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बारिश का मौसम शुरू होते ही हर तरफ नमी बढ़ जाती है। नमी के मौसम में कवक या फफूंद बढ़ने लगता है। ऐसे में काफी लोगों को कवक या फफूंद से त्वचा संक्रमण होता है। यह अक्सर त्वचा, बाल, नाखून या श्लेष्म झिल्ली को ग्रसित करते हैं।
एक अध्ययन के हिसाब से करीब ४.१% भारतीय लोग संक्रमण से ग्रसित पाए गए है। अगर नमी के मौसम में आपको भी अक्सर त्वचा पर फफूंद संक्रमण होता है, तो आपको एंटीफंगल क्रीम एक उपयोगी समाधान हो सकता है। इस लेख में ऐसे एक क्रीम के बारे में विस्तार रूप से जानेंगे।
चिकित्सा का वर्ग | एंटीफंगल (फफुंदरोधी) सामायिक दवा |
स्थिति का इलाज / बीमारी का इलाज | टिनिया पेडिस, टिनिया क्रूरिस जैसे जॉक खुजली और टिनिया कॉर्पोरिस |
उपलब्ध खुराक प्रकार | प्रभावित त्वचा के क्षेत्र के १ इंच तक, दिन में एक बार |
उपलब्ध सूत्रीकरण | लुलिकोनाज़ोल संक्रीय संघटक |
ओवर-द-काउंटर दवाएं | नही, यह पर्चे पर मिलनेवाली दवा है। |
आदत बनाना | नही, इसकी आदत या लत नही लगती है। |
लुलिकोनाज़ोल क्रीम का इस्तेमाल आपको त्वचा के फफूंद संक्रमण से छुटकारा दिलाता है। कवक के संक्रमण के साथ ही खुजली, खराश, लालिमा और त्वचा पर निकले दाने से छुटकारा दिलाने वाली इस क्रीम के बारे में जानकारी निम्नलिखित है।
सामयिक क्रीम:लुलिकोनाज़ोल क्रीम एक स्थानीय मलहम है। इसे त्वचा पर लगाया जाता है।
दवा का वर्ग: लुलिकोनाज़ोल एज़ोल्स नामक एंटिफफूंद दवाओं के वर्ग का है।
ल्यूलिकोनाज़ोल क्रीम त्वचा पर कवक को मारकर उनकी कोशिका झिल्ली को नष्ट करके काम करती है। इसका उद्देश्य है:
फफूंद संक्रमण का रोकथाम - लुलिकोनाज़ोल क्रीम यह फफूंद के त्वचा संक्रमण के लिए इस्तेमाल की जानेवाली क्रीम है। इस क्रीम का मुख्य उद्देश्य फफूंद के विकास को धीमा करना या रोकना है। कवक से हुए त्वचा संक्रमण के लक्षण जैसे चुभन, जलन, दर्द और त्वचा के छिलने से राहत देना है।
टिनिया पेडिस का इलाज - लुलिकोनाज़ोल क्रीम टिनिया पेडिस याने खिलाड़ियों पैरों पर और पैर की उंगलियों के बीच की त्वचा पर होनेवाले फफूंद संक्रमण को ठीक करता है।
जॉक खुजली का इलाज - टिनिया क्रूरिस जिसे जॉक खुजली भी कहते है, जो कमर या नितंबों में त्वचा पर फफूंद संक्रमण फैलाता है, लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग इसे ठीक करता है।
दाद से राहत - टिनिया कॉर्पोरिस जिसे दाद भी कहते है इसका भी इलाज लुलिकोनाज़ोल क्रीम से होता है।
यह क्रीम ओवर-द-काउंटर क्रीम नही है, जिसे आप चिकित्सक का पर्चा दिखाकर नजदीकी मेडिकल से ले सकते है। लुलिकोनाज़ोल क्रीम के संघटक निम्न प्रकार हैं:
लुलिकोनाज़ोल क्रीम के प्रति ग्राम क्रीम में १०मिलीग्राम लुलिकोनाज़ोल संक्रीय संघटक होता है। यह सक्रिय संघटक दवा के अपेक्षित प्रभाव का कारण बनता है।
निष्क्रिय संघटक यह दवा के चिकित्सीय तत्व को प्रभावित नहीं करते हैं। यह संघटक रंग, स्वाद और संरक्षक घटक के रूप में कार्य करते हैं। लुलिकोनाजोल क्रीम में १% में निम्न निष्क्रिय संघटक मौजूद होते है:
लुलिकोनाजोल क्रीम को उपयोग करने का सही तरीका फफूंद के संक्रमण से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। इसे उस हर हिस्से में चाहिए जहा त्वचा पर फफूंद संक्रमण है। इस क्रीम को शरीर पर लगाने के दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
किसी भी दवा के उपयोग करने से पहले उस दवा केप्रशासन मार्ग यानी दवा को लेने के माध्यम के बारे में जानना अवशायक है। यहां दवाइयों को लेने के विभिन्न माध्यम के बारे में जानकारी दी गई है।
