बवासीर का इलाज कई तरीकों से हो सकता है। अक्सर घरेलू उपाय की मदद से इसे काफी हद तक कम कर सकते हैं। लेकिन जब इसकी गंभीरता थोड़ी बढ़ जाती है तो इसका उपचार कई विधियों से किया जाता है।
अगर हम बवसीर को प्रारंभिक अवस्था में ठीक करे तो ये दोबारा होने की संभावना को कम करता है। आइए इस लेख में जानते हैं कि घर पर बवासीर का इलाज कैसे होता है और इससे ठीक करने के अन्य उपचार क्या है।
बवासीर गुदा या मलाशय में या उसके आस पास रक्त वाहिकाओं में सूजन के कारण होता है। बवासीर नसें मलाशय और गुदा के सबसे निचले हिस्से में होती हैं l कभी कभी ये नसें सूज जाती है जिससे मल त्याग करते समय खून भी आ जाता है।
बवासीर मुख्य रूप से दो प्रकारों में वर्गीकृत होते हैं:
प्रारंभिक अवस्था में बवासीर का इलाज करने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है क्योंकि यह स्थिति को बिगड़ने से पहले रोक सकता है। कुछ अन्य आवश्यकताएं इस प्रकार हैं:
पाइल्स का उपचार मलाशय और गुदा में सूजन वाली नसों के कारण होने वाले लक्षणों को कम करने का एक तरीका है। सही इलाज से दर्द, खुजली और परेशानी को रोका जा सकता है। यह रक्तस्राव और संक्रमण जैसी जटिलताओं को ठीक करता है।
बवासीर का इलाज कई विधियों द्वारा किया जा सकता है। इन विधियों में घरेलू उपचार, होम्योपैथी , सर्जरी, नॉन सर्जरी आदि शामिल हैं। इलाज की सफलता स्थिति की अवस्था, लक्षणों की गंभीरता और चुने गए उपचार के प्रकार पर निर्भर करती है। आइए इन सभी विधियों को विस्तार से समझते हैं।
खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करके हम बिना सर्जरी के बवासीर को ठीक कर सकते हैं।
कई लोग अस्पताल में भर्ती होने के बजाय घरेलू उपचार या ओवर-द-काउंटर उपचार पसंद करते हैं। बवासीर के लिए ऐसे कई उपाय मददगार साबित होते हैं और कम दिनों में बवासीर को ठीक करने में मदद करते हैं। कुछ असरदार घरेलू नुस्खे इस प्रकार हैं:
आपका डॉक्टर अनुशंसा कर सकता है कि आप अधिक फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाएं जिसे खाने से मल नरम और आसान होता है । फाइबर युक्त आहार और लिक्विड का सेवन बवासीर के इलाज और रोकथाम में मदद मिल सकती है। निम्न उपायों द्वारा बवासीर की समस्या से निपटा जा सकता है:
सब्जियां :फाइबर युक्त फल :
तरल पदार्थ का सेवन :
अपनी जीवनशैली में बदलाव करके आप बवासीर को और भी गंभीर होने से रोक सकते हैं। निम्नलिखित क्रियाएं बवासीर के प्रभावी ढंग से इलाज में मदद कर सकती हैं:
होम्योपैथिक से भी बवासीर का इलाज किया जा सकता है। अगर बवासीर प्राथमिक अवस्था हो तो इसका उपचार स्थायी है। बवासीर के लिए कुछ होम्योपैथिक दवाएं हैं:
आयुर्वेद चिकित्सा की एक प्राचीन प्रणाली है जो भारत में उत्पन्न हुई है, और यह बवासीर सहित विभिन्न स्थितियों के इलाज के लिए हर्बल अर्क, खनिज और मालिश जैसे प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करती है। यहां पांच आयुर्वेदिक उपचार विकल्प दिए गए हैं जिनका उपयोग बवासीर के लक्षणों को कम करने के लिए किया जा सकता है:
डॉक्टर बवासीर का इलाज एक आउट पेशेंट प्रक्रिया द्वारा करते है। लगातार रक्तस्राव या दर्दनाक बवासीर के लिए आपका डॉक्टर उपलब्ध अन्य प्रक्रियाओं में से एक की सिफारिश कर सकता है। ये उपचार आपके डॉक्टर आउट पेशेंट सेटिंग में कर सकता है और आमतौर पर एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती है, जिसमे निम्नलिखित उपचार शामिल है :
बवासीर वाले केवल कुछ प्रतिशत लोगों को ही सर्जरी की आवश्यकता होती है। हालांकि, यदि अन्य प्रक्रियाएं सफल नहीं हुई हैं या आपको गंभीर बवासीर की समस्या है, तो आपका डॉक्टर निम्न में से किसी एक सर्जरी की सलाह दे सकता है:
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बवासीर में मरीज को दर्द और असहजता महसूस होती है। ऐसे में इससे जितनी जल्दी छुटकारा मिल जाए उतना अच्छा होता है। बवासीर से तेजी से निपटने के लिए इन चीजों का पालन करें :
अक्सर लोगों को बवासीर होकर ठीक भी हो जाता है लेकिन उन्हें पता नही चलता। अधिकतर लोगों का बवासीर घरेलू उपायों से कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है। कुछ लोगों में अधिक मसालेदार खाने और फाइबरयुक्त भोजन न लेने के कारण बवासीर गंभीर हो जाता है जिसे ठीक होने में समय लगता है। गंभीर बवासीर में डॉक्टर सर्जिकल या नॉन सर्जिकल उपचार की सलाह देते हैं। उपचार के बाद रिकवर होने में औसतन २-३ हफ्ते लग सकते हैं।
