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हेयर ट्रांसप्लांट के दुष्प्रभाव - Hair Transplant Side Effects in Hindi

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Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna
Written by Sangeeta Sharma, last updated on 12 December 2023| min read
हेयर ट्रांसप्लांट के दुष्प्रभाव - Hair Transplant Side Effects in Hindi

Quick Summary

हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स

  • सूजन
  • खून निकलना
  • दर्द
  • संक्रमण
  • स्किन का पतला होना
  • स्किन का काला पड़ना
  • हेयर फॉल

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर साइड इफेक्ट्स ठीक नहीं होते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।

हेयर ट्रांसप्लांट एक आधुनिक सर्जिकल उपचार है जो गंजेपन जैसी समस्या को परमानेंट रूप से ठीक कर सकता है। हेयर ट्रांसप्लांट को करने में लगभग ४ से ६ घंटे लगते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद मरीज उसी दिन अपने घर वापस लौट सकता है। 

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कुछ आम साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जो कई बार मरीज के लापरवाही से भी उत्पन्न होते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट कराने से पहले मरीज को इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। 
आइए देखते हैं इस लेख में कि हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स इन हिंदी क्या हो सकते हैं और साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए क्या सावधानी रखी जानी चाहिए।

हेयर ट्रांसप्लांट क्या होता है?

हेयर ट्रांसप्लांट में आपके स्काल्प ( खोपड़ी ) के झड़े हुए बालों को सर्जरी द्वारा वापस उगाया जाता है। इसमें दो तकनीकें इस्तेमाल होती हैं। दोनो तकनीकों में दूसरे जगह के बाल ( आमतौर पर स्काल्प के पिछले हिस्से के बाल ) को निकालकर गंजेपन से प्रभावित स्काल्प क्षेत्र में लगाया जाता है। हेयर ट्रांसप्लांट के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं। पहली तकनीक फॉलिकुलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन और दूसरा फॉलिकुलर यूनिट एक्सट्रैक्शन है।

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हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स Hair Transplant Side Effects

अगर हेयर ट्रांसप्लांट किसी अनुभवी सर्जन द्वारा किया जाता है तो आमतौर पर साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिलते हैं। अगर साइड इफेक्ट्स दिखते भी हैं तो वो गंभीर नहीं होते हैं। लेकिन अगर बिना अनुभव वाला सर्जन हेयर ट्रांसप्लांट करता है तो साइड इफेक्ट्स होने की संभावना बहुत हद तक बढ़ जाती है। हालांकि सफल हेयर ट्रांसप्लांट के बाद भी साइड इफेक्ट्स दिख सकते हैं।

हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स इन हिंदी कुछ इस प्रकार हैं: 

