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बवासीर में क्या खाएं? - Best and Worst Foods for Piles in Hindi

गुदा के कोमल भाग में रक्त वाहिकाओं के सूजने और गाँठ बन जाने को बवासीर या पाइल्स कहा जाता है। इसके कारण खुजली और मलाशय से खून बहना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

बवासीर क्यों होता है

बवासीर दो प्रकार की होती है:

  1. बाहरी बवासीर, जो गुदा के आसपास की त्वचा के नीचे बनती है
  2. आंतरिक बवासीर, जो गुदा और निचले मलाशय की परत में बनती है

बवासीर होने की कई वजहें हो सकती हैं, बवासीर होने की अधिक संभावना है यदि

  1. आप मल त्याग के दौरान ज़्यादा ज़ोर लगाते हैं
  2. आप लंबे समय तक टॉयलेट में बैठे रहते हैं
  3. आपको कोई पुराना कब्ज़ या दस्त की समस्या है
  4. आप ऐसे खाद्य पदार्थ खाते हैं जिनमें फाइबर कम है
  5. आप 50 वर्ष से अधिक उम्र के हैं
  6. आप गर्भवती हैं
  7. आप अक्सर भारी वस्तुओं को उठाते हैं
  8. आप सिगरेट या शराब का सेवन करते हैं
  9. आपका वज़न बढ़ा हुआ है

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बवसीर के लक्षण

अगर आपको बवासीर है, तो आपको इन लक्षणों का अनुभव हो सकता है:

  1. गुदा वाले हिस्से में दर्द और खुजली होना
  2. मलाशय से खून बहना
  3. गुदा वाले हिस्से में गांठ बनना
  4. श्लेष्मा निकलना (म्यूकस डिस्चार्ज)
  5. मलद्वार के आसपास खुजली और सूजन होना
  6. स्टूल पास करते समय दर्द का अनुभव होना
  7. स्टूल में खून आना

नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें जो हानिकारक हैं

  1. कैफीन युक्त पदार्थ जैसे कि कॉफ़ी और चाय- कैफीन का सेवन पाचन के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। कैफीन का ज़्यादा सेवन करने से दस्त हो सकता है। साथ ही, कैफीन का सेवन आपको कब्ज़ भी कर सकता है और इससे शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है। कैफीन युक्त पदार्थ मलाशय में सूजन का कारण बन सकते हैं। इसलिए बवासीर में कैफीन युक्त पदार्थ खाने से बचें। 
  2. फ्राइड या फैट वाला भोजन न खाएं - फैट वाला भोजन करने से पेट में दर्द और जलन की समस्याएं हो सकती हैं। इन पदार्थों का सेवन करने से बवासीर का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि तैलीय पदार्थ कब्ज़ की शिकायत को बढ़ा देते हैं। ज़्यादा फैट वाले भोजन से पाचन प्रक्रिया पर असर पड़ता है और खाना पचाने में मुश्किल हो सकती है।
  3. प्रोटीन वाले आहार जैसे टोफू, बीन्स, अंडे, दूध, नट्स, रेड मीट आदि - प्रोटीन वाले आहार न खाएं। अगर आप बवासीर से पीड़ित है तो चाहे प्लांट प्रोटीन हो या फिर एनिमल प्रोटीन, किसी भी तरह के प्रोटीन वाले आहार का सेवन करने से बचें। एनिमल प्रोटीन का सेवन करने से अधिक समस्याएं हो सकती हैं। प्रोटीन ठीक से नहीं पच पाता है जिसके कारण कब्ज़ और मलाशय (Rectum) में जलन होती है। यह गुदा मार्ग में सूजन को बढ़ाकर बवासीर को भी बढ़ाता है।
  4. मिर्च-मसाले वाला या मसालेदार भोजन न खाएं - मिर्च-मसाले बवासीर में दर्द और जलन को बढ़ाते हैं और पेट में बेचैनी पैदा करते हैं।
  5. बेकरी वाले आहार जैसे केक, पेस्ट्री- बेकरी फूड्स जैसे कि केक और पेस्ट्री आदि में अंडे की भरपूर मात्रा पाई जाती है। यह कब्ज़ उत्पन्न करते हैं और बवासीर के खतरे को भी बढ़ा देते हैं, इसलिए बवासीर के दौरान बेकरी वाला आहार खाना नुकसानदेह हो सकता है और इसका सेवन न करें।
  6. शराब या सिगरेट न पिएं – शराब पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसके कारण मल सख्त हो जाता है।, साथ ही, सिगरेट गुदा में रक्त प्रवाह को बढ़ा देती है जिससे प्रेशर पड़ता है और बवासीर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। 

