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मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद आंखों की देखभाल कैसे करें?

मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद आंखों की देखभाल एवं संबंधित निर्देश: जब मोतियाबिंद पुराना हो जाता है तो आंख से दिखना लगभग बंद हो जाता है। ऐसे में विशेषज्ञों द्वारा सर्जरी की सलाह दी जाती है। सर्जरी होने के बाद आंखों का ध्यान रखना अति आवश्यक हो जाता है क्योंकि अगर ध्यान नहीं रखा गया तो आंखों में इन्फेक्शन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद आंखों का ध्यान कैसे रख सकते हैं, आइए जानते हैं इस लेख में। 

 

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखों का ध्यान कैसे रखें?

सामान्यतः आंखों की दृष्टि वापस आने में कुछ दिन लग जाते हैं। मोतियाबिंद की सर्जरी के पहले या दूसरे दिनों में अगर आपकी आंखों में पानी, धुंधलापन, दोहरी दृष्टि, रूखापन या आंखें लाल हैं तो घबराने की कोई बात नही है। ये साइड इफेक्ट्स कुछ दिनो में ठीक हो जाते हैं। आप तसल्ली के लिए अपने डॉक्टर से बात भी कर सकते हैं। 

मोतियाबिंद की सर्जरी करवाने के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होते समय सर्जन आपको अपनी आंखों का ध्यान इस प्रकार रखने को बोलते हैं

  1. हॉस्पिटल से घर पहुंचने के दो से तीन घंटे बाद अपने आंखों पर लगी पट्टी को निकाल लें। 
  2. सर्जरी के बाद हर घंटे एंटीबायोटिक ड्रॉप को आंखों में डालते रहना है। यह पूरे 6 घंटों के लिए करना होता है। यानी एंटीबायोटिक ड्रॉप को 6 बार डालना होता है। 
  3. सर्जरी के बाद टॉपिकल स्टेरॉइड ड्रॉप्स को हर 2 घंटे में डालना होता है। इसे भी पूरे 6 घंटों के लिए करना होता है। यानी स्टेरॉइड ड्रॉप को तीन बार डालना होता है। 
  4. हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करते समय आपको स्टराइल आई पैच मिलता है, जिसे सर्जरी के पहली रात को आंखों में पहनकर सोना होता है। 
  5. सर्जरी होने के बाद सर्जन आपको कुछ दिनों के लिए ड्राइव करने से मना करते हैं इसलिए अपने साथ एक ड्राइवर जरुर रखें। 

मोतियाबिंद सर्जरी के कुछ दिनों बाद आंखों का ध्यान इस प्रकार रखा जा सकता है

  1. अपने आई ड्रॉप्स को रोजाना यूज करना न भूलें। अपने डॉक्टर के निर्देशों पर ही इन्हें यूज करें।
  2. अपनी आंखों में सीधे किसी भी चीज को जाने न दें। नहाते समय पानी, साबुन आदि को आंखों में जाने से बचाएं। 
  3. अपनी आंखों को सीधे पानी से नही साफ करना है। डॉक्टर्स साफ करने का तरीका बताते हैं। 
  4. सोते समय अपनी आंखों में सुरक्षा कवच लगाकर ही सोएं। 
  5. अपनी आंखों को रगड़ने या दबाने की कोशिश न करें। 
  6. अधिक रोशनी में जाने से बचना है।
  7. नहाते समय अपनी आंखों पर सुरक्षा कवच लगाकर रखें। 
  8. पानी में स्विमिंग नही करना है।
  9. ज्यादा मेहनत वाले काम को नही करना है। 
  10. आंखों पर मेकअप जैसी चीजें लगाने से बचना है। 
  11. डॉक्टर से बिना पूछे वाहन न चलाएं। 
  12. हवाई यात्रा करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। 
  13. सर्जरी के बाद झुकना से बचें, क्योंकि झुकने से आपकी आंखों पर असर पड़ता है। 
  14. अपनी आंखों को धूप से बचाने के लिए धूप चश्मों का इस्तेमाल करें। 
  15. स्मोकिंग करना बिल्कुल छोड़ दें, स्मोकिंग करने से आपकी आंखों को नुकसान होता है। 
  16. कोशिश करें कि सर्जरी के बाद आपको उल्टी न हो या फिर छींक न आने पाए।
  17. अधिक टीवी देखने से बचें।
  18. कंप्यूटर स्क्रीन या मोबाइल स्क्रीन पर न के बराबर समय दें। इससे आंखों को काफी नुकसान पहुंच सकता है।

मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद इन लक्षणों के दिखने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए

  1. अगर आपकी आंखें कुछ ज्यादा ही लाल हैं और तेज दर्द हो रहा है तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 
  2. अगर आपकी आंखों की देखने की क्षमता जितनी थी उससे कम हो गई है तो अपने डॉक्टर से ये समस्या बताएं।   
  3. अगर आपकी आंखों से डिस्चार्ज निकल रहा है तो डॉक्टर को तुरंत बताएं।
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मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखों में क्या समस्याएं आ सकती हैं ?

