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क्या होगा अगर बवासीर अनुपचारित छोड़ दिया जाय? - गंभीर समस्याएं

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Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna
Written by Sangeeta Sharma, last updated on 12 December 2023| min read
क्या होगा अगर बवासीर अनुपचारित छोड़ दिया जाय? - गंभीर समस्याएं

Quick Summary

Piles or hemorrhoids are a common condition that can affect anyone. However, many people are not aware of the condition or its symptoms. If left untreated, hemorrhoids can become a serious problem.

Here are some of the potential complications of untreated hemorrhoids:

  • Bleeding
  • Pain
  • Itching
  • Infection
  • Fissures
  • Stranguated hemorrhoids

If you are experiencing any of the symptoms of hemorrhoids, it is important to see a doctor for diagnosis and treatment.

पाइल्स या बवासीर एक ऐसी बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती है। लेकिन इसके बारे में लोगो को बहुत कम जानकारी होती है। बवासीर का इलाज अगर सही समय पर सही तरीके से नहीं किया जाए तो वह गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकती है। आइए पहले जानते हैं कि बवासीर क्या है अगर इसका इलाज न किया गया तो क्या परिणाम हो सकते हैं।

बवासीर क्या है?

हमारे शरीर के सभी हिस्सों में नसों के द्वारा रक्त संचार होता है, ऐसे ही गुदा के अंदर भी रक्त संचार नसों के माध्यम से होता है। उन्हीं नसों पर हद से ज्यादा दबाव पड़ने पर सूजन होने की संभावना बन जाती है और अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो यह गांठ की तरह बवासीर का रूप ले लेती है।  कभी कभी इस कारण मल निकालते वक्त खून भी आना शुरू हो जाता है। यह स्थिति बहुत गंभीर होती है। ऐसे में बवासीर का इलाज कराना जरूरी हो जाता है। 

आखिर क्यों होता है बवासीर?

बवासीर किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन अक्सर ४०- ४५ की उम्र के लोगों को बवासीर होने की संभावना अधिक रहती है। इसके कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं : 

  1. कब्ज़ की समस्या में लंबे समय तक तनाव 
  2. फाइबर युक्त भोजन की कमी
  3. अनियमित दिनचर्या 
  4. शौच करते समय ज़्यादा देर तक बैठे रहना
  5. शराब का अत्यधिक सेवन
  6. गर्भावस्था के दौरान या बाद
  7. अधिक वजन उठाना 
  8. क्रोनिक दस्त होने के कारण

बवासीर के उपचार लिए ये कदम उठाए जा सकते हैं

अगर पाइल्स की समस्या बढ़ती जा रही है तो हमे इसके उपचार में देर नहीं करनी चाहिए और ये कदम लेने चाहिए: 

  1. सबसे पहले एक प्रतिष्ठित डॉक्टर के पास जाकर अपनी समस्या का निदान कराएं। घरेलू उपचार, सही खान पान या दवाइयों की मदद से बवासीर को ठीक करें।  
  2. पहली बार में ही अच्छी जगह से इलाज करवाए। अधिकांश केस में लोग पहली बार सही जगह नहीं जाते है जिससे समस्या बढ़ जाती है। फिर दिक्कत बढ़ने की संभावना हो जाती है। 
  3. सर्जरी करवाना कहां तक उचित रहेगा यह भी पता करे उसके बाद सर्जरी के लिए सोचे। 
  4. अगर समस्या बढ़ गई है या एनेमिया जैसी प्रॉब्लम शुरू हो चुकी है तो सर्जरी का विकल्प चुना जा सकता है। 
  5. खुजली और दर्द को कम करने के लिए गर्म पानी से नहाएं।
  6. सिट्ज़ बाथ लें यानी एक टब में गर्म पानी सिट्ज़ बाथ टब में ले और उस पर बैठे। इससे आपको जलन और दर्द से आराम मिलेगा।
  7. दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दर्द की दवाएं लें।
  8. नियमित व्यायाम करे जैसे पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज।
  9. फाइबर युक्त भोजन का अधिक से अधिक उपयोग करे। इसके साथ साथ भरपूर मात्रा में पानी और जूस पिएं। 
  10.  तरल पदार्थ का सेवन ज़्यादा करे।
  11. शराब या कैफीन युक्त भोजन जैसे चाय, कॉफी का सेवन बंद कर दे, अन्यथा समस्या बढ़ सकती है।
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बवासीर का उपचार न होने पर होने वाली समस्याएं

बवासीर कितना गंभीर हो सकता है

अगर बवासीर का उपचार नहीं किया गया तो वह बढ़ता जाता है जिसे आंतरिक बवासीर को ग्रेड्स में बांटा जाता है: 

