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Urine Culture Test in Hindi

Urine Culture Test in Hindi

Test Duration

clock

2 Minutes

------ To ------

3 Minutes

Test Cost

rupee

375

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750

Urine Culture Test in Hindi
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यूरिन कल्चर टेस्ट एक लैब टेस्ट है जिसमे यूरिन के नमूने में बैक्टीरिया या अन्य कीटाणुओं के मौजूद होने की जांच की जाती है। बच्चों और वयस्कों में मूत्र पथ के संक्रमण की जांच के लिए यह बहुत उपयोगी परीक्षण है।

यूरिन कल्चर टेस्ट में कृत्रिम रूप से संक्रमण पैदा करने वाले जीवाणु की संख्या बढ़ जाती है। उसके बाद  प्रयोगशाला में इन बढ़े हुए जीवाणु के ऊपर एनटीबियोटिक सेन्सिटिविटी टेस्ट (यूरिन कल्चर एण्ड सेन्सिटिविटी टेस्ट) किया जाता है। इसके माध्यम से उस जीवाणु के खिलाफ सबसे असरदार ऐन्टाइबाइआटिक का पता लगाया जाता है। इससे इलाज में बहुत मदद मिलती है।

वैकल्पिक नाम

यूरिन कल्चर एण्ड सेन्सिटिविटी टेस्ट

आवश्यकताएं

कोई दवाई ली है, तो डॉक्टर को बताएं

परीक्षण कौन करता है

प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल व्यवसायी

रिपोर्ट करने का समय

२४  से ४८  घंटे 

यूरिन कल्चर टेस्ट क्या होता है?

यूरिन कल्चर टेस्ट मूत्र में कीटाणुओं (सूक्ष्मजीवों) जैसे बैक्टीरीया, फंगस, आदि की जाँच के लिए किया जाता है। ये किटाणु मूत्र पथ में संक्रमण का कारण बनते है। प्रयोगशाला के अंदर इन सुक्षम जीवों की गिनती को कई-गुणा बढ़ाया जाता है।  

मूत्र के नमूने में जीवों के विकास को बढ़ावा देने वाले पदार्थ डाल दिए जाते है। यदि बैक्टीरिया या यीस्ट (कवक) मौजूद हैं, तो वे गुणा करना शुरू कर देते हैं। इनकी इसी वृद्धि से पता चलता है कि मूत्र तंत्र में संक्रमण है।

यदि जीवाणु गुणा करते हैं, तो इनके ऊपर किया गया एंटीबायोटिक संवेदनशीलता परीक्षण, उन जीवाणुओं को मारने के लिए सबसे सटीक एंटीबायोटिक की पहचान कर सकता है।

यूरिन कल्चर टेस्ट की आवश्यकता

यूरिन कल्चर टेस्ट की जांच से निम्न बीमारी या शरीर कि स्तिथि का पता चलता है।ज्यादातर डॉक्टर मरीज के लक्षण जानने के बाद मूत्र पथ के संक्रमण जैसे यूटीआई की पुष्टि की जांच के लिए मूत्र कल्चरटेस्ट का सलाह देते हैं।

इसके अलावा यह उन लोगों में भी किया जाता है जिन्हे:

  1. बार-बार मूत्र संक्रमण हो जाता
  2. दवाइयों का कोई असर नहीं होता 

संक्रमण की स्तिथि में अगर मरीज को निम्नलिखित लक्षण अथवा संकेत है तो यूरिन कल्चर टेस्ट कि आवश्यकता होती है:

  1. पेशाब करते वक्त दर्द और जलन
  2. बार-बार पेशाब आना और रोकना मुश्किल होना
  3. पेट में या कमर के निचले हिस्से में दर्द 
  4. बुखार 
  5. जी मिचलाना/उलटी आना 
  6. मूत्र धुंधला या मूत्र में खून दिखना
  7. मूत्र में से दुर्गंध आना 
  8. मधुमेह से पीढ़ित
  9. गुर्दे की बीमारी /गुर्दे में पथरी

यूरिन कल्चर टेस्ट के फायदे

यूरिन कल्चर परीक्षण मूत्र संबंधी समस्याओं की जांच करने की अनुमति देता है। परीक्षण के लाभ हैं:

  1. सरल और नॉन इनवेसिव -  परीक्षण सरल और गैर-आक्रामक है, जिसमें केवल मूत्र का नमूना शामिल होता है, जिससे इसे कराना आसान हो जाता है।
  2. किफायती - यह एक किफायती परीक्षण है, जो कई व्यक्तियों के लिए मूत्र स्थिति की निगरानी तक पहुंच सुनिश्चित करता है।
  3. कोई स्वास्थ्य जोखिम नहीं - परीक्षण का कोई ज्ञात स्वास्थ्य जोखिम या दुष्प्रभाव नहीं है।
  4. कोई बाद की देखभाल नहीं - परीक्षण के बाद किसी भी बाद की देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि मूत्र प्रणाली से बाहर निकल जाता है।

यूरिन कल्चर टेस्ट की तैयारी

यूरिन कल्चरटेस्ट के से पहले डॉक्टर द्वारा दिए गए कुछ सुझावों का पालन करें | इससे प्रयोगशाला में भेजने के लिए एक अच्छा नमूना मिलता है, जैसे कि:

  1. पेशाब का नमूना इकट्ठा करने से पहले कम से कम एक घंटे तक पेशाब न करें। 
  2. नमूना इकट्ठा करने से २० मिनट पहले १ - १.५  ग्लास पानी पिएं ताकि परीक्षण के लिए मूत्राशय पैरामीटर में पर्याप्त मूत्र हो। 
  3. हो सके तो, सुबह का सबसे पहले पेशाब का नमूना लें | यदि यह संभव नहीं है, तो नमूना तब लें जब मूत्र मूत्राशय में २ से ३  घंटे तक रहा हो। 
  4. मरीज ने अगर हाल ही में कोई एंटीबायोटिक दवाई ली है, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। इसके अलावा अगर मरीज किसी प्रकार की दवाई जैसे जड़ी-बूटिया, विटामिन और सप्लीमेंट ले रहा है, तो यह जानकारी डॉक्टर को पता होनी चाहिए।

नमूना प्राप्त करने की तकनीकें

यूरिन कल्चर टेस्ट में ज्यादातर लोगों में एक साधारण स्वच्छ स्तिथि में इकट्ठा किया हुआ मूत्र का छोटा सा नमूना परीक्षण के लिए काफी होता है। नमूना इकट्ठा करने के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं करनी पड़ती है। 

यूरिन कल्चरटेस्ट के लिए नमूना लेने की कई तरह की तकनीकें हैं, जिनमें सुपरप्यूबिक एस्पिरेशन, स्ट्रेट कैथेटर तकनीक, और मिड-स्ट्रीम कैच शामिल हैं। 

यूरिन कल्चरटेस्ट  के लिए यूरिन सैंपल लेने का सबसे आम तरीका क्लीन-कैच मिडस्ट्रीम तकनीक है, जो आसान है, और सुविधाजनक है, क्योंकि मरीज इसे खुद कर सकता है। 

“क्लीन कैच” का अर्थ है कि मूत्र के नमूने को हर संभव तरह से स्वच्छ रखा जाए यानि इस नमूने को किसी भी बाहरी दूषित पदार्थों से मुक्त रखना, उदाहरण के तौर पर उसमे त्वचा पर रहने वाले सामान्य बैक्टीरिया नहीं होने चाहिए। उसके बाद ही यह प्रयोगशाला में यूरिन कल्चरटेस्ट और ऐन्टाइबाइआटिक सेन्सिटिविटी टेस्ट के लिए भेजा जाता है। 

घर पर मूत्र का नमूना एकत्र करने के लिए निम्नलिखित चरन का पालन कर सकते हैं:

  1. हाथों को साफ करना- मरीज सबसे पहले खुद के हाथों को साबुन और गर्म पानी से धो कर साफ कर ले। 
  2. एंटीसेप्टिक वाइप - मूत्रमार्ग (वल्वा और योनि क्षेत्र या लिंग के सिर) को किसी एंटीसेप्टिक वाइप का इस्तेमाल करते हुए अच्छी तरह से साफ करले। 
  3. पेशाब करें - इसके बाद थोड़ी मात्रा में पेशाब को शौचालय में करें। और फिर बीच में ही रुक जाएं।
  4. कप मे मूत्र इकट्ठा - अब योनी या लिंग के नीचे एक जीवाणुरहित कप रखकर उसमे पेशाब करें | ध्यान रहें की कप को त्वचा के संपर्क में ना लिए और उसमे थोड़ी मात्रा मे मूत्र इकट्ठा करें। कप को पूरा ऊपर तक ना भरे। कप पर प्रयोगशाला द्वारा दिया गया ढक्कन लगाए। 