आपके गुदा के अंदर जब नसों में उभार या सूजन आ जाती है तो शौच के समय दर्द करता है, इसे बवासीर कहते हैं। जब इन सूजी हुई नसों में खून के थक्के बन जाते हैं और इन पर दाब पड़ता है तो ये फट सकते हैं। इस प्रकार के बवासीर को थ्रोंबोस्ड बवासीर कहा जाता है। अगर आपके मल में दर्द के साथ खून आता है तो आपको थ्रोंबोस्ड बवासीर हो सकता है। इसके अलावा खून आने का कारण कोलोरेक्टल कैंसर भी हो सकता है। ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास जाकर जांच कराना बहुत जरूरी होता है।
वैसे तो बवासीर के शुरुआत में आप घरेलू उपायों की मदद से बवासीर से निजात पा सकते हैं। घरेलू उपायों जैसे दिन में २-३ बार सिट्ज़ बाथ लेना, आहार में फलों और हरी सब्जियों को शामिल करना, नारियल तेल से बवासीर का मसाज करना, रोज सुबह २० मिनट ब्रिस्क वॉक करना ( तेज गति से टहलना ) इत्यादि। लेकिन जब इन घरेलू उपायों से भी राहत नहीं मिलती है तो आपको डॉक्टर के पास जाने में देरी नहीं करनी चाहिए।
बवासीर का इलाज न करने पर बहुत दर्द और खून बहता है जिससे एनीमिया होने की संभावना बढ़ जाती है। बवासीर में खून की सप्लाई बंद होने के कारण गांठें टूटकर लटक (स्ट्रैंगुलेट) जाती हैं और सड़ने लगती हैं, इसे गैंग्रीन कहा जाता है। ऐसी स्थिति में बहुत तेज दर्द हो सकता है। बवासीर का इलाज न होने पर बैठने और उठने में समस्या आती है।
कुछ लोगों में बवासीर जटिलता नही उत्पन्न करता है और ठीक भी हो जाता है। अगर आपको शुरुआती बवासीर है तो आप घरेलू उपायों और जीवनशैली में सुधार लाकर इसे ठीक कर सकते हैं। कुछ घरेलू उपाय जैसे फाइबरयुक्त भोजन लेना, सिट्ज़ बाथ लेना, लंबे समय तक बैठे या खड़े रहने के बजाय ब्रिस्क वॉक करना (तेज गति से टहलना),नारियल तेल से बवासीर का मसाज करना, पानी खूब पीना, इत्यादि। अगर बवासीर गंभीर हो रहा है तो बिना इलाज के यह ठीक नहीं होगा। ऐसे में आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर आपके बवासीर की जांच करेंगे और उचित इलाज की सलाह देंगे।
बवासीर होने पर स्टूल के साथ खून आता है। इसके कारण आपको एनीमिया हो सकता है। इसके अलावा बवासीर में खून की सप्लाई कम या बंद होने पर नसों में खून के थक्के बनने लगते हैं जो स्ट्रैंगुलेटेड (टूटकर लटक जाते हैं) हो जाते हैं। स्ट्रैंगुलेटेड बवासीर होने पर दर्द बढ़ जाता है। बवासीर होने जीवन का खतरा नहीं रहता है लेकिन दर्द असहनीय होता है। इसलिए बवासीर होने पर इसे नजरंदाज न करें और डॉक्टर के पास जाकर उचित इलाज कराएं।
अक्सर ग्रेड ३ और ४ स्तर के बवासीर में डॉक्टर सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। ग्रेड ३ और ४ स्तर का बवासीर गंभीर मामले के रूप में देखा जाता है। ग्रेड ३ में डॉक्टर आमतौर पर आपको हमेरोईडेक्टोमी, स्टेपल्ड हेमोराइडोपेक्सी या लेजर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। हमेरोईडेक्टोमी में गांठों को निकाल दिया जाता है। इस सर्जरी में मरीज को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है जिससे दर्द नही होता है। वहीं स्टेपल्ड हेमोराइडोपेक्सी में बवासीर को स्टेपल कर दिया जाता जिससे ब्लड सप्लाई रुक जाती है और यह सूखकर अलग हो जाता है। इसमें भी लोकल या जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है। लेजर सर्जरी में लोकल एनेस्थीसिया का उपयोग किया जाता है जिससे सर्जरी दर्दरहित हो जाता है।
आमतौर पर बाहरी बवासीर तब तक गंभीर नहीं होता जब तक इसमें खून का थक्का नही बनता है। इसमें खून का थक्का बनने पर बाहरी बवासीर फट जाता है और गुदा से खून आता है। ऐसा होने पर खुजली, दर्द और असहजता महसूस होती है। सामान्य तौर पर यह घरेलू उपायों से कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है। अगर यह घरेलू तरीकों से नही ठीक हो पाता तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। सर्जरी के बाद रिकवर होने में २ से ३ हफ्ते लग सकते हैं।
आमतौर पर पहले और दूसरे स्तर के बवासीर में घरेलू तरीके और नॉन सर्जिकल उपचार से बवासीर ठीक हो जाता है। अगर नॉन सर्जिकल उपचार के बावजूद यह ठीक नहीं होता और इसका स्तर बढ़कर ३ या ४ हो जाता है तो डॉक्टर आपको सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं।
बवासीर की समस्या को कम करने के लिए फाइबर युक्त भोजन लेना बेहद फायदेमंद होता है।
हां, लेज़र सर्जरी के बाद 3 दिन के अंदर आराम मिल सकता है। यदि आपकी समस्या अत्यंत गंभीर नहीं है और आपको डायबिटीज , ब्लड प्रेशर बढ़ने या घटने की शिकायत नहीं है तो आपको सर्जरी के बाद जल्दी आराम मिल सकता है।
Last Updated on: 12 December 2023
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
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