  1. इन्फेक्शन: अगर स्काल्प ( खोपड़ी ) की सफाई में ध्यान नहीं दिया जाता है तो डोनर क्षेत्र ( जहां से बाल लिए जाते हैं ) और रिसिपिएंट क्षेत्र ( जहां बाल लगाएं जाते हैं ) में इन्फेक्शन हो सकता है। एपिडरमल सिस्ट भी हो सकता है जो एक प्रकार का नॉन कैंसरस गांठ होता है और गंभीर नहीं होता है।  
  2. रक्तस्राव: डॉक्टर अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं कि चीरा लगाते समय रक्तस्राव कम से कम हो लेकिन इसके बावजूद भी खून बह सकता है। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद भी रक्तस्राव की संभावना रहती है।
  3. घाव या स्टेराइल फोलिक्युलिटिस: स्काल्प में लगे चीरों के कारण चोट के निशान रह जाते हैं जो कुछ समय बाद खुद ही भर जाते हैं। इसके अलावा रोमछिद्रों में स्टेराइल फोलिक्युलिटिस हो सकता है जो एक प्रकार का तरल से भरा हुआ सूजन होता है। इसमें से मवाद निकल सकता है। 
  4. सूजन: हेयर ट्रांसप्लांट के बाद स्काल्प में सूजन होने की संभावना रहती है।
  5. दर्द: अगर हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान  एनेस्थीसिया को पर्याप्त और उचित मात्रा नही दिया गया तो दर्द महसूस हो सकता है। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद रिकवर होते समय भी स्काल्प में तनाव महसूस हो सकता है। 
  6. खुजली: अगर साफ - सफाई का ध्यान नही रखा जाता है तो इंफेक्शन होने के कारण सिर के त्वचा ( स्काल्प ) खुजली हो सकती है। 
  7. अचेत महसूस होना: हेयर ट्रांसप्लांट के बाद एनेस्थीसिया का प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसके कारण खोपड़ी में सुन्नता (नंबनेस) महसूस हो सकती है। 
  8. हेयर शेडिंग: हेयर ट्रांसप्लांट के लिए जहां से बाल लिए जाते हैं यानी डोनर क्षेत्र में बालों की सघनता ( डेंसिटी ) कम हो जाती है। यह एक आम साइड इफेक्ट है। खासकर फॉलिकुलर यूनिट एक्सट्रैक्शन की प्रक्रिया से किए गए हेयर ट्रांसप्लांट में हेयर शेडिंग अधिक होती है। इस प्रक्रिया से परमानेंट हेयर शेडिंग हो सकती है यानी डोनर क्षेत्र में वापस बाल नहीं उगते हैं। 
  9. नर्व डैमेज: हेयर ट्रांसप्लांट के बाद डोनर या रेसिपिएंट क्षेत्र में नर्व डैमेज होने का खतरा रहता है। हालांकि अनुभवी सर्जन होने पर नर्व डैमेज की संभावना बहुत कम होती है।
  10. घाव ( स्कारिंग) :  ग्राफ्ट को निकालते और लगाते समय चीरे और टांके लगते हैं जिसके कारण डोनर और रेसिपिएंट क्षेत्रों में घाव बन जाता है।
  11. स्काल्प लैक्सिटी:  स्काल्प लैक्सिटी यानी स्काल्प पर तनाव देने से इसमें होने वाला फैलाव । हेयर ट्रांसप्लांट के बाद स्काल्प लैक्सिटी कम हो सकती है यानी स्काल्प की त्वचा टाइट हो सकती है। 

हेयर ट्रांसप्लांट की देखभाल कैसे करें?

इन साइड इफेक्ट्स से बचा जा सकता है अगर हेयर ट्रांसप्लांट के बाद मरीज सर्जन द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन सही से करता है। अगर हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कुछ चीजों का ध्यान रखा जाता है तो साइड इफेक्ट्स होने की संभावना कम हो सकती है। 

हेयर ट्रांस्प्लांट के बाद निम्नलिखित सावधानियां रखी जा सकती हैं: 