बवासीर में लाभदायक खाना

एनआईडीडीके (NIIDK)के अनुसार, ऐसी सलाह दी जाती है कि प्रति 1,000 कैलोरी में फाइबर की मात्रा 14 ग्राम होना चाहिए। उदाहरण के लिए, 2,000 कैलोरी वाले आहार के लिए, प्रति दिन 28 ग्राम फाइबर का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

  1. खूब पानी पिएं – पानी पीने के बहुत फ़ायदे हैं। खूब पानी पीने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बड़ी आसानी से आँतों से होकर निकल जाते हैं। बवासीर है तो दिन में 4-5 लीटर पानी पिएं। आप कुछ अलग तरल पेय पदार्थ जैसे खीरे का जूस, पालक का जूस आदि भी पी सकते हैं। अच्छा है कि कोई स्वस्थ तरल पदार्थ पियें।
  2. हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ खाएं - हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ पाचन तंत्र को सुधारने का काम करती हैं और आंतों को भी साफ़ करती हैं। इसलिए भरपूर मात्रा में पालक, गाजर, पत्ता गोभी, खीरा, ब्रोकली आदि का सेवन करें। इसके अलावा, पत्तेदार सब्ज़ियों में कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन भी होते हैं जो मांसपेशियों के लिए फायदेमंद होते हैं।
  3. साबुत अनाज खाएं – साबुत अनाज का सेवन पाचन क्रिया में किसी प्रकार की परेशानी नहीं करता है जिससे मलत्याग आसानी से हो जाता है। अपने आहार में ओटमील, मल्टी ग्रेन ब्रेड, ब्राउन राइस आदि शामिल करें। चोकर की रोटी खाएं, इसमें भरपूर फाइबर पाया जाता है।
  4. ईसबगोल की भूसी - इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो कब्ज़ से छुटकारा दिलाते हैं।
  5. छाछ पिएं - छाछ नसों को शांत करता है जिससे ठंडक महसूस होती है और इसके सेवन से सूजन भी दूर होती है। साथ ही। छाछ पीने से बवासीर की समस्या के प्रमुख कारणों जैसे एसिडिटी और अपच से तुरंत राहत मिलती है जो बवासीर को ठीक करने में सहायक है।
  6. फल खाएं - ताज़े और शुद्ध फलों को छिलके (जो खाये जा सकते हो) के साथ खाएं, क्योंकि छिलके में सबसे अधिक फाइबर मौजूद होता है। फलों में कई तरह के विटामिन और मिनरल भी होते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। फल जैसे केला, संतरा, अंगूर आदि से बवासीर में लाभ मिलता है।
  7. अंकुरित अनाज खाएं - रोज़ाना आधा कटोरी अंकुरित अनाज का सेवन करना बहुत लाभदायक होगा।
  8. दही खाएं - अगर गुदा क्षेत्र में सूजन है तो दही ज़रूर खाएं।

बवासीर को कैसे ठीक करें

शुरुआती चरणों में बवासीर को दवाओं से ठीक किया जा सकता है लेकिन अगर बीमारी बढ़ जाए और बवासीर के इलाज में दवाएं असर न कर रही हों, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।

मुझे डॉक्टर की मदद कब लेनी चाहिए?

आपको डॉक्टर की मदद तब लेनी चाहिए यदि:

  1. घर पर उपचार के 1 सप्ताह के बाद भी आपको बवासीर के लक्षण मौजूद हों
  2. आपके मलाशय से खून बह रहा हो

बवासीर का इलाज कराने के लिए कहाँ संपर्क करें?

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हेक्साहेल्थ की मदद से बवासीर के इलाज के लिए सही डॉक्टर और सही अस्पताल का पता लगाएं। हेक्साहेल्थ अपने तरह का पहला ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो सही डॉक्टर और सही अस्पताल खोजने से लेकर अस्पताल में भर्ती होने, बीमा, फाइनेंस और सर्जरी के बाद ठीक होने तक रोगी की सर्जरी के अनुभव को आसान बनाने का ध्यान रखता है।

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अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

अदरक बवासीर के लिए उपयोगी माना जाता है। अदरक में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और अन्य गुण होते हैं जो आपको बवासीर में मदद कर सकते हैं। ताजा अदरक का रस शहद के साथ नींबू और पुदीने का रस मिलाकर बवासीर के लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है।

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कुछ जूस ऐसे हैं जो बवासीर के लिए उपयोगी हो सकते हैं जैसे कि अदरक का रस, एलोवेरा का रस, अनार का रस, आदि। लेकिन, इन रसों का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

