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एड़ी में दर्द का कारण, इलाज, उपचार: Heel Pain Treatment in Hindi

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Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna
Written by Sangeeta Sharma, last updated on 9 September 2023| min read
एड़ी में दर्द का कारण, इलाज, उपचार: Heel Pain Treatment in Hindi

Quick Summary

Heel pain can be caused by a variety of factors, including:

  • Plantar fasciitis
  • Heel spurs
  • Achilles tendonitis
  • Fractures
  • Infections

There are a number of home remedies that can help to relieve heel pain, including:

  • Ice packs
  • Heat therapy
  • Stretching exercises
  • Over-the-counter pain relievers
  • Orthotics

If home remedies do not provide relief, it is important to see a doctor to rule out any serious underlying conditions.

एड़ी का दर्द जहां कुछ सामान्य कारणों से हो सकता है वहीं कुछ गंभीर रोगों का संकेत भी हो सकता है। कुछ घरेलू उपचारों की मदद से एड़ी में हुआ सूजन और दर्द कम किया जा सकता है। हालांकि एड़ी की कील (हील स्पर) जैसे मामलों को घरेलू इलाज से पूरी तरह ठीक नही किया जा सकता है; इसके लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। 

एड़ी में हो रहे दर्द को कुछ आसान घरेलू उपायों जैसे खान - पान, व्यायाम, सिकाई इत्यादि करके ठीक किया जा सकता है। आइए देखते हैं इस लेख में कि एड़ी में दर्द होने के क्या - क्या कारण हो सकते हैं और इसे ठीक करने के लिए कुछ असरदार घरेलू उपाय क्या हैं।

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एड़ी का दर्द क्या होता है ?

एड़ी का दर्द पैर में होने वाली एक ऐसी आम परेशानी है जिसमें पीड़ित को एड़ी के नीचे वाले हिस्से में दर्द होता है। एड़ी के निचले हिस्से में होने वाले इस दर्द के पीछे आमतौर पर प्लांटर फैसीसाइटिस को मुख्य कारण माना जाता है। हालांकि एड़ी का दर्द कई अन्य कारणों से भी हो सकता है। 

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एड़ी का दर्द होने के कारण

एड़ी में दर्द हल्का या फिर तेज हो सकता है। एड़ी का दर्द कई कारणों से हो सकता है । एड़ी में दर्द होने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:  

चोट के कारण

कई बार चोट लगने के वजह से एड़ी में दर्द और सूजन जैसी समस्या हो जाती है। एड़ी में दर्द होने के पीछे निम्नलिखित वजहें हो सकती हैं: 

  1. प्लांटर फैसीसाइटिस: एड़ी में दर्द होने के पीछे प्लांटर फैसीसाइटिस एक मुख्य कारण है। पैरों के अंदर एड़ी की हड्डी से लेकर पैरों के सिरे तक प्लेंटर फेसिया नाम का लिगामेंट होता है। ‌इस लिगामेंट में सूजन आने पर एड़ी का दर्द हो सकता है। 
  2. एकिलीज़ टेंडिनाइटिस: पिंडलियों को एड़ी की हड्डी से जोड़ने का काम एकिलीज़ टेंडन नाम का ऊतक करता है। जब इस टेंडन में चोट लगने की वजह से सूजन आ जाता  है तो एड़ी में दर्द की परेशानी हो सकती है। 
  3. स्ट्रेस फ्रैक्चर: एड़ी का दर्द कई बार स्ट्रेस फैक्चर की वजह से हो सकता है। दौड़ते समय एड़ी पर अधिक तनाव और दबाव होता है जिसके कारण फ्रैक्चर जैसी समस्या पैदा हो सकती है। इसमें दर्द काफी तेज होता है जिसके कारण पीड़ित अपनी दिनचर्या के काम ठीक से नहीं कर पाता है।

रोग के कारण

एड़ी का दर्द कभी - कभी कुछ रोगों की ओर संकेत भी हो सकता है। यह हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़े रोग हो सकते हैं। एड़ी में दर्द होने के पीछे कुछ मुख्य रोग इस प्रकार हैं: 