  1. हेयर ट्रांसप्लांट के बाद २४ घंटों के लिए ड्राइविंग न करें। हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान एनेस्थीसिया दिया जाता है जिसका हल्का असर २४ घंटों तक रह सकता है।  ऐसे में ड्राइविंग करने से दुर्घटना की संभावना रहती है।  
  2. बताई गई दवाइयों को सही मात्रा और सही समय पर लें। 
  3. सूजन से बचने के लिए बर्फ को २० से ३० मिनट अपने माथे पर लगाया जा सकता है। बर्फ को अपने स्काल्प ( खोपड़ी ) पर लगाने से बचें।
  4. अपने बालों को डाई ( रंगने ) करने से बचें। डाई करने से स्काल्प में जलन हो सकता है और ट्रांसप्लांट किए गए बालों को उगने में बांधा होती है। 
  5. रोज पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान स्काल्प में लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है। पानी पीने से एनेस्थीसिया के दुष्परिणाम का असर कम होता है। 
  6. हेयर ट्रांसप्लांट के बाद एक सप्ताह तक अपने पेट के बल पर सोने से बचें। इस बात का ध्यान रखें की आपके बाल तकिए से रगड़ने न पाएं। 
  7. अपने स्काल्प ( खोपड़ी )  को तेज धूप से बचाएं। तेज धूप लगने से स्काल्प में जलन और पसीना हो सकता है जिससे इन्फेक्शन और सूजन जैसी समस्या हो सकती है। 
  8. बहुत अधिक एक्सरसाइज न करें। अधिक एक्सरसाइज करने से खून का बहाव बढ़ता है जिससे ब्लीडिंग हो सकती है।
  9. हेयर ट्रांसप्लांट के बाद ब्रिस्क वॉक या योग करना एक अच्छा विकल्प है। इससे शरीर में पसीना और खून का बहाव तेज नही होता है और स्वास्थ्य भी सही रहता है। 
  10. ऐसी क्रियाकलापों से बचें जिनके कारण सिर में पसीना आता है। पसीना आने से स्काल्प में इन्फेक्शन हो सकता है। 
  11. हेयर ट्रांसप्लांट के बाद साइड इफेक्ट्स के रिस्क से बचने के लिए शराब और स्मोकिंग करना बंद कर दें।
  12. हेयर ट्रांसप्लांट के बाद एक सप्ताह तक सेक्स संबंध बनाने से बचें। सेक्स संबंध पसीने का कारण बन सकता है जो हेयर ट्रांसप्लांट की सफलता के लिहाज से सही नही है। इसके अलावा इस दौरान खून का बहाव बढ़ जाता है जिससे स्काल्प में रक्तस्राव होने की संभावना रहती है।  
  13. हेयर ट्रांसप्लांट के १ से २ हफ्तों के भीतर सोडा, फास्ट फूड, अधिक मीठे का सेवन करने से बचें। ऐसे खाद्य पदार्थों में पोषक तत्व होने के बजाय कोलेस्ट्रॉल और शक्कर होता है जो रक्त शर्करा ( ब्लड शुगर ) को बढ़ाता है। रक्त शर्करा बढ़ने से रोमछिद्रों (हेयर फॉलिकल्स) यानी जहां से बाल उगते हैं उनको नष्ट करता है। इसके अलावा अधिक रक्त शर्करा होने से स्काल्प में सूजन हो सकता है।

हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स होने पर क्या करें

अगर हेयर ट्रांसप्लांट के बाद शुरू के ३ महीने तक आपके बाल गिरते हैं तो यह नए बाल आने की सामान्य प्रक्रिया है। हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स दिखने पर सबसे पहले अपने डॉक्टर से बात करें। अगर साइड इफेक्ट्स गंभीर हो रहे हैं तो डॉक्टर से मिलने में देरी न करें। अगर आपके सिर में तेज दर्द होता है तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।

सारांश

इस लेख में हमने समझा कि हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कुछ आम साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। जैसे सिर में इन्फेक्शन, खुजली, दर्द, रक्तस्राव आदि। हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स इन हिन्दी कई कारणों से होता है लेकिन सर्जन के अनुभव में कमी, मरीज के स्वास्थ्य को नजरंदाज करना और मरीज द्वारा बालों का ध्यान न रखना मुख्य कारण है। अगर मरीज कुछ सावधानियां रखते हुए सर्जन के निर्देशों को ठीक से पालन करता है तो हेयर ट्रांसप्लांट के बाद साइड इफेक्ट्स की संभावना काफी कम हो जाती है। 
हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स की संभावना को एक एक्सपर्ट सर्जन ही कम कर सकता है। हेक्साहेल्थ (HexaHealth) के मंच पर कई प्लास्टिक सर्जन उपलब्ध हैं जिन्हे सर्जरी में निपुणता हासिल है। अगर आप हेयर ट्रांसप्लांट की सोच रहे हैं तो हमारे एक्सपर्ट से ऑनलाइन वीडियो या ऑडियो कॉल पर सलाह ले सकते हैं।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

वैसे तो हेयर ट्रांसप्लांट एक सुरक्षित और सफल सर्जरी है। हेयर ट्रांसप्लांट ९५% मामलों में सफल रहता है लेकिन कुछ ४-५ % मामलों में यह असफल भी हो सकता है। हेयर ट्रांसप्लांट  कई कारणों से फेल हो सकता है जैसे अगर बिना अनुभव वाला डॉक्टर हेयर ट्रांसप्लांट करता है या मरीज के स्वास्थ्य को नजरंदाज किया जाता है।

