मोतियाबिंद कितनी तेजी से बढ़ता है और इसके कितने स्तर होते हैं?
हमारी आंखों से दिखना तब बंद होता है जब मोतियाबिंद बहुत बढ़ चुका होता है। शुरू में आंखों को इससे कोई समस्या नही होती लेकिन यह दिन प्रतिदिन विकसित होता जाता है। ऐसे में हमारी आंखों का डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट कराना जरूरी हो जाता है। डायग्नोसिस करके डॉक्टर आपके मोतियाबिंद के स्तर का पता लगाते हैं और उसी हिसाब से ट्रीटमेंट देते हैं।
चलिए इस लेख में समझते हैं मोतियाबिंद कितनी तेजी से बढ़ता है और इसके कितने स्तर होते हैं।
मोतियाबिंद की वृद्धि अक्सर धीमी गति से होती है। धीरे – धीरे हमारी दृष्टि में धुंधलापन बढ़ता जाता है जिसे चश्मे से नही ठीक किया जा सकता है। इसका स्तर जैसे – जैसे बढ़ता है, वैसे – वैसे हमे कई लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं।
एक रिसर्च के अनुसार किसी पेशेंट का न्यूक्लियर मोतियाबिंद हर साल 42% बढ़ जाता है, तो वहीं कॉर्टिकल मोतियाबिंद 32% बढ़ जाता है। पोस्टेरियर सबकैप्सुलर मोतियाबिंद (सेकेंडरी मोतियाबिंद) केवल 10% तक बढ़ सकता है।
सामान्यतः मोतियाबिंद को 4 स्टेज में बांटकर देखा जा सकता है :
अर्ली स्टेज : यह मोतियाबिंद का शुरुआती स्तर होता है। इस स्टेज में पेशेंट को लक्षण न के बराबर दिखते हैं।
इमैच्योर स्टेज : इस स्टेज में पहुंचकर पेशेंट को मोतियाबिंद के लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं। जैसे अब पेशेंट को अक्षर पहचानने में दिक्कत होने लगती है,दृष्टि की शार्पनेस काफी कम हो जाती है।
मैच्योर स्टेज : यह ऐसा स्टेज होता है जिसमे मरीज को देखने में काफी प्रॉब्लम आना शुरू हो जाता है। इसी स्टेज के दौरान मोतियाबिंद की सर्जरी आवश्यक हो जाती है।
हाइपर मैच्योर स्टेज : इस स्टेज में मोतियाबिंद काफी फैल चुका होता है और लेंस को ढक चुका होता है। आंखों से दिखना लगभग बंद हो चुका होता है। ऐसे समय में पेशेंट को सर्जरी की बहुत अधिक आवश्यकता होती है।
मोतियाबिंद का डायग्नोसिस
मोतियाबिंद बढ़कर किस स्तर तक पहुंच गया है, इसका पता लगाने के लिए आंखों का डायग्नोसिस होना आवश्यक होता है। डायग्नोसिस के लिए डॉक्टर आपकी आंखों का विस्तार से टेस्ट करते हैं।
मोतियाबिंद के कितने स्टेज होते हैं
डायग्नोसिस करने के बाद डॉक्टर आपके मोतियाबिंद के स्तर का पता लगाते हैं। तीनों प्रकार के मोतियाबिंद में मुख्यतः 3 स्टेज हो सकते हैं। लेकिन अगर हम जीरो स्टेज को भी शामिल कर लें तो मोतियाबिंद के पूरे 4 स्टेज हो सकते हैं। लेंस कितना दूधिया हो चुका है, इसी आधार पर मोतियाबिंद का स्टेज निर्धारित किया जाता है।
कॉर्टिकल मोतियाबिंद के 4 स्टेज
इसमें आंख के लेंस को 8 भागों बांटकर मापा जाता है। जितना ज्यादा भाग मोतियाबिंद से प्रभावित होगा, उतने ही बड़े स्तर का मोतियाबिंद होगा।
इसके चार स्तर होते हैं :
इसमें मोतियाबिंद के फैलाव को मिलीमीटर में मापा जाता है। इसमें भी मोतियाबिंद को चार स्टेज में बांटा जा सकता है :
मोतियाबिंद के सभी चरणों का उपचार
सर्जरी करवाने से किसी भी स्तर के मोतियाबिंद का इलाज किया जा सकता है। आज के समय में मोतियाबिंद की सर्जरी एक सफल मेडिकल ट्रीटमेंट है।
कुछ ऐसे ड्रॉप्स भी हैं जो शुरू में बन रहे मोतियाबिंद को भंग कर सकते हैं, लेकिन अभी उनका ट्रायल चल रहा है। अगर वो कारगर सिद्ध होते हैं तो यह मोतियाबिंद के मरीजों के लिए खुशखबरी और मेडिकल क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
हालांकि जीरो और पहले स्तर पर आपको सर्जरी की जरूरत नहीं होती है, लेकिन दूसरे और तीसरे स्तर पर आंखों की दृष्टि बहुत ही कम हो जाती है। इसलिए आपको सर्जरी करवाना ही पड़ता है।
हेक्साहेल्थ के बारे में :
मोतियाबिंद के किसी भी स्टेज की सर्जरी अपने पसंदीदा सर्जन से करवा सकते हैं। हेक्साहेल्थ की मदद से आप बेहतर हॉस्पिटल के साथ साथ बेस्ट सर्जन को ढूंढ सकते हैं।
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Last Updated on: 14 September 2022
MBBS, DNB Obstetrics and Gynaecology, Diploma In Cosmetic Gynaecology
9 Years Experience
Dr Arti Sharma is a well-known Obstetrician and Cosmetic Gynaecologist currently associated with Aesthetica Veda in Bengaluru. She has 9 years of experience in Obstetrics and Cosmetic Gynaecology and worked as an expert Obstetrician...View More
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