इसके अलावा शिशुओं और छोटे बच्चों, बीमार,अस्पताल में भर्ती मरीज अथवा बुजुर्गों के लिए मूत्र का नमूना एकत्र करने के अन्य कई तरीके इस प्रकार हैं जिनमे से किसी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है: 

  1. कैथीटेराइजेशन - इस प्रक्रिया में मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्राशय तक पहुंचने के लिए एक कैथेटर डालाजाता है। यह एक पतली, लचीली ट्यूब होती है इसका दूसरा सिरा संग्रह बैग से जोड़ दिया जाता है, जिसमे मूत्र इकट्ठा होता है।
  2. एसपिरेशन  - पेट के ऊपर से सीधे मूत्राशय में एक लंबी और पतली सुई डाली जाती है, और फिर  संग्रह बैग में मूत्र को इकट्ठा किया जाता है। 
  3. मूत्र बैग (यू बैग) - शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए, एक पीड़ियाट्रिक मूत्र संग्रह बैग सीधे उनके लिंग या उनके योनी पर चिपका/लगा कर बच्चे के पेशाब को इकट्ठा किया जाता है। बाद में उनके पेशाब को बैग से एक ढक्कन वाले कंटेनर में खाली कर दिया जाता है।

यूरिन कल्चर टेस्ट का नमूना इकट्ठा करने के बाद  

मूत्र का नमूना प्राप्त करने के बाद प्रयोगशाला में एक इनक्यूबेटर में कल्चर विकसित किया जाता है, जिसका तापमान ९८.६ डिग्री फ़ारेनहाइट (३७ डिग्री सेल्सियस) रखा जाता है, जो कि मानव शरीर के लिए औसत तापमान है। इस प्रक्रिया का परिणाम आने में  २४  से ४८ घंटे लगते हैं। 

यूरिन कल्चर टेस्ट के बाद देखभाल

परीक्षण के नतीजे आने में आमतौर पर प्रयोगशाला को नमूने का विश्लेषण करने में एक या दो दिन लगते हैं। यूरिन कल्चर परीक्षण से गुजरने के बाद, निम्नलिखित देखभाल चरणों का पालन करें:

  1. हाइड्रेटेड रहें - भरपूर पानी पीने से आपके मूत्र पथ में बचे हुए बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है। दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें।
  2. व्यक्तिगत स्वच्छता - अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें। अपने जननांग क्षेत्र को हल्के साबुन और पानी से साफ करें। शौचालय का उपयोग करने के बाद गुदा क्षेत्र से बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग में प्रवेश करने से रोकने के लिए आगे से पीछे तक पोंछें।
  3. जलन पैदा करने वाले पदार्थों से बचें - जननांग क्षेत्र में कठोर साबुन, डूश और सुगंधित उत्पादों का उपयोग करने से बचें, क्योंकि वे बैक्टीरिया के प्राकृतिक संतुलन को बाधित कर सकते हैं।

यूरिन कल्चर टेस्ट के परिणाम

यूरिन कल्चरटेस्ट  के परिणाम दो प्रकार के हो सकते हैं। यदि परिणाम नकारात्मक हैं, तो कोई संक्रमण मौजूद नहीं है।

सकारात्मक मूत्र कल्चर परीक्षण

एक "सकारात्मक" या असामान्य परीक्षण के अंतर्गत कल्चर में बैक्टीरिया या यीस्ट पाए जाते हैं। यह पुष्टि करता है कि मरीज को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन या ब्लैडर इन्फेक्शन है।

इस कल्चर के नमूने पर एंटीबायोटिक संवेदनशीलता परीक्षण किया जाता है |

परिणाम: इस परीक्षण से पता चलता है कि 

  1. संक्रमण के लिए कौन सा जीवाणु जिम्मेदार है - बैक्टीरिया या यीस्ट 
  2. कौन से एंटीबायोटिक्स इस जीवाणु का सबसे अच्छा इलाज करेंगे