  1. बवासीर (ग्रेड I): गुदा कुशन से खून बहता है लेकिन आगे नहीं बढ़ता है
  2. बवासीर (ग्रेड II): गुदा कुशन गुदा के माध्यम से तनाव पर आगे बढ़ता है लेकिन अनायास कम हो जाता है
  3. बवासीर (ग्रेड III): गुदा कुशन गुदा के माध्यम से तनाव या परिश्रम पर आगे बढ़ता है और गुदा में मैन्युअल प्रतिस्थापन की आवश्यकता होती है
  4. बवासीर (ग्रेड IV): प्रोलैप्स हर समय बाहर रहता है और कम नहीं हो पाता है
     
    1. ग्रेड्स के बढ़ जाने की समस्या 
      1. पाइल्स या बवासीर की समस्या कितनी बड़ी या छोटी है इसे ग्रेड्स में बांट कर समझा जा सकता है। अगर आपकी  समस्या पहले ग्रेड और दूसरे ग्रेड की है और इसे आप अभी तक नज़र अंदाज करते जा रहे हैं तो यह तीसरे ग्रेड या चौथे ग्रेड तक पहुंच सकती है।
      2. तीसरे और चौथे ग्रेड में बवासीर में ब्लड सप्लाई रुक जाती है जिससे बवासीर में ब्लड क्लॉटिंग हो जाती है। इसे थ्रोंबोसिस कहते हैं। इस स्थिति में तेज़ दर्द होता है और यह आगे जाकर गैंग्रीन जैसी समस्या का कारण बनता है।
      3. अगर यह ग्रेड तीन या चार तक पहुंच जाएगा तो आपको अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
         
    2. रक्त के थक्के
      1. थ्रोम्बोस्ड हेमोराइड जिसे बाहरी बवासीर भी कहते हैं, इस ग्रेड में गुदा के अंदर खून का थक्का बनने लगता है। यह बहुत दर्दनाक होता है , जो कि कई दिनों तक रह सकता है। 
      2. बवासीर बैंगनी या नीले रंग की लग सकती है और बहुत सूजी हुई दिखाई दे सकती है।
         
    3. त्वचा में समस्या 
      1. एक थ्रोम्बोस्ड बवासीर में थक्का चले जाने के बाद, आपकी त्वचा थोड़ी ढीली हो सकती है, जिसे एनल टैग्स भी कहते हैं। यह असहज हो सकता है। नियमित मल त्याग और क्षेत्र को पोंछने से त्वचा पर जलन और दर्द हो सकता है।
         
    4. रक्त की कमी 
      1. यदि बवासीर गंभीर रक्तस्राव का कारण बनता है, तो आपकी लाल रक्त कणिकाओं की संख्या कम हो सकती है। 
      2. यदि आपके गुदा से कोई खून बह रहा है, तो आपको चिकित्सकीय ध्यान देना चाहिए। यह बवासीर के अलावा कैंसर का संकेत भी हो सकता है।
         
    5. मांसपेशियों में दबाव 
      1. प्रोलैप्सड यानी अंदर के बवासीर में मांसपेशियों के दबाव के कारण रक्त की आपूर्ति में कमी हो सकती है, जिससे बहुत दर्द होता है।
      2. रक्त प्रवाह में कमी से वहां के ऊतकों की मृत्यु हो सकती है।
         
    6. एनीमिया होने का खतरा 
      1. आगर आप बवासीर का इलाज नहीं कराते हैं तो समस्या बढ़ने पर मल के साथ काफी खून निकल जाएगा जिससे शरीर में खून की कमी हो सकती है, जिसे एनीमिया कहते हैं। 
      2. बाद में खून चढ़ाने की नौबत भी आ सकती है। 
         
    7. रिकवरी में देरी 
      1. अगर ग्रेड 1 या 2 की समस्या है तो कुछ दवाओं, इंजेक्शन या लेज़र से सही समय पर ठीक किया जा सकता है। 
      2. यदि इसे नज़रअंदाज किया गया और इलाज नहीं कराया गया तो इसे आसानी से सही नही किया जा सकता।  
      3. उसके बाद सर्जरी की आवश्यकता होती है ,लेकिन सर्जरी के बाद भी कुछ न कुछ दिक्कत बनी रहती है l ऐसी स्थिति में रिकवरी में भी देरी हो सकती है।

सर्जरी किए बिना बवासीर का इलाज

बिना सर्जरी के उपचारों में मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवाओं के साथ साथ कुछ एडवांस प्रक्रिया भी शामिल है जिसका असर अच्छा होता है और बवासीर जैसी समस्या को ठीक करने में मददगार साबित होता है। ये प्रक्रियाएं हैं जिसे आप खुद से कर सकते हैं: 

