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मेनोरेजिया (मासिक धर्म चक्र) क्या है? - Menorrhagia Meaning in Hindi

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Dr. Monika Dubey
Menorrhagia in Hindi

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Menorrhagia in Hindi
Medically Reviewed by Dr. Monika Dubey Written by Pranjali Kesharwani

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मेनोरेजिया (अतिरज) या हैवी ब्लीडिंग एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान बहुत ज्यादा या लंबे समय तक ब्लीडिंग यानी खून का रिसाव होता है। मेनोरेजिया में 7 दिनों तक या उससे अधिक दिनों तक ब्लीडिंग (खून का रिसाव) हो सकती है और इसमें पीरियड्स के दौरान सामान्य से अधिक ब्लीडिंग हो सकती है। 

मेनोरेजिया (अतिरज) की हालत में, एक महिला को लगातार खून की कमी और शरीर में ऐंठन के कारण अपनी रोजाना की गतिविधियों को करने में दिक्कतें आती हैं, साथ ही शरीर में आयरन की कमी से उन्हें एनीमिया भी हो सकता है। मेनोरेजिया के लक्षणों का एहसास होने पर एक महिला को तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। मेनोरेजिया के उपचार के लिए कई प्रभावी तरीके हैं। आइए चित्रों, लक्षणों, कारणों, प्रकार, निदान, रोकथाम, उपचार, द्वारा मेनोरेजिया के बारे में पढ़ें।

रोग का नाम

मेनोरेजिया

वैकल्पिक नाम 

बहुत ज्यादा खून बहना (हैवी ब्लीडिंग)

लक्षण

पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान सात दिनों तक ब्लीडिंग होना, पेट में दर्द, एनीमिया के लक्षण, पीरियड्स आने पर जमे हुए खून के थक्के निकलना, जीवन की गुणवत्ता में कमी

कारण

हार्मोनल असंतुलन, गर्भाशय फाइब्रॉएड, पॉलीप, अंडाशय की शिथिलता, अंतर्गर्भाशयी उपकरण, गर्भावस्था की जटिलताएं

निदान

पेल्विक (श्रोणि) परीक्षण, अल्ट्रासाउंड, पीएपी परीक्षण, हिस्टेरोस्कोपी, एंडोमेट्रियल बायोप्सी

इलाज

गायनाकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) द्वारा

उपचार के विकल्प

डाइलेशन और क्यूरेटेज, एंडोमेट्रियल एब्लेशन, हिस्टेरेक्टॉमी, यूटेराइन आर्टरी एम्बोलिजेशन

मेनोरेजिया (अतिरज) क्या होता है?

मेनोरेजिया (अतिरज) महिला रोग से संबंधित ऐसी स्थिति है जिसमें पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा या लंबे समय तक खून का बहाव होता है। इस स्थिति में सात दिनों से अधिक समय तक ब्लीडिंग हो सकती है साथ ही पीरिड्स के दौरान सामान्य से अधिक ब्लीडिंग हो सकती है। मेनोरोजिया में ब्लीडिंग इतनी तेज हो सकती है कि महिला को हर एक से दो घंटे में टैम्पोन या पैड बदलना पड़ सकता है।

मेनोरेजिया (अतिरज) के लक्षण

जब एक महिला को मेनोरेजिया होता है, तो पीरियड्स के दