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PF2-CURE: खूनी बवासीर के इलाज के लिए प्रभावशाली आयुर्वेदिक दवा

बवासीर जब हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है तो यह बहुत ही परेशान करने वाली स्थिति होती है। कई लोग इस लक्षण को नजरअंदाज़ करते हैं और बाद में बवासीर की स्थिति गंभीर हो जाती है। बीमारी बढ़ जाने के बाद इलाज में और ज़्यादा परेशानियां हो सकती हैं। बवासीर का इलाज कई तरीकों से होता है जैसे दवाइयां, घरेलू नुस्खें और सर्जरी के जरिए। आज हम एक आयुर्वेदिक दवा पीएफ2-क्योर® से बवासीर के इलाज के बारे में जानेंगे। पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए पूरा ब्लॉग पढ़ें।

बवासीर के बारे में

गुदा के कोमल भाग में रक्त वाहिकाओं के सूजने और गाँठ बन जाने को बवासीर या पाइल्स कहा जाता है। इसके कारण खुजली और मलाशय से खून बहना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बवासीर का इलाज कई तरीकों से किया जाता है। इन्हीं में से एक सर्जरी रहित तरीका है पीएफ2-क्योर® दवा का उपयोग करना जिससे बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज हो सकता है और इसके कोई खराब असर भी नहीं हैं।

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पीएफ2-क्योर® - बवासीर से राहत देने वाली दवा

पीएफ2-क्योर® बवासीर के मूल कारण पर काम करती है। यह सभी चरणों और ग्रेड के बवासीर के स्थायी इलाज के लिए भारत में उपलब्ध सर्वोत्तम आयुर्वेदिक दवा है। इसकी मदद से बिना किसी सर्जरी की आवश्यकता के बवासीर का प्राकृतिक और सुरक्षित इलाज किया जा सकता है।

यह एक सूजन कम करने वाला नुसख़ा है जिसका उपयोग तीव्र दर्द को शांत करने, सूजन और रक्तस्राव को कम करने के लिए किया जाता है। यह आयुर्वेदिक दवा कोशिकाओं में प्रवेश करके बवासीर से तत्काल राहत प्रदान करती है। यह विशेष रूप से एनो-रेक्टल क्षेत्र में सूजन पर सीधे काम करती है। यह दवा ग्रंथि स्तर पर मौजूद संक्रमण पर बहुत सटीक रूप से कार्य करती है और इसलिए गुदा क्षेत्र में घावों और बवासीर को ठीक करने के लिए बेहतरीन विकल्प है।

यह आयुर्वेदिक दवा नीचे दी गई एनो-रेक्टल जटिलताओं पर तुरंत काम करती है:-

  1. शौच के समय खून आना
  2. दर्द, खुजली, जलन और सुई चुभने की अनुभूति होना
  3. गुदा के चारों ओर आंतरिक या बाहरी गांठ होना
  4. गुदा के आसपास सूजन होना
  5. बवासीर वाले हिस्से में सूजन और डिस्चार्ज होना

पीएफ2-क्योर के फ़ायदे

  1. परिणामों के लिए ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ता, आमतौर पर 3-4 दिनों में कार्य करती है।
  2. बार-बार सर्जरी नहीं करानी पड़ती और सर्जरी की महंगी, जटिल प्रक्रिया से छुटकारा मिलता है।
  3. लंबे समय तक एंटीबायोटिक, दर्द निवारक दवाएं और क्रीम की ज़रूरत नहीं पड़ती।
  4. आपको जांच कराकर नहीं करानी पड़ती।
  5. छुट्टी लेने की ज़रूरत नहीं, न ही बिस्तर पर आराम और अस्पताल में भर्ती होने की कोई आवश्यकता है।
  6. प्रोडक्ट सुरक्षित है और दुष्प्रभाव नहीं है।

आहार संबंधी परहेज़ तथा सुझाव

पीएफ2-क्योर® लेने के दौरान कुछ चीज़ों से बचने की सलाह दी जाती है, ताकि दवा ठीक से काम कर सके और आप सही और स्थायी परिणाम पा सकें।

  1. दवा लेने के बाद 1 घंटे तक कुछ भी न खाएं
  2. एक महीने तक बैंगन, आलू और करेले से परहेज़ करें
  3. एक महीने तक तली हुई चीजों और मसालेदार भोजन से परहेज़ करें
  4. जिन दिनों में आप दवा ले रहे हैं उन दिनों में शराब न पिएं
  5. अंडा एवं किसी प्रकार का मांसाहारी भोजन न लें
  6. खूब पानी, छाछ और दही, सलाद, हरी सब्जियां (भोजन के विकल्प के रूप में नहीं) लें
  7. ऐसा खाना खाएं जो आसानी से पचे
  8. ज़्यादा देर तक एक ही जगह पर बैठने से बचें

पीएफ2-क्योर® कैसे काम करती है

पीएफ2-क्योर® एनो - रेक्टल क्षेत्र में सूजन वाली नसों पर सटीक रूप से कार्य करती है, पाचन में सुधार करने में मदद करती है, आंत के मूवमेंट को नियमित करती है और जठरांत्र संबंधी मार्ग को शांत करती है। दवा का सेवन करते समय रोगी को अपनी स्थिति में ज़बरदस्त सुधार महसूस होता है, भले ही समस्या बहुत पुरानी हो या नई हो और सर्जरी के साथ या बिना सर्जरी के।

पीएफ2-क्योर की सुरक्षा प्रोफ़ाइल

पीएफ2-क्योर® में उच्च शक्ति के अर्क और जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है और इसमें कोई अतिरिक्त रसायन, हार्मोन, संरक्षक और स्टेरॉयड नहीं होते। किसी भी भारी धातु संदूषण और माइक्रोबायोलोजिकल कंटैमिनेशन के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित प्रयोगशालाओं में प्रत्येक बैच का सावधानीपूर्वक परीक्षण किया जाता है। गर्भावस्था और गर्भावस्था के बाद बवासीर और फिशर के मामलों के लिए भी दवा बिल्कुल सुरक्षित है। पीएफ2-क्योर® के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं, हालांकि रोगी को वैरिकाज़ नसों के सामान्य आकार में वापस आने और घावों के सूखने के कारण गुदा क्षेत्र में कुछ खुजली/खिंचाव/सूखने की अनुभूति हो सकती है। सभी आयु वर्ग के लोग पीएफ2-क्योर® को बिना किसी साइड इफेक्ट के ले सकते हैं।

पीएफ2-क्योर के मिश्रण में प्रमुख अवयव इस प्रकार हैं:-

  1. कलौंजी
  2. घृतकुमारी (एलोवेरा)
  3. सौंफ
  4. तुलसी
  5. शतावरी
  6. आंवला
  7. दारुहरिद्रा
  8. बहेड़ा
  9. हरड़
  10. अमलतास
  11. दालचीनी

आपको पीएफ2-क्योर की सात डोज़ खरीदने के लिए ₹1,100.00 देने होंगे।

मुझे डॉक्टर की मदद कब लेनी चाहिए?

शुरुआती चरणों में बवासीर को दवाओं से ठीक किया जा सकता है लेकिन अगर बीमारी बढ़ जाए और बवासीर के इलाज में दवाएं असर न कर रही हों, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।  आपको डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए यदि:

  1. घर पर उपचार के 1 सप्ताह के बाद भी आपको बवासीर के लक्षण मौजूद हों
  2. आपके मलाशय से खून बह रहा हो

बवासीर के उपचार के परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं और यह रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है। इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद, आपको पीएफ2-क्योर® आयुर्वेदिक दवा, यह कैसे काम करता है, और इसके फायदे के बारे में पता चल गय होगा। यदि आपका कोई प्रश्न है, तो आप हेक्साहेल्थ पर हमारी व्यक्तिगत देखभाल सहायक टीम को कॉल कर सकते हैं। हम आपकी सभी शंकाओं का समाधान करेंगे। बवासीर से संबंधित अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी HexaHealth वेबसाइट पर भी जा सकते हैं। अधिक जानकारी हमेशा अच्छी होती है।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

पीएफ २ क्योर औषधि एक एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा है जिसका इस्तेमाल बवासीर, फिशर और फिस्टुला के इलाज में किया जाता है। पीएफ २ क्योर औषधि समस्या के मूल कारण पर काम करता है। पीएफ २-क्योर से गुदा संबंधी समस्या का प्राकृतिक और सुरक्षित इलाज हो जाता है।