कभी-कभी कल्चर में एक से अधिक प्रकार के बैक्टीरिया या थोड़े से बैक्टीरीया ही पाए जाते हैं |

यूरिन कल्चर टेस्ट के जोखिम

क्लीन कैच विधि के माध्यम से यूरिन कल्चर टेस्ट के लिए मूत्र का नमूना देना बहुत सुरक्षित है। इसमे कोई जोखिम नहीं होता है, परंतु, कुछ दुर्लभ मामलों में कैथिटर के माध्यम से नमूना इकट्ठा करते वक्त मरीज को निम्न जोखिम का सामना करना पड़ सकता है -

  1. असहजता - कैथिटर को शरीर में डालते समय मरीज को थोड़ा दबाव और असहजता महसूस हो सकती है। 
  2. संक्रमण -  कैथेटर या सुई विधि से यूरिन कल्चर टेस्ट के लिए मूत्र का नमूना इकट्ठा करने के बाद संक्रमण होने का थोड़ा जोखिम होता है।  
  3. मूत्रमार्ग कि नली मे छेद - बहुत ही दुर्लभ स्तिथि मे संभव है, कि कैथिटर की वजह से मूत्रमार्ग कि नली मे या मूत्राशय में छेद हो सकता है।

यूरिन कल्चर टेस्ट की भारत में क़ीमत

यूरिन कल्चर परीक्षण की क़ीमत ज्यादातर प्रयोगशालाओ ने करीब  ₹ ३७५ - ७५० रुपए  के आसपास निर्धारित की हैं।  यूरिन कल्चर टेस्ट की क़ीमत कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे: 

  1. अगर टेस्ट किसी बड़े अस्पताल कि प्रयोगशाला से कराया जाता है, तो कीमत ज्यादा होती है। 
  2. यह व्यक्ति के बीमा कवरेज पर भी निर्भर करती है। 
  3. इसके अलावा अगर नमूने को इकट्ठा करके प्रयोगशाला मे देने के लिए अगर आप किसी कर्मचारी को बुलाते है तो उसकी कीमत बढ़ जाती है। 
टेस्ट का नामक़ीमत 
यूरिन कल्चर टेस्ट

₹ ३७५ - ७५०

निष्कर्ष

एक मूत्र कल्चर परीक्षण मूत्र पथ के संक्रमण करने वाले बैक्टीरिया या यीस्ट की पहचान कर सकता है। परीक्षण मे यदि जीवाणु गुणा करते हैं तो उन जीवाणुओं को मारने के लिए सबसे सटीक एंटीबायोटिक की पहचान कर सकता है। दवाई खाने के बाद ठीक तरह से संक्रमण समाप्त हो गया है यह सुनिश्चित करने के लिए भी मूत्र कल्चर परीक्षण किया जा सकता है। 

अगर यूरिन कल्चर परीक्षण कि प्रक्रिया को लेकर मन मे कोई संदेह है तो जल्दी से HexaHealth की पर्सनल केयर टीम से संपर्क करें और अपनी चिंता से निजात पाए। हमारे विशेषज्ञ आपके सभी प्रश्नों को तस्सली से सुनकर, हल करेंगे। इससे संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप, हमारी वेबसाइट पर भी जा सकते हैं। 

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अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

एक यूरिन कल्चर टेस्ट कीटाणुओं (सूक्ष्मजीवों) के लिए मूत्र की जाँच करता है यही किटाणु मूत्र पथ के संक्रमण का कारण बनते है। इसमे बहुत सरल तरीके से नमूने को इकट्ठा करके यूरिन कल्चर टेस्ट के लिए भेज दिया जाता है ।

मरीज में संक्रमण के लक्षण जानने के बाद मूत्र पथ के संक्रमण की पुष्टि की जांच के लिए मूत्र कल्चर का आदेश डॉक्टर द्वारा दिया जाता है। इसके अलावा अगर किसी मरीज मे बार-बार मूत्रपथ का संक्रमण हो जाता है, तो भी यह परीक्षण किया जाता है।