अगर डॉक्टर्स के निर्देशों का ठीक से पालन किया जाता है तो आमतौर पर सर्जरी के बाद समस्याएं देखने को नहीं मिलती हैं लेकिन अगर देखभाल में कुछ लापरवाही हुई तो उन पेशेंट्स में ये समस्याएं देखने को मिल सकती हैं :  

  1. आंखों में इन्फेक्शन देखने को मिल सकता है। 
  2. आंखों में ब्लीडिंग हो सकती है। 
  3. आंख का बाहरी हिस्सा सूज सकता है या रेटीना में सूजन देखने को मिल सकता है। 
  4. रेटीना अपने स्थान से खिसक सकती है। 
  5. आपके आंख के अन्य भाग डैमेज हो सकते हैं।
  6. आंखों में तेज दर्द हो सकता है जो दवा खाने पर भी ठीक नहीं होता है। 
  7. फिर से धुंधली दृष्टि हो सकती है। 
  8. इंट्राऑक्युलर लेंस अपनी जगह से खिसक सकता है। 
  9. आंखों की दृष्टि खो सकती है
  10. थोड़ी सी रोशनी में ज्यादा चमक दिखने लग सकता है या फिर प्रकाश के छल्ले दिखने लगते हैं। 
  11. सर्जरी के बाद आपको कभी - कभी खुजली भी हो सकती है
  12. सर्जरी के दौरान अनिस्थिसिया देने से आपकी आंखें काली पड़ सकती हैं। 

मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद आंख सूखने का रिस्क 

ऐसा पाया गया है कि मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद आंखों में ड्राइनेस की समस्या आ जाती है। ऐसे में आंखों से देखने में दिक्कत आती है और अन्य समस्याएं आती हैं। यह आंखों में मौजूद टियर फिल्म के अस्थिरता के वजह से होता है। टियर फिल्म के अस्थिर होने के कई कारणों में से एक कारण है लंबे समय तक एंटीबायोटिक – स्टेरॉइड ड्रॉप्स का इस्तेमाल करना। 

रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों की सर्जरी फैकोइमल्सिफिकेशन विधि से की गई उनमें आंखों की ड्राइनेस के मामले कम हैं। वहीं पर जिनकी सर्जरी मैनुअल स्मॉल इंसिजन कैटरेक्ट सर्जरी (MSICS) विधि से की गई उनमें ड्राइनेस के मामले अधिक हैं। 

 

मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद सेकेंडरी मोतियाबिंद कैसे होता है?

जब मोतियाबिंद की सर्जरी हो जाती है तो कभी कभी किसी पेशेंट में पोस्टेरियर कैप्सूलर ओपेसिफिकेशन की समस्या देखने को मिलती है। इसे ही सेकेंडरी मोतियाबिंद कहते हैं। इसमें पेशेंट का इंट्राऑक्युलर लेंस भी धुंधला या झुर्रीदार हो जाता है, जिससे दृष्टि फिर से धुंधली हो जाती है। 

इसे फिर से ठीक किया जा सकता है। इसे ठीक करने के लिए पोस्टेरियर कैप्सुलोटॉमी का प्रयोग किया जाता है। यह एक लेजर सर्जरी है, जिसके उपयोग से आपके लेंस कैप्सूल के पीछे छेद कर दिया जाता है और फिर 5 मिनट में आपकी सर्जरी कर दी जाती है। 

हेक्साहेल्थ के बारे में :

हेक्साहेल्थ की मदद से आप अपनी मोतियाबिंद की सर्जरी बेस्ट सर्जन से करवा सकते हैं। यह प्लेटफॉर्म बेस्ट हॉस्पिटल और बेस्ट डॉक्टर्स को खोजने में आपकी पूरी मदद करता है।

इतना ही नहीं, इस प्लेटफॉर्म से आप 50+ रोगों से जुड़ी सलाह सीधे विशेषज्ञ से ले सकते हैं। परामर्श लेने के लिए ऑफलाइन या ऑनलाइन विशेषज्ञों से मिल सकते हैं। सर्जरी होने से लेकर आपके पूरी तरह स्वस्थ हो जाने तक हेक्साहेल्थ आपके साथ रहता है।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