  1. बुर्साइटिस: एड़ी में दर्द या जलन की समस्या तब हो सकती है जब जोड़ों के आसपास पाई जाने वाली बुर्सा नामक तरल पदार्थ की थैली में सूजन हो जाता है। बुर्सा का काम शरीर के जोड़ों को चिकना (लुब्रिकेट) करने का होता है लेकिन इसमें सूजन आने पर एड़ी का पिछला हिस्सा लाल हो सकता है और दर्द होता है। 
  2. सेवर रोग: यह रोग एड़ी की वृद्धि हड्डी प्लेट ( ग्रोथ बोन प्लेट ) में तनाव या दबाव होने से होता है। इस कारण एड़ी में दर्द होने की समस्या हो सकती है। 
  3. टार्सल टनल सिंड्रोम: टार्सल टनल सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैर के पिछले हिस्से में ऊतक बड़ी नर्व को संकुचित कर देता है और इसकी वजह से एड़ी में दर्द होने के साथ-साथ टखने में भी दर्द हो सकता है।
  4. रियुमेटॉयड आर्थराइटिस: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमे प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के ऊतकों को नष्ट करने लगती है। इस कारण जब एड़ी के ऊतक नष्ट होते हैं तो दर्द होता है। 
  5. सार्कोइडोसिस: जब एड़ी में सूजन वाले ऊतक इकट्ठे हो जाते हैं तो इससे एड़ी में सूजन और दर्द रहता है।
  6. ऑस्टियोमाइलाइटिस: यह एक प्रकार का हड्डियों में संक्रमण रोग होता है जिसका प्रभाव एड़ी में भी देखने को मिल सकता है।  
  7. बोन ट्यूमर: जब एड़ी की हड्डियों में ट्यूमर बनने लगता है तो सूजन और दर्द हो सकता है। 
  8. एड़ी की कील (हील स्पर): यह एड़ियों की निचली सतह पर हड्डियों जैसी वृद्धि होती है जिसका उपचार सिर्फ सर्जरी द्वारा ही संभव है। इस समस्या से लगभग १५% लोग प्रभावित होते हैं। 

अन्य कारण

कुछ अन्य कारणों से भी एड़ी में दर्द हो सकता है जो निम्नलिखित हैं: 

  1. हेलगंड्स डिफॉर्मिटी: एड़ी में दर्द होना हेलगंड्स डिफॉर्मिटी यानी कि पैर की हड्डी और नरम ऊतकों की असामान्य स्थिति के कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में जो एड़ी के पीछे की हड्डी होती है वह बढ़ जाती है और ऐसे में जब रोगी जूते पहनता है तो हड्डी में रगड़ होने की वजह से सूजन और जलन हो सकती है। ‌ 
  2. एड़ी में मोच: चलते या दौड़ते समय पैर की एड़ी में मोच आ जाती है जिसकी वजह से एड़ी में तेज या फिर हल्का दर्द हो सकता है। वैसे यह समस्या ज्यादा गंभीर नहीं मानी जाती है लेकिन अगर मोच आने पर एड़ी में बहुत तीव्र दर्द महसूस हो तो ऐसे में यह चिंताजनक हो सकता है। 

एड़ी के दर्द में घरेलू उपचार के फायदे

दवाइयों, इंजेक्शन और सर्जरी के बजाय घरेलू उपायों की मदद से एड़ी का उपचार करने पर कई फायदे होते हैं। एड़ी में दर्द होने पर घरेलू उपाय आजमाने से कुछ लाभ देखने को मिलते हैं जैसे: 

  1. इंजेक्शन और सर्जरी की आवश्यकता नही पड़ती है जिससे शरीर में साइड इफेक्ट्स नही होते हैं। 
  2. घरेलू उपचार एक प्राकृतिक उपाय होता है जिसमे चीड़ - फाड़ की आवश्यकता नही पड़ती है जो मरीज को राहत का एहसास कराता है।
  3. जीवनशैली सुधार और व्यायाम करने से आगे चलकर भविष्य में भी एड़ी के दर्द की संभावना कम रहती है।
  4. घरेलू उपायों की मदद से न सिर्फ एड़ी बल्कि पूरा शरीर भी स्वस्थ रहता है। 

एड़ी के दर्द के लिए घरेलू उपचार

एड़ी का दर्द प्रायः घरेलू उपचार से ठीक हो जाता है।  एड़ी के दर्द के लिए कई तरह के घरेलू उपचार अपनाए जा सकते हैं।  एड़ी के दर्द से आराम पाने के लिए कुछ मुख्य घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं।

जीवनशैली में सुधार 

जीवनशैली में सुधार करने से सिर्फ एड़ी का दर्द ही नही बल्कि पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। एड़ी के दर्द से राहत पाने के लिए जरूरी है कि रोगी को अपनी जीवनशैली में सुधार करना चाहिए जैसे कि:

  1. आराम: एड़ी में दर्द होने पर पीड़ित व्यक्ति को  ज्यादा चलने-फिरने, दौड़ने या लंबे समय तक खड़े होने से बचना चाहिए। इसके अलावा उबड़-खाबड़ सतह पर चलने से बचना चाहिए क्योंकि इससे दर्द बढ़ सकता है।
  2. खानपान: खाने में ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जिनमें मैग्नीशियम, विटामिन सी ,कैल्शियम जैसे पोषक तत्व शामिल हों। इसके लिए पालक, संतरा, ब्लूबेरी खाया जा सकता है। 
  3. वजन: मोटापे की वजह से भी एड़ियों पर दबाव पड़ता है इसलिए वजन को नियंत्रित रखना चाहिए। 
  4. व्यायाम: कुछ व्यायाम और एक्सरसाइज करने से भी एड़ी के दर्द को कम किया जा सकता है जो इस प्रकार हैं:
  5. रोलिंग स्ट्रेच: एक कुर्सी पर बैठ जाएं और एक गेंद को लेकर उसे अपने पैरों के नीचे रख लें। अब इसे बहुत धीरे-धीरे से रोल करें 
  6. वॉल पुश: एक दीवार के पास खड़े हो जाएं और फिर अपने हाथों को दीवार पर रखें और अपनी पिंडलियों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करें। इस दौरान अपनी एड़ियों को जमीन पर टिकाए रखें। 
  7. हील रेज़: एक कुर्सी को या मेज़ को पकड़ लें। अब अपनी दोनों एड़ियां उठाएं और कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें और फिर वापस शुरुआती अवस्था में आ जाएं। 
  8. सहज जूते: ऐसे जूतों का चयन करना चाहिए जिसे पहनने पर सहजता महसूस हो। खासकर खेल - कूद के लिए इस्तेमाल होने वाले जूतों का चयन सहजता के आधार पर ही करना चाहिए। 

अन्य उपाय

कुछ अन्य उपाय जैसे सिकाई, दवाईयां, मसाज इत्यादि से एड़ी में दर्द का इलाज हो सकता है जिसका विस्तृत ( डिटेल ) रूप इस प्रकार है: 

  1. ठंडी सिकाई: किसी कपड़े में बर्फ का टुकड़ा लपेटकर अपनी एड़ी की लगभग १५ से २० मिनट तक सिकाई करें। इससे एड़ी में हो रहे जलन और दर्द से राहत मिलती है।
  2. गर्म सिकाई: हीटिंग पैड या गर्म कपड़े से एड़ी की सिकाई करने से मांसपेशियों में रक्त संचार सुधरता है जिससे एड़ी का दर्द कम होता है।
  3. दवाइयां: कुछ ओवर द काउंटर मिलने वाली दवाईयां इस्तेमाल करके एड़ी में हो रहे दर्द को कम किया जा सकता है। 
  4. टॉपिकल पेन रिलीवर्स: एड़ी के दर्द को कम करने के लिए कई प्रकार के जेल, ट्यूब, मलहम का इस्तेमाल करना लाभदायक हो सकता है। 
  5. मसाज: मसाज करने से एड़ी का दर्द कम किया जा सकता है क्योंकि मसाज से रक्त संचार में सुधार होता है जिससे मांसपेशियों में राहत पहुंचती है। मालिश के लिए सरसों या नारियल के तेल का प्रयोग किया जा सकता है। 
  6. घरेलू नुस्खे: कुछ अन्य घरेलू उपचार से भी एड़ी के दर्द को कम किया जा सकता है जैसे सेंधा नमक, हल्दी, अदरक, मछली का तेल उपयोग करना भी एड़ी के दर्द को सही करने में मदद कर सकता है। 

एड़ी के दर्द के लिए जीवनशैली सुधार 

एड़ी के दर्द में कुछ विशेष जीवनशैली सुधारने से इसके लक्षणों ( दर्द और सूजन ) को कम किया जा सकता है। कुछ मुख्य जीवनशैली इस प्रकार सुधारे: 

  1. एड़ी के दर्द से आराम पाने के लिए दैनिक रूप से व्यायाम और स्वस्थ खान - पान रखना आवश्यक होता है। 
  2. ऐसी एक्सरसाइज या कार्य करने से बचना चाहिए जिनसे एड़ी पर अधिक जोर पड़ता हो।  
  3. ऐसे जूतों और चप्पलों को पहनना चाहिए जिनसे एड़ी में किसी प्रकार की असहजता या दर्द न हो। 
  4. एड़ी में दर्द होने पर अधिक से अधिक आराम करना चाहिए जिससे एड़ी में आई सूजन और चोट में आराम मिल सके और जलद टीक हौ सके।

सारांश

इस लेख में हमने समझा कि एड़ी में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे चोट लगना, आर्थराइटिस और कई अन्य कारण हो सकते हैं। एड़ी में दर्द होने के पीछे आमतौर पर प्लांटर फैसीसाइटिस एक मुख्य कारण होता है। एड़ी में दर्द का इलाज कई घरेलू उपायों से किया जा सकता है जैसे सिकाई करके, मलहम का इस्तेमाल करके, कुछ विशेष व्यायाम और कई अन्य घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है। 

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अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