हेयर विग कृत्रिम ( आर्टिफिशियल ) रूप से बनाया गया बालों का समूह होता है जिसे सिर पर लगाया जाता है। हेयर विग में भी दो प्रकार हो सकते हैं क्योंकि दो तरह के बालों से हेयर विग को तैयार किया जाता है। एक हेयर विग प्राकृतिक बालों से बनाया जाता है। दूसरे प्रकार के हेयर विग में सिंथेटिक बालों का इस्तेमाल किया जाता है। हेयर विग गंजेपन की समस्या का स्थाई और अस्थाई उपाय हो सकता है। खासकर महिलाओं में गंजापन होने पर विग काफी उपयोगी हो सकता है।

दोनो अपनी जगह बेहतर हैं। अगर आप बालों को प्राकृतिक रूप से उगाना चाहते हैं तो हेयर ट्रांसप्लांट करवा सकते हैं वहीं अगर आप सर्जिकल प्रक्रिया से बचना चाहते हैं तो हेयर विग का इस्तेमाल कर सकते हैं।  अक्सर महिलाएं हेयर ट्रांसप्लांट की उपयुक्त उम्मीदवार नही बन पाती हैं। पुरुषों के लिए हेयर ट्रांसप्लांट, हेयर विग से बेहतर साबित हो सकता है लेकिन ज्यादातर महिलाओं के पास हेयर विग का ही विकल्प बचता है। 

सिंथेटिक बालों को इस तरह बनाया जाता है कि दिखने में लगभग असली जैसे दिखते हैं। कुछ ऐसे भी सिंथेटिक बाल होते हैं जो छूने पर भी आपको प्राकृतिक बालों की तरह ही मुलायम महसूस होते हैं। ऐसे सिंथेटिक बाल की कीमत भी अधिक होती है। जो सस्ते सिंथेटिक बाल होते हैं उन्हें छूकर पहचाना जा सकता है लेकिन महंगे सिंथेटिक बाल नई तकनीकों से बनाए जाते हैं जिससे उन्हें छूकर पहचानना भी थोड़ा मुश्किल होता है।

जहां हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी द्वारा फिर से प्राकृतिक बालों को वापस लाया जाता है वहीं हेयर पैच की मदद से आर्टिफिशियल बालों को कॉस्मेटिक गोंद या क्लिप की मदद से स्काल्प ( खोपड़ी ) पर चिपका दिया जाता है। अगर आप गंजेपन का परमानेंट इलाज चाहते हैं तो हेयर ट्रांसप्लांट सबसे अच्छा विकल्प है। हेयर ट्रांसप्लांट में आपके बाल प्राकृतिक रूप से उगते हैं और विशेष देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर आप सर्जिकल प्रक्रिया से बचना चाहते हैं तो हेयर पैच लगवा सकते हैं।

अगर आपके बाल झड़ रहे हैं तो सबसे पहले आपको किसी डर्मेटोलॉजिस्ट या ट्राइकोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए। डॉक्टर आपके झड़ रहे बालों के पैटर्न को पहचानते हैं या आपके स्काल्प का निदान (डायग्नोसिस) करते हैं। इसके अनुसार डॉक्टर आपको कुछ दवाईयां लेने की सलाह दे सकते हैं जो बालों को उगाने में और झड़ रहे बालों को रोकने में मदद करती हैं। डॉक्टर कुछ दवाईयां जैसे माइनोक्सिडिल, फाइनस्टेराइड, स्पाइरोनोलाक्टोंन और ड्यूटास्टेरॉइड लेने की सलाह दे सकते हैं।

अगर आपके बाल झड़ रहे हैं या झड़ चुके हैं तो विटामिन सी, विटामिन ए और आयरन युक्त फलों का सेवन कर सकते हैं। बालों को स्वस्थ रखने में आंवला 

अमरूद,आड़ू, स्ट्राबेरी,अनानास और अंगूर सहायक होते हैं। गंजापन अगर अनुवांशिक कारणों या किसी अन्य कारण से हो रहा है तो यह सिर्फ फल खाने से ठीक नही हो पाता है। गंजेपन की समस्या होने पर किसी ट्राइकोलॉजिस्ट या डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।

बालों को घना करने के लिए निम्नलिखित चीजों का सेवन किया जा सकता है: 