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जिन खाद्य पदार्थों में फाइबर कम होता है या जिनमें फाइबर नहीं होता है, वह बवासीर को बढ़ावा दे सकता है। फास्ट फूड, चीज़, मांस, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, आइसक्रीम, तैयार भोजन (जमे हुए भोजन), आदि जैसे भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

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पानी आपको अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहने में मदद करेगा। ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जो यह निर्दिष्ट करता हो कि बवासीर के लिए गर्म पानी पिया जा सकता है या नहीं, लेकिन यह सलाह दी जाती है कि आप ढेर सारा पानी पिएं, यह गर्म या ठंडा हो सकता है। जब आपके शरीर को पर्याप्त पानी नहीं मिलता है, तो आपके शरीर के लिए मल त्याग करना मुश्किल हो जाता है। इससे पेल्विक प्रेशर बढ़ जाता है और बवासीर बढ़ जाती है। इसलिए आपको अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है।

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बवासीर सहित कई प्रकार के रोगों में शहद उपयोगी है। शहद में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी सहित कई गुण होते हैं, जो बवासीर के लिए मददगार हो सकते हैं। लेकिन, यह जरूरी है कि आप शहद का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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फाइबर से भरपूर फल जैसे सेब, नाशपाती, प्रून, रसभरी आदि आपके बवासीर को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

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बवासीर के लिए प्याज उपयोगी और मूल्यवान माना जाता है। यह बताया गया है कि प्याज कुछ ही दिनों में बवासीर के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है। प्याज में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-कैंसर, विटामिन्स (विटामिन सी), और मिनेरल्स आदि जैसे औषधीय गुण होते हैं, जो आपको बवासीर से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं। ताजा और कच्चा प्याज खाने से अधिक लाभकारी प्रभाव पड़ता है।

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बेहतर होगा कि आप ऐसी चाय और कॉफी का सेवन न करें जिससे कब्ज की समस्या हो सकती है। ऐसे भोजन से बचें जो आपकी आंतों में जलन पैदा करता हो। कुछ लोगों के लिए, डेयरी उत्पादों में लैक्टोज होने के कारन पेट मैं जलन हो सकता है। इसलिए दूध वाली चाय से परहेज करें।

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फल के रूप में केला एक प्राकृतिक रेचक है जो कब्ज हटाने में आपकी मदद कर सकता है और बवासीर के लक्षणों से राहत दिला सकता है।

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नींबू के रस में विभिन्न पोषक तत्व होते हैं जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट गुण जो आपको रक्त वाहिकाओं को मजबूत करके बवासीर से राहत दिला सकते हैं। इसलिए लेमन टी पाइल्स के लिए मददगार हो सकती है, लेकिन आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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बवासीर के लिए जीरा एक अच्छा उपाय माना जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और अन्य गुण हैं जो बवासीर के लिए सहायक हो सकते हैं। इसलिए जीरे का पानी पाइल्स के लक्षणों से छुटकारा पाने में आपकी मदद कर सकता है।

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बवासीर के लिए अदरक और लहसुन दोनों ही फायदेमंद माने जाते हैं। अदरक और लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और अन्य लाभ होते हैं जो बवासीर में आपकी मदद कर सकते हैं। यह रक्त वाहिकाओं को आराम देकर सामान्य ब्लड-प्रेशर को बनाए रखने में भी मदद कर सकता है। लेकिन अगर आपके बवासीर के लक्षण कम नहीं होते हैं तो आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

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घी बवासीर के लिए एक अच्छा उपाय माना जाता है। अपने आहार में अच्छे वसा को शामिल करना बवासीर को ठीक करने और भविष्य में उनसे बचने का एक अच्छा तरीका है। घी आवश्यक फैटी एसिड का एक बड़ा स्रोत है। यह पाचन तंत्र को चिकनाई देता है, जिससे मल त्याग करना आसान हो जाता है। यह आपको बवासीर के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।

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दही और छाछ प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं। यह आंत के रोगाणुओं को समृद्ध करता है और पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। अपने दैनिक आहार में दही या छाछ को शामिल करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता और आंत के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है, और बवासीर के लक्षणों से राहत पाने में मदद मिल सकती है। यदि आपके लक्षणों में सुधार नहीं हो रहा है तो कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

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फलों को फाइबर का एक अच्छा स्रोत माना जाता है और यह आपको कब्ज में मदद कर सकता है, अंततः बवासीर के लक्षणों को कम करता है। लेकिन, कृपया जांच लें कि आप पके फल का सेवन कर रहे हैं। कच्चे फल (जैसे कच्चे केले) में कुछ यौगिक हो सकते हैं जो कब्ज का कारण बनते हैं जिससे दर्द बढ़ सकता है।

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Last Updated on: 12 December 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

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