लुलिकोनाजोल क्रीम को पर्चे में बताए गए डोज के अनुसार लगाना चाहिए। उम्र और फफूंद के संक्रमण के प्रकार के हिसाब से इस दवा की मात्रा ज्यादा या कम हो सकती है।
अगर आपने किसी वजह से लुलिकोनाजोल क्रीम को अधिक मात्रा में लगा लिया है तो त्वचा पर उसका प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। अगर आपको क्रीम लगाने के बाद कोई भी असुविधा होती है तो अपने चिकित्सक से परामर्श करे।
अगर आप किसी वजह से निर्धारित समय पर क्रीम लगाना भूल जाते है, तो जैसे ही आपको याद आए, आप तुरंत क्रीम लगाएं। हालाँकि, यदि रोज का क्रीम लगाने का वक्त छूट गया है, और अगले दिन का क्रीम का समय हो गया है, तो नियमित समय पर क्रीम लगाएं। छूटी हुई क्रीम को पूरा करने के लिए ज्यादा क्रीम न लगाएं।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम त्वचा पर लगाने के लिए एक मलहम के रूप में आता है। इसे संक्रमित त्वचा के आस पास १ इंच तक फैलाकर लगाया जाता है।
लुलिकोनाज़ोल यह अनेक सक्रिय और निष्क्रिय रसायन से बना सम्मिश्र उत्पाद है। इसीलिए लुलिकोनाज़ोल क्रीम के उपयोग से पहले और बाद में कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है, जैसे:
किसी भी दवा की तरह, लुलिकोनाज़ोल भी दुष्प्रभाव अनुभव करने की संभावना के साथ आता है। यदि आपको निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो अपने डॉक्टर को सूचित करना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि वे समय के साथ बने रहते हैं या खराब हो जाते हैं:
कुछ व्यक्तियों में त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली, पित्ती, या चेहरे, होंठ या जीभ की सूजन जैसी एलर्जी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण देखते हैं, तो तुरंत चिकित्सा देखभाल लें।
दुर्लभ मामलों में, लुलिकोनाज़ोल से सूजन, लालिमा या दर्द बढ़ सकता है। यदि आप इन लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को सूचित करें।
आपको उस स्थान पर जलन, खुजली या चुभन का भी अनुभव हो सकता है जहां आपने दवा लगाई थी। यदि ये लक्षण गंभीर हैं या बने रहते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
यदि आपको लुलिकोनाज़ोल का उपयोग करते समय कोई असामान्य समस्या दिखाई देती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करने में संकोच न करें।
लुलिकोनाजोल क्रीम का उपयोग यदि बिना सावधानी से किया जाए तो वह नुकसान भी पहुंचा सकता है। इस क्रीम के इस्तेमाल से पहले निम्न बातों की जानकारी जरूर रखे।दवा के साथ पारस्परिक क्रिया: लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग कुछ अन्य दवा के साथ करने से दुष्परिणाम हो सकते है। लुलिकोनाज़ोल एक रासायनिक उत्पादन है जो अन्य ऐसे उत्पादनों के साथ प्रतिक्रियात्मक हो सकता है, जिससे दिक्कत हो सकती है। ऐसी कुछ दवा के सूची में शामिल है:
भोजन या खान पान के किसी सामग्री के साथलुलिकोनाजोल क्रीम परस्पर क्रिया करती है या नहीं, इस बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग हो या कोई और दवा उसके इस्तेमाल के साथ में दवा को किस तरह रखना है, और उपयोग पूरा होने पर कैसे विक्रय करना है, इसके बारे में जानकारी रखना अत्यावश्यक है, जैसे:
आम तौर पर लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग करने के दौरान वैसे तो किसी आहार परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होती है। इसीलिए जब तक आपका चिकित्सक आपको न कहे, अपना सामान्य आहार का सेवन करे।
कुछ जीवन शैली परिवर्तन से आप विभिन्न फंगल संक्रमणों के जोखिम को कम कर सकते है। जैसे