आयुर्वेदिक उपचार जैसे क्षार सूत्र और पीएफ २ क्योर से बवासीर ठीक होने के बाद फिर से होने की संभावना कम रहती है। लेकिन अगर आप देखरेख में लापरवाही और खान - पान सही नहीं  रखते हैं तो बवासीर वापस आ सकता है।

खाद्य पदार्थों की बात करें तो काबुली चना, सोयाबीन, उड़द दाल, मटर, छोले आदि  खाने से बचे। सब्ज़ी और फल में शिमला मिर्च, आलू, कटहल, बैंगन, जामुन, अरबी (गुइया), भिंडी, कच्चा आम, आड़ू और मिर्च खाने से परहेज करें। इसके अलावा जंक फ़ूड, तैलीय मसालेदार खाद्य पदार्थ, बेकरी उत्पाद, मांसाहार भोजन , समोसा, पकोड़ी, अम्ल, चाट, पापड़, डिब्बाबंद भोजन आदि खाने से परहेज़ करना चाहिए।

आमतौर पर १-२ साल के रोगियों के लिए केवल सात दिन के कोर्स की आवश्यकता होती है। हालांकि बवासीर की गंभीरता और समस्या की अवधि के आधार पर कभी-कभी एक या अधिक महीनों के कोर्स की आवश्यकता हो सकती है।

पीएफ २ क्योर हर्बल अर्क से बनी आयुर्वेदिक और प्राकृतिक दवा है। इसमें किसी भी प्रकार का रसायन, हार्मोन और भारी धातुओं का मिश्रण नही है। यह बच्चों से लेकर वृद्ध व्यक्तियों तक इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, गर्भवती महिला भी पीएफ २ क्योर का सेवन कर सकती है।

पीएफ २ क्योर आयुर्वेदिक और प्राकृतिक तत्व जैसे कि कलौंजी, एलोवेरा, तुलसी, सौंफ, आंवला, बहेरा और नीम आदि से बनी औषधि है। इसीलिए पीएफ २ क्योर का सेवन करने पर कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं।

पीएफ २ क्योर एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है, लेकिन फिर भी डॉक्टर की सलाह पर पीएफ २ क्योर का सेवन करना अच्छा रहेगा। विशेष कर तब जब आप गर्भवती है या आपको किसी चीज की एलर्जी है।

पीएफ २ क्योर एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो आपको बड़े आसानी से आपके नजदीकी मेडिकल या आयुर्वेदिक दुकान पर मिल जाएगी। इसके अलावा, आप ऑनलाइन भी पीएफ २ क्योर को खरीद सकते हैं।

आमतौर पर जब तक आपको बवासीर से पूरी तरह निजात नहीं मिलता तब तक आपको पीएफ २ क्योर लेना चाहिए। लेकिन यदि, आपको इससे आराम नहीं मिल रहा तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

पीएफ 2 क्योर से बवासीर ठीक होने के बाद अगर आप अपने जीवनशैली को बेहतर रखेंगे तो बवासीर होने की संभावना बहुत कम होती है। वहीं, अगर फिर से बिना फाइबर वाले आहार लेने लगे, देर तक बैठे या खड़े रहने लगे तो बवासीर वापस होने की संभावना बढ़ सकती है।

आपको पीएफ २ क्योर के साथ किसी अन्य दवा या औषधि लेने की कोई आवश्यकता नहीं हैं। पीएफ २ क्योर आपको बवासीर की समस्या से निजात दिलाने में कारगर है।

आमतौर पर पीएफ २ क्योर का इस्तेमाल बवासीर, फिशर और फिस्टुला के इलाज में किया जाता है। यदि आप अन्य बीमारी से ग्रसित हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनके सलाह पर औषधि लेनी चाहिए।

आप एलोपैथी के साथ-साथ पीएफ २ क्योर भी ले सकते हैं। इससे आपको कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होगा। अगर आप हार्ट या डाइबिटीज के मरीज है तो पीएफ २ क्योर के साथ अपनी दवाएं ले सकते हैं। इसके बारे में आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

पीएफ २ क्योर के साथ आप एलोपैथिक या होम्योपैथी की दवाओं को ले सकते हैं। पीएफ २ क्योर का आमतौर पर सात दिनों का कोर्स होता है। बवासीर के लिए एक समय पर एक ही दवा का इस्तेमाल करें। जिस दवा से आपको राहत मिलती है उसी का इस्तेमाल करें। इस बारे में आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

Last Updated on: 12 December 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

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