यूरिन कल्चर टेस्ट के लिए सैंपल घर में क्लीन कैच प्रक्रिया द्वारा नमूने के रूप में एकत्र किया जाता है। इसके अलावा मूत्राशय में मूत्रमार्ग के माध्यम से एक पतली रबर ट्यूब (कैथेटर) डालकर भी मूत्र का नमूना लिया जा सकता है।

यह निर्धारित करने के लिए कि मूत्र में बैक्टीरिया या यीस्ट मौजूद हैं या नहीं, मूत्र के नमूने को  यूरिन कल्चर और सेंसिटिविटी टेस्ट के लिए एक प्रयोगशाला में भेज जाता है इसमें २४ से ४८ घंटे लगते हैं।

यूरिन कल्चर परीक्षण की क़ीमत हर शहर में अलग हो सकती है, ज्यादातर प्रयोगशालाओ ने करीब   ₹ ३९९ के आसपास इसकी कीमत निर्धारित की हैं।

यूरिन कल्चर टेस्ट की क़ीमत कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे बड़े अस्पताल कि प्रयोगशाला,  व्यक्ति के बीमा कवरेज, और नमूने को इकट्ठा करके प्रयोगशाला मे देने के लिए किसी कर्मचारी को घर पर बुलाया जाता है, तो उसकी कीमत बढ़ जाती है।

यूरिन कल्चर टेस्टसे निम्न समस्या का पता लगाया जाता है:

  1. पेशाब में बैक्टीरिया या अन्य कीटाणुओं का संक्रमण
  2. संक्रमण का इलाज काम कर रहा है या नहीं

एक यूरिन कल्चर परीक्षण से मूत्र पथ का संक्रमण करने वाले बैक्टीरिया और फंगस का पता लगता है। ज्यादातर लोगों में ई-कोली और स्ट्रेपटोकोक्कस नामक बैक्टीरीया आमतौर पर मूत्र पथ संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते हैं।

सामान्य मूत्र कल्चर परीक्षण परिणाम का अर्थ है कि मूत्र के नमूने में बैक्टीरिया या फंगस के संकेत नजर नहीं आए हैं। इसका मतलब है कि यह यूटीआई नहीं है।

सकारात्मक या असामान्य परीक्षण के अंतर्गत कल्चर में बैक्टीरिया या यीस्ट पाए जाते हैं। यह पुष्टि करता है कि मरीज को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन या ब्लैडर इन्फेक्शन है।

कल्चर के नमूने पर एंटीबायोटिक संवेदनशीलता परीक्षण करके यह पता लगाया जा सकता है कि कौन से बैक्टीरिया या यीस्ट संक्रमण पैदा कर रहे हैं। इसकि वजह से एक सटीक दवा देकर संक्रमण को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है|

युरिन कल्चरटेस्ट की रिपोर्ट में परिणाम को दो प्रकार से लिखा जाता है: 

  1. असामान्य परिणाम जहां पर संक्रमण पैदा करने वाला जीवाणु बढ़ जाता है और संक्रमण कि पुष्टि हो जाती है। 
  2. सामान्य परिणाम जो बताता है कि संक्रमण नहीं हुआ हैं। 

सन्दर्भ

हेक्साहेल्थ पर सभी लेख सत्यापित चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त स्रोतों द्वारा समर्थित हैं जैसे; विशेषज्ञ समीक्षित शैक्षिक शोध पत्र, अनुसंधान संस्थान और चिकित्सा पत्रिकाएँ। हमारे चिकित्सा समीक्षक सटीकता और प्रासंगिकता को प्राथमिकता देने के लिए लेखों के संदर्भों की भी जाँच करते हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी विस्तृत संपादकीय नीति देखें।


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  5. Content - Health Encyclopedia - University of Rochester Medical Center [Internet]. www.urmc.rochester.edu. link
  6. Danzon PM, Manning WG, Marquis MS. Factors affecting laboratory test use and prices. Health Care Financing Review [Internet]. 1984;5(4):23–32. link

लेखक

Kirti V

Kirti V

B.A. English | M.A. English ( Magadh University, Bihar)

3 Years Experience

With 3 years of full-time experience as an SEO content writer, she has honed her skills to deliver captivating and persuasive writing that leaves a lasting impact. She is always ready to learn new things and expand...View More

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