  1. अंडे: इसमें प्रोटीन और बायोटिन अच्छी मात्रा में होता है जो स्काल्प के लिए जरूरी है। 
  2. पालक: बालों को उगने और घना होने के लिए विटामिन ए, सी और आयरन जरूरी है जो पालक में पाया जाता है। 
  3. मछली: सेलमॉन मछली में ओमेगा ३ फैटी एसिड अच्छी मात्रा में होता है जो बालों को बढ़ने में मदद करता है। 
  4. शकरकंद: इसमें बीटा कैरोटिन पाया जाता है जिसे हमारा शरीर विटामिन ए में बदल देता है।  
  5. ऑयस्टर: बालों को बढ़ने में जिंक एक मुख्य भूमिका निभाता है जो आयस्टर में पाया जाता है।

बालों को बढ़ने और घना करने में विटामिन ए, बी, सी, डी, ई, आयरन, बायोटिन और प्रोटीन आवश्यक होते हैं। इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमे ये तत्व पाए जाते हैं वो बालों के स्वास्थ्य को बेहतर रखते हैं।

बाल झड़ने के दौरान अगर आप इसका उपचार शुरू कर देते हैं तो बाल वापस उगना शुरू हो सकता है लेकिन अगर आपके रोमछिद्र यानी जिस छेद से बाल उगते हैं वो नष्ट हो जाते हैं तो बालों को बिना हेयर ट्रांसप्लांट के वापस नही उगाया जा सकता है। 

अगर आपके सिर के आगे के बाल झड़ रहे हैं तो आपको कुछ घरेलू उपाय आजमाने चाहिए। रोज ऐसे फल या सब्जियां खाएं जिनमें विटामिन ए, बी, सी, डी, ई, प्रोटीन और आयरन मौजूद हों। इसके अलावा आप हेक्साहेल्थ से संपर्क कर सकते हैं । हेक्साहेल्थ आपको विशेषज्ञ डॉक्टर जैसे डर्मेटोलॉजिस्ट या ट्राइकोलॉजिस्ट से सलाह लेने में मदद करता है। डॉक्टर आपको कुछ बाल उगाने वाली दवाईयां जैसे माइनोक्सिडिल लेने की सलाह दे सकते हैं।

बालों को मोटा करने के लिए उन्हें पोषण मिलना जरूरी है। अगर आप इन चीजों को खाते हैं तो बाल मजबूत, घने हो सकते हैं: 

  1. गाजर: इसमें कैरोटीन पाया जाता है जो विटामिन ए में बदल जाता है और बालों को पोषण देता है। 
  2. सैलमॉन मछली:  इस मछली में विटामिन डी और ओमेगा थ्री फैटी एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो बालों के छिद्रों और स्काल्प के लिए फायदेमंद है। 
  3. ऑयस्टर्स: इसमें जिंक पाया जाता है। बालों को बढाने और मोटा बनाने के लिए जिंक एक अच्छा स्रोत है। 

ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सबसे पहले आपके बाल झड़ते हैं इसके बाद नए बाल आना शुरू होते हैं। नए बालों को आने में ३ से ४ महीने लग सकते हैं। बालों को पूरी तरह से आने में और घना होने में १२ से १८ महीने लग सकते हैं।

अगर हेयर ट्रांसप्लांट के कुछ सालों बाद किसी कारणवश आपके बाल फिर से झड़ने लगते हैं तो हेयर ट्रांसप्लांट फिर से करा सकते हैं। आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट के बाद जीवन भर आपके बाल उगते रहते हैं लेकिन कुछ मामलों में हेयर ट्रांसप्लांट की जरूरत दोबारा पड़ सकती है। यह आपके डोनर क्षेत्र में उपलब्ध ग्राफ्ट की संख्या पर निर्भर करता है।

मनुष्य के सिर पर १,००,००० से अधिक संख्या में बाल मौजूद होते हैं। हालांकि इनमें से रोज कुछ बाल झड़ते रहते हैं जिनकी संख्या ५० से १०० हो सकती है। हर व्यक्ति बालों के झड़ने की संख्या कम या ज्यादा हो सकती है। 

Last Updated on: 12 December 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

विशेषज्ञ डॉक्टर (10)

Dr. Yog Raj Handoo
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