व्यक्तिगत स्वच्छता
नियमित रूप से व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करने से आप खुद को कवक संक्रमण से बचा सकते है।
पसीना आने पर, गंदगी होने पर तुरंत स्नान करे।
स्नान करने के बाद शरीर को अच्छे से पोछे, ताकि नमी न रह पाए। स्नान करने के बाद स्वच्छ और सूखे हुए अंतर्वस्त्र पहने।
कवक के संक्रमण से बचने के लिए अपने दांतों, नाखून, और मुंह का भी ध्यान रखे। अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग कर रहे है, तो आंखो की देखभाल सही से करे।
जब भी आप सार्वजनिक स्नानघर, शौचालय का इस्तेमाल करे तो ध्यान रहे की आप नंगे पैर न जाए।
घर के बाहर की सावधानियां
फफूंद का संक्रमण अक्सर मिट्टी से जल्दी हो जाता है। इसीलिए खेलने का सामान, तौलिया, जैसे अन्य व्यक्तिगत वस्तुओं को दूसरों के साथ साझा न करें। मिट्टी में काम करते समय दस्ताने, जूते, लंबे आस्तीन वाला शर्ट और मास्क पहने।
लुलिकोनाजोल मलहम का मूल्य अलग अलग ब्रांड और बनानेवाले फार्मास्यूटिकल के हिसाब से भिन्न हो सकती है। यह क्रीम को आप ऑनलाइन भी चिकित्सक का पर्चा दिखाकर आसानी से ऑर्डर कर सकते हैं। इस क्रीम का कीमत १३५ ₹ से ५५० ₹ तक हो सकती है।
नमी से होनेवाले फफूंद संक्रमण साथ खुजली, जलन जैसे लक्षणों से आपको परेशान कर सकता है। दाद और खुजली के लक्षणों से लुलिकोनाज़ोल क्रीम राहत दे सकता है। इसका इस्तेमाल बिना चिकित्सक के परामर्श के न करे।
यदि आप फंगल समस्याओं से जूझ रहे हैं और डॉक्टर से परामर्श लेना चाहते हैं, तो HexaHealth पर जाएँ। हम आपके स्वास्थ्य संबंधी सभी छोटे-बड़े सवालों और चिंताओं का जवाब देने और उनका समाधान करने के लिए यहां हैं। आश्वस्त रहें कि हमारे साथ आपको प्रभावी और कुशल समाधान मिलेंगे।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम एक इमिडाज़ोल फफूंदनाशी है। यह विभिन्न प्रकार के कवक, फफूंद के खिलाफ शक्तिशाली आक्रामकता दिखाता है। यह फफूंद को बढ़ाने से रोकता है और उनके गतिविधि धीमा कर आपको राहत देता है।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग इन स्थितियों में है:
१. टीनिया कॉर्पोरिस (शरीर का दाद)
२. इंटरडिजिटल टिनिया पेडिस (पैर की उंगलियों के बीच का दाद)
३. टिनिया क्रूरिस (कमर का दाद)
४. कोई भी फफूंद त्वचा संक्रमण जिसमें लाल, पपड़ीदार दाने, खुजली, जलन और लालपन होता है।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग के प्रमुख फायदे इस प्रकार है:
१. यह एज़ोल्स नामक फफूंदरोधी दवाओं के एक वर्ग से संबंधित है, जो फफूंद संक्रमण के इलाज में प्रभावशील है।
२. लुलिकोनाज़ोल क्रीम संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार फफूंद को मार सकता है और उसका रोकथाम कर सकता है।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम में कवकनाशी गुण होते हैं। यह कवक या फफूंद के विकास को धीमा करता है। इसके अलावा यह मलहम कवक की कोशिका झिल्ली (एर्गोस्टेरॉल) के एक महत्वपूर्ण घटक को कम करता है। इस प्रकार से या फफूंद नाशक गतिविधि प्रदर्शित करता है।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग बिल्कुल अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार करें। जैसे अगर आपको एथलीट फुट है, तो मलहम की एक पतली परत उस जगह के त्वचा पर १ इंच तक फैलाएं। अगर जॉक खुजली या दाद है, तो प्रभावित त्वचा क्षेत्रों पर लगाएं और कम से कम १ इंच तक फैलाएं।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम के साइड इफेक्ट्स इस प्रकार से है। उपयोग किए गए स्थल पर कुछ दुष्प्रभाव हो सकते है, जैसे