  1. डाइट प्लान : अपने खाने पीने के तरीके को सुधारकर आप बवासीर को ठीक कर सकते हैं। जैसे फाइबर वाले फल और सब्जियां खाना, खूब पानी पीना, जूस पीना आदि। 
  2. दवाईयां और मलहम : डॉक्टर द्वारा बताई कुछ दवाइयों और मलहम का इस्तेमाल करके आप अपनी इस समस्या को ठीक कर सकते हैं।
  3. मलहम और क्रीम : आपके डॉक्टर आपको बवासीर प्रभावित क्षेत्र पर लगाने के लिए मलहम और क्रीम देते हैं, जिससे आपको इस समस्या से राहत मिल सकती है।

नीचे बताई गई प्रक्रियाएं एक अनुभवी डॉक्टर करते हैं : 

  1. रबर बैंड लिगेशन : आपके बवासीर को गिराने के लिए उसके चारों ओर एक बैंड लगाया जाता है l
  2. स्क्लेरोथेरेपी : आपके बवासीर को सिकोड़ने के लिए एक तरल इंजेक्ट किया जाता है l
  3. इलेक्ट्रोथेरेपी : आपके बवासीर को सिकोड़ने के लिए एक हल्का विद्युत प्रवाह लगाया जाता है l
  4. इन्फ्रारेड जमावट : एक इन्फ्रारेड लाइट का उपयोग आपके बवासीर में रक्त की आपूर्ति को कम करने के लिए किया जाता है ताकि वे सिकुड़ सकें l 

सर्जरी द्वारा उपचार में ये प्रक्रियाएं शामिल हैं:

  1. हेमोराहाइडेक्टोमी : बवासीर की गांठ को काट कर हटा दिया जाता है। 
  2. स्टेपल हेमोराहाइडोपेक्सी : बवासीर को गुदा के अंदर वापस स्टेपल किया जाता है। 
  3. रक्तस्रावी धमनी बंधाव : टांके का उपयोग बवासीर में रक्त की आपूर्ति को कम करने के लिए किया जाता है ताकि वे सिकुड़ सकें। 

इन सभी प्रकार के उपचारों के लिए आमतौर पर बेहोश करने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा अस्पताल में 1 दिन से अधिक समय तक रहने की आवश्यकता हो सकती है।

हेक्साहेल्थ के बारे में

बवासीर का इलाज जितना ज़रूरी है उतना ही ज़रूरी एक स्पेशियलिस्ट डॉक्टर को खोजना है। हेक्साहेल्थ की मदद से सर्वोत्तम डॉक्टर को बेहद ही आसानी से ढूंढा जा सकता है और सिर्फ डॉक्टर ही नही सर्वश्रेष्ठ अस्पताल भी। 

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अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

यदि बवासीर का इलाज न किया जाए तो आपका आंतरिक प्रोलैप्सड बवासीर गुदा के बाहर फंस सकता है तथा अत्यधिक जलन खुजली रक्त स्त्राव और भयंकर दर्द का कारण बन सकता है। यह गुदा कैंसर को भी जन्म दे सकता है।

यदि बवासीर की शिकायत के कारण रक्त स्त्राव अत्यधिक हो रहा है तो वजन कम होना स्वाभाविक है। अगर रक्त स्त्राव नहीं हो रहा है तो वजन कम नहीं होगा।

बवासीर ऐसी बीमारी है जिसके गंभीर मामले में तेज दर्द और खून बहता है। इसमें मौत का खतरा नहीं रहता है। कोलोरेक्टल कैंसर और बवासीर के लक्षण में समानता हो सकती है जैसे मल में रक्त आना। इसलिए मल में खून आने पर सही जांच होना बहुत जरूरी है। कभी - कभी जांच में गलती होने पर कोलोरेक्टल कैंसर का पता नही चल पाता और इलाज न होने के कारण मामला गंभीर हो सकता है। इसमें मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।

शुरुआती बवासीर की समस्या आम तौर पर अपने आप दूर हो सकती है जिसमें प्रोलैप्स्ड बवासीर भी शामिल है। अधिकतर फाइबर वाले आहार जैसे साबुत अनाज, नाशपाती,केला और सारे तरल पदार्थ पीने से बवासीर ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा सिट्ज़ बाथ करने से जलन में राहत मिलती है। गंभीर बवासीर के इलाज के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।