एड़ी के दर्द को खत्म करने के लिए कुछ दर्द निवारक दवाईयां, सिकाई, मसाज, व्यायाम और खान पान में सुधार करके ठीक किया जा सकता है।
एड़ियों में दर्द होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। पोषक तत्वों की कमी से भी एड़ी में दर्द हो सकता है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी, कैल्शियम, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन बी १२ इत्यादि न होने से एड़ी सहित जोड़ों में दर्द हो सकता है।
एड़ी में दर्द होने के पीछे कुछ सामान्य कारण हो सकते हैं जैसे किसी प्रकार की चोट या प्लांटर फैसीसाइटिस ( लिगामेंट में सूजन )  के कारण हो सकता है। इसके अलावा एड़ियों में हो रहा दर्द कुछ बीमारियों की ओर संकेत हो सकता है जैसे आर्थराइटिस, हड्डी में कैंसर, बुर्साइटिस, एड़ी की कील इत्यादि। एड़ी में दर्द होने पर इसलिए ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
अगर हड्डी में फ्रैक्चर होता है या मोच आती है तो दर्द की लहर एड़ियों तक भी जा सकती है। अगर एड़ी की हड्डी कैल्सेनस में मोच आती है तो एड़ी में तेज दर्द हो सकता है। अगर कैल्सेनस हड्डी के अगल - बगल की हड्डियों या लिगामेंट में मोच आती है तो भी हल्का दर्द महसूस हो सकता है।

एड़ी के दर्द के लिए कुछ एक्सरसाइज किए जाना फायदेमंद हो सकता है जैसे कि:

  1. स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज 
  2. काफ मसल स्ट्रैचिस
  3. टॉवल कलेक्टिंग एक्सरसाइज
  4. हील रेज़
  5. वॉल पुश
एड़ी में दर्द के लिए आर्निका, रस टॉक्स, कैल्केरिया कार्ब, कैल्केरिया फॉस्फोरिका, रुटा जैसी होम्योपैथिक दवाएं ली जा सकती हैं। होम्योपैथिक दवाएं लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
कैल्शियम की कमी होने से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और इनमे चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है जिससे हड्डियों में दर्द हो सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार एड़ी में दर्द होने पर जीवनशैली में सुधार, शुद्ध तेलों से मालिश, व्यायाम और कुछ औषधियां जैसे दशमूलारिष्ट, योगराज गुग्गुलु आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है।

पैर की एड़ी में दर्द होने पर कुछ असरदार घरेलू उपाय आजमाएं जा सकते हैं जैसे: 

  1. सिकाई 
  2. तेल से मालिश 
  3. पोषक तत्व से भरपूर आहार 
  4. व्यायाम 
  5. क्रीम और मलहम का इस्तेमाल 
अगर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होती है तो इससे सूजनयुक्त आर्थराइटिस होता है जिसे गाउट कहते हैं। यूरिक एसिड के क्रिस्टल जब एड़ी के जोड़ों पर असर डालते हैं तो इससे एड़ी में दर्द और सूजन के साथ लाल निशान पड़ सकते हैं।
सुबह - सुबह एड़ी में दर्द होने पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन आमतौर पर प्लांटर फैसीसाइटिस,  एकिलीज़ टेंडिनाइटिस या स्ट्रेस फ्रैक्चर के कारण हो सकता है।

एड़ी की हड्डी में वृद्धि होने से प्लांटर फैसीसाइटिस जैसा दर्द महसूस हो सकता है। इसे एड़ी की कील (हील स्पर) कहते हैं। हालांकि कुछ लोगों में दर्द का एहसास नहीं होता है । इसे सर्जरी द्वारा ही ठीक किया जा सकता है। 

एड़ी का दर्द वैसे तो कुछ घरेलू उपायों से ठीक हो जाता है और चिंतित होने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन अगर आपको निम्नलिखित चीजें महसूस होती हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए: 

  1. एड़ी के आसपास तेज दर्द और सूजन होने पर I
  2. दर्द और सूजन के कारण पैरों को नीचे रखने और सामान्य रूप से चलने में परेशानी होने पर I
  3. एड़ी में सुन्नता महसूस होने के साथ बुखार होने पर I
  4. किसी प्रकार की चोट लगने से एड़ी में असहनीय दर्द होने पर I

एड़ी के दर्द में कुछ ओवर द काउंटर मिलने वाली दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे:

  1. आइबुप्रोफेन
  2. नेप्रोक्सिन 
एड़ी के दर्द में आर्थोपेडिक डॉक्टर कोर्टिकॉस्टरॉइड इंजेक्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं जो काफी असरदार होते हैं। इन इंजेक्शन से प्लांटर फैसीसाइटिस जैसे दर्द में काफी आराम मिल जाता है।

Last Updated on: 9 September 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

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