१. जलन
२. खुजली
३. त्वचा का छिलना
४. सिकुड़न
ऐसे लक्षण दिखने पर अपने चिकित्सक से संपर्क करे।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग करने के बाद फफूंद की कोशिकाओ की रक्षा परत नष्ट होती है। इसकी वजह से संक्रमण धीरे धीरे कम होने लगता है।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम को संक्रमण ख़त्म होने तक ४ से ६ हफ्ते तक लगाएं। भले ही आप आराम महसूस करें तो उपचार का पूरा क्रम पूर्ण करें। ध्यान रहे, इसका इस्तेमाल केवल चिकित्सक के परामर्श से और वह जब तक कहे तब तक ही करे।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग करने के दौरान इन बातों का ध्यान रखे:
किसी भी त्वचा संबंधी समस्या के लिए लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग तभी करे जब चिकित्सक या आपके वैद्य सलाह दे।
अगर आपको किसी लुलिकोनाज़ोल क्रीम या किसी और दवा से एलर्जी है तो चिकित्सक को पहले ही सूचित करे।
अगर आप कोई दवा, विटामिन, पोषक तत्वों की खुराक और हर्बल उत्पाद का उपयोग कर रहे है तो इसके बारे में चिकित्सक को सूचित करे।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम के अन्य विकल्प है
टर्बिनाफाइन
फ्लुकोनाज़ोल
लोट्रिसोन
लैमिसिल
माइक्रोनाज़ोल
क्लोट्रिमेज़ोल
इकोनाज़ोल
लैमिसिल
नैफ्टिन
क्लोट्रिमेज़ोल
हाँ, लुलिकोनाज़ोल क्रीम अलग अलग ब्रांड के नाम से काउंटर पर उपलब्ध है। इसका अलग ब्रांड नाम है
लुलिफिन, लूलिबेट, लुलिमैक, एम्लुज़, एल-सिस, लूली लुलिडर्म, लिलिटुफ़, लुलिगी और लुलिज़ोल।
लुलिकोनाज़ोल क्रीम की कीमत अलग अलग फार्मास्युटिकल ब्रांड के तहत अलग अलग हो सकती है। आम तौर पर लुलिकोनाजोल क्रीम का मूल्य ₹१३५ से ₹५५० के बीच हो सकता है।
हाँ, अगर लुलिकोनाज़ोल क्रीम आपको चिकित्सक द्वारा लिखी गई है तो उपयोग के लिए सुरक्षित है। यदि आप गर्भवती नही है, या स्तनपान नही करा रही या आपको लुलिकोनाज़ोल एलर्जी नही है तो लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग आपके लिए सुरक्षित है।
आम तौर पर यह बाहरी उपयोग का मलहम है, इसीलिए इसका कोई विपरीत परिणाम नहीं होता है। लेकिन लुलिकोनाज़ोल क्रीम चिकित्सा स्थितियों वाले लोगो के लिए सुरक्षित है या नहीं यह चिकित्सक आपको बता सकते है।
लुलिकोनाजोल क्रीम के रखरखाव एवं निबटारे के निर्देश इस प्रकार से है:
१.लुलिकोनाज़ोल क्रीम के उपयोग के बाद उसी डिबियां में रखें जिसमें यह आया था।
२. डिबिया का ढक्कन कसकर बंद रखें और मलहम को बच्चों के पहुंच से दूर रखें।
३. इसे कमरे के तापमान पर ही रखे।
४. रोशनी, अधिक गर्मी और नमी वाली जगह जैसे रसोई घर या स्नानघर में न रखे।
नही, गर्भावस्था के दौरान लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग न करे। गर्भावस्था में इसकी सुरक्षा का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक पुष्टिकरण नहीं है। हर स्थिती में अपने चिकित्सक से परामर्श करे।
हाँ, लुलिकोनाज़ोल क्रीम का उपयोग १२ वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में उपयोग के लिए सुरक्षित और प्रभावशाली है। इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता बच्चों एवं वयस्कों के बीच समान देखी गई है।
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Last Updated on: 20 November 2023
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
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Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
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