मोतियाबिंद की सर्जरी होने पर दृष्टि में काफी सुधार हो जाता है। धुंधलापन पूरी तरह से साफ हो जाता है। अगर आंखों की देखभाल ठीक से की गई तो दृष्टि लंबे समय तक चलती है। 

अगर आपकी सिर्फ एक आंख में ऑपरेशन हुआ है तो सर्जरी वाली आंख साफ और नई दिखती है और दूसरी आंख थोड़ी पुरानी सी दिखती है। दोनो आंखों में सर्जरी होने के बाद यह सामान्य हो जाता है।

 

अगर सर्जरी के बाद आंखों की देखभाल ठीक से नही की गई मोतियाबिंद सर्जरी की सबसे आम समस्या आंखों में सूजन होना और तेज रोशनी में आंखों में तकलीफ होना है l

मोतियाबिंद को किसी भी समय हटाया जा सकता है। मोतिया पकने का इंतजार करना जरूरी नहीं है। अक्सर लोग मोतियाबिंद सर्जरी तब कराते हैं जब मोतियाबिंद के कारण उनके दैनिक जीवन में समस्या होने लगती है   

 

प्रिस्क्रिप्शन चश्मा मोतियाबिंद का सीधे इलाज या इलाज नहीं कर सकता है। सही प्रिस्क्रिप्शन लेंस मोतियाबिंद के कारण धुंधली दृष्टि और अन्य दृष्टि समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकते हैं।

 

जब तक मोतियाबिंद आपके सामान्य जीवन को प्रभावित नही करता तबतक मोतियाबिंद का ऑपरेशन टाला जा सकता है l

 

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आपका पुराना चश्मा हटा दिया जाता है क्योंकि सर्जरी के बाद आंखों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह काला चश्मा दिया जाएगा l

 

आप चाहें तो उसी दिन ही करा सकते हैं लेकिन यह डॉक्टर पर भी निर्भर करता है। अगर सर्जन को सुरक्षित लगता है तो उसी दिन दूसरी आंख भी सर्जरी की जा सकती है। आमतौर पर ४ से ५ दिनों के बाद दूसरे आंख की सर्जरी कर सकते है।

 

मोतीबिंद का एकमात्र इलाज सर्जरी है, लेकिन अगर आप इन देसी चीजों का सेवन करते हो तो आपका मोतीबिंद तेजी से नहीं बढ़ेगा। विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थ इसके अलावा, गेहूं, शकरकंद, बादाम, गाजर, लहसुन, कद्दू, नींबू और पालक का सेवन कर सकते हैं।

 

मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद तीन - चार दिनों का आराम लेना चाहिए । हालांकि २४ घंटों के बाद आप अपने जरुरी काम कर सकते हैं लेकिन अपनी आंखों को धूप और तेज प्रकाश से बचाएं।

 

चिकन, मछली, अंडे, बीन्स और नट्स के साथ लाल शिमला मिर्च, हरे पत्ते वाली सब्जियां, दूध, गाजर, टमाटर या जामुन का सेवन करने से रिकवरी में मदद मिल सकती है।

 

मोतियाबिंद की सर्जरी करने के बाद भी दोबारा मोतियाबिंद हो सकता है, जिसे सेकेंडरी कैटरेक्ट कहा जाता है। सेकेंडरी कैटरेक्ट को  मेडिकल भाषा में पोस्टीरियर कैप्सुलर ओपसीफिकेशन कहा जाता है।

 

आंख में ड्रॉप डालने के बाद ३० सेकंड तक आंखें बंद रखें और ड्राप डालने के बाद आंखों में से जो भी कचरा निकलता है उसे टिश्यू पेपर से साफ़ करले। ध्यान रहे कि सर्जरी के बाद आंख में पानी नहीं लगने देना है।

 

लेजर-असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी मोतियाबिंद सर्जरी करने का नवीनतम और सबसे उन्नत तरीका है।

 

Last Updated on: 17 September 2022

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Arti Sharma

Dr. Arti Sharma

MBBS, DNB Obstetrics and Gynaecology, Diploma In Cosmetic Gynaecology

9 Years Experience

Dr Arti Sharma is a well-known Obstetrician and Cosmetic Gynaecologist currently associated with Aesthetica Veda in Bengaluru. She has 9 years of experience in Obstetrics and Cosmetic Gynaecology and worked as an expert Obstetrician...View More

लेखक

Charu Shrivastava

Charu Shrivastava

BSc. Biotechnology I MDU and MSc in Medical Biochemistry (HIMSR, Jamia Hamdard)

2 Years Experience

Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical content. Her proofreading and content writing for medical websites is impressive. She creates informative and engaging content that educ...View More

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