बवासीर में मल त्याग करने के दौरान अधिक दर्द, रक्त स्त्राव तथा जलन सबसे बड़ा चिंता का कारण है। गुदा के आसपास खुजली तथा दर्दनाक गांठ, मल त्याग के दौरान बेचैनी आदि समस्या चिंता का कारण है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर की परामर्श लेनी चाहिए।

बवासीर की गंभीरता के अनुसार डॉक्टर मरीज को सर्जरी कराने की सलाह देता है। अगर मरीज को दवाओं, खान पान और रोजमर्रा की आदतों में सुधार करने से भी आराम नहीं मिलता तो सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। अगर बवासीर के कारण बहुत खून बहता है, दर्द होता है तो सर्जरी ही इसे दूर कर सकती है। सर्जरी का प्रकार इसके लक्षणों और बवासीर की गंभीरता पर निर्भर करता है।

बवासीर में पाया जाने वाला सबसे बड़ा तथा शुरुआती लक्षण खुजली है, जो रात के समय में बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रात में एंटी इंफ्लेम्टरी हार्मोन प्राकृतिक रूप से घट जाता है जिससे दर्द का एहसास अधिक होता है। ऐसे में आप सिट्ज़ बाथ लें सकते हैं।

बवासीर के कारण कोलोरेक्टल कैंसर विकसित हो सकता है लेकिन ऐसा कम मामलों में देखा गया है। कोलोरेक्टल कैंसर और बवासीर के लक्षण मिलते - जुलते हैं जैसे मल में खून आना। इसलिए मल से खून आने पर डॉक्टर से संपर्क करें और जांच कराएं।

 

बवासीर के कारण पुरानी खून की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिसमें आप की कोशिकाओं में ऑक्सीजन ले जाने के लिए आपके पास पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं। बवासीर के मरीज में मल त्यागने के दौरान होने वाले रक्त स्त्राव के कारण एनीमिया होने की आशंका बढ़ जाती है।

शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहने से आपके गुदा क्षेत्र के आसपास रक्त वाहिकाओं की नसों पर अधिक दबाव पड़ सकता है, इसलिए एक ही स्थान पर बहुत देर तक बैठने से बचें। टहलने या चलने से बवासीर में लाभ हो सकता है इसलिए बवासीर के मरीज को अधिक चलने का प्रयास करना चाहिए और कार्डियो व्यायाम करने की कोशिश करनी चाहिए।

डॉक्टर द्वारा बताए गए उपायों तथा उचित उपचार से बवासीर तेजी से सिकुड़ सकता है। घरेलू उपचारों के द्वारा भी बवासीर सिकुड़ सकता है जैसे दिन में तीन बार सित्ज़ बाथ करने से, नियमित टहलने से, मल त्यागने के दौरान जोर ना लगाने से बवासीर जल्दी ठीक हो सकता है।

सर्जरी का खर्च शहर, हॉस्पिटल की कैटेगरी और बवासीर की गंभीरता पर निर्भर करता है। बवासीर का ऑपरेशन कराने के लिए कई तरह की सर्जरी है। हर सर्जरी का अपना अलग-अलग लागत होता है, जैसे लेजर सर्जरी में औसतन ३०,००० से ५०,००० रूपए, ओपन सर्जरी में औसतन २०,००० से ३०,००० रूपए और स्टेपलर सर्जरी में ४०,००० से ६०,००० रुपए तक का खर्च आ सकता है।

बड़े और सूजन वाले बवासीर में गुदा से अक्सर एक बलगम स्त्राव होता है जिसमें एक दुर्गंध हो सकती है। गंभीर बवासीर में मल का रिसाव भी हो सकता है और दुर्गंध पैदा कर सकता है

 

बवासीर इलाज़ के प्रकार में सबसे सुरक्षित लेज़र सर्जरी है क्योकि इस सर्जरी के बाद मरीज को कोई दर्द नहीं होता है। यदि बवासीर अधिक गंभीर है तो मरीज़ को थोड़ा दर्द हो सकता है। सामान्य पेन किलर लेने के बाद वह दर्द भी दूर हो सकता है। इसके अलावा लेज़र सर्जरी के बाद इंफेक्शन होने की संभावना काफ़ी कम होती है।

लेज़र सर्जरी में मरीज़ को कोई बड़ा कट नहीं लगता है। इसलिए सर्जरी के बाद ज़ख्म भरने में ज़्यादा समय नहीं लगता है और तेज़ी से रिकवरी होती है। आमतौर पर, लेज़र सर्जरी के बाद मरीज़ को २४ घंटे के भीतर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इसके अलावा, ४८ घंटे बाद मरीज़ अपने जीवनशैली में शामिल सभी सामान्य काम कर सकता है।

Last Updated on: 12 December 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

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