रोलैप्सड बवासीर गुदा के बाहर फंस सकता है तथा अत्यधिक जलन खुजली रक्त स्त्राव और भयंकर दर्द का कारण बन सकता है। यह गुदा कैंसर को भी जन्म दे सकता है।
यदि बवासीर की शिकायत के कारण रक्त स्त्राव अत्यधिक हो रहा है तो वजन कम होना स्वाभाविक है। अगर रक्त स्त्राव नहीं हो रहा है तो वजन कम नहीं होगा।
बवासीर ऐसी बीमारी है जिसके गंभीर मामले में तेज दर्द और खून बहता है। इसमें मौत का खतरा नहीं रहता है। कोलोरेक्टल कैंसर और बवासीर के लक्षण में समानता हो सकती है जैसे मल में रक्त आना। इसलिए मल में खून आने पर सही जांच होना बहुत जरूरी है। कभी - कभी जांच में गलती होने पर कोलोरेक्टल कैंसर का पता नही चल पाता और इलाज न होने के कारण मामला गंभीर हो सकता है। इसमें मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।
शुरुआती बवासीर की समस्या आम तौर पर अपने आप दूर हो सकती है जिसमें प्रोलैप्स्ड बवासीर भी शामिल है। अधिकतर फाइबर वाले आहार जैसे साबुत अनाज, नाशपाती,केला और सारे तरल पदार्थ पीने से बवासीर ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा सिट्ज़ बाथ करने से जलन में राहत मिलती है। गंभीर बवासीर के इलाज के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।
बवासीर में मल त्याग करने के दौरान अधिक दर्द, रक्त स्त्राव तथा जलन सबसे बड़ा चिंता का कारण है। गुदा के आसपास खुजली तथा दर्दनाक गांठ, मल त्याग के दौरान बेचैनी आदि समस्या चिंता का कारण है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर की परामर्श लेनी चाहिए।
बवासीर की गंभीरता के अनुसार डॉक्टर मरीज को सर्जरी कराने की सलाह देता है। अगर मरीज को दवाओं, खान पान और रोजमर्रा की आदतों में सुधार करने से भी आराम नहीं मिलता तो सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। अगर बवासीर के कारण बहुत खून बहता है, दर्द होता है तो सर्जरी ही इसे दूर कर सकती है। सर्जरी का प्रकार इसके लक्षणों और बवासीर की गंभीरता पर निर्भर करता है।
बवासीर में पाया जाने वाला सबसे बड़ा तथा शुरुआती लक्षण खुजली है, जो रात के समय में बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रात में एंटी इंफ्लेम्टरी हार्मोन प्राकृतिक रूप से घट जाता है जिससे दर्द का एहसास अधिक होता है। ऐसे में आप सिट्ज़ बाथ लें सकते हैं।
बवासीर के कारण कोलोरेक्टल कैंसर विकसित हो सकता है लेकिन ऐसा कम मामलों में देखा गया है। कोलोरेक्टल कैंसर और बवासीर के लक्षण मिलते - जुलते हैं जैसे मल में खून आना। इसलिए मल से खून आने पर डॉक्टर से संपर्क करें और जांच कराएं।
बवासीर के कारण पुरानी खून की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिसमें आप की कोशिकाओं में ऑक्सीजन ले जाने के लिए आपके पास पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं। बवासीर के मरीज में मल त्यागने के दौरान होने वाले रक्त स्त्राव के कारण एनीमिया होने की आशंका बढ़ जाती है।
शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहने से आपके गुदा क्षेत्र के आसपास रक्त वाहिकाओं की नसों पर अधिक दबाव पड़ सकता है, इसलिए एक ही स्थान पर बहुत देर तक बैठने से बचें। टहलने या चलने से बवासीर में लाभ हो सकता है इसलिए बवासीर के मरीज को अधिक चलने का प्रयास करना चाहिए और कार्डियो व्यायाम करने की कोशिश करनी चाहिए।
डॉक्टर द्वारा बताए गए उपायों तथा उचित उपचार से बवासीर तेजी से सिकुड़ सकता है। घरेलू उपचारों के द्वारा भी बवासीर सिकुड़ सकता है जैसे दिन में तीन बार सित्ज़ बाथ करने से, नियमित टहलने से, मल त्यागने के दौरान जोर ना लगाने से बवासीर जल्दी ठीक हो सकता है।
सर्जरी का खर्च शहर, हॉस्पिटल की कैटेगरी और बवासीर की गंभीरता पर निर्भर करता है। बवासीर का ऑपरेशन कराने के लिए कई तरह की सर्जरी है। हर सर्जरी का अपना अलग-अलग लागत होता है, जैसे लेजर सर्जरी में औसतन ३०,००० से ५०,००० रूपए, ओपन सर्जरी में औसतन २०,००० से ३०,००० रूपए और स्टेपलर सर्जरी में ४०,००० से ६०,००० रुपए तक का खर्च आ सकता है।
बड़े और सूजन वाले बवासीर में गुदा से अक्सर एक बलगम स्त्राव होता है जिसमें एक दुर्गंध हो सकती है। गंभीर बवासीर में मल का रिसाव भी हो सकता है और दुर्गंध पैदा कर सकता है
बवासीर इलाज़ के प्रकार में सबसे सुरक्षित लेज़र सर्जरी है क्योकि इस सर्जरी के बाद मरीज को कोई दर्द नहीं होता है। यदि बवासीर अधिक गंभीर है तो मरीज़ को थोड़ा दर्द हो सकता है। सामान्य पेन किलर लेने के बाद वह दर्द भी दूर हो सकता है। इसके अलावा लेज़र सर्जरी के बाद इंफेक्शन होने की संभावना काफ़ी कम होती है।
लेज़र सर्जरी में मरीज़ को कोई बड़ा कट नहीं लगता है। इसलिए सर्जरी के बाद ज़ख्म भरने में ज़्यादा समय नहीं लगता है और तेज़ी से रिकवरी होती है। आमतौर पर, लेज़र सर्जरी के बाद मरीज़ को २४ घंटे के भीतर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इसके अलावा, ४८ घंटे बाद मरीज़ अपने जीवनशैली में शामिल सभी सामान्य काम कर सकता है।
Last Updated on: 12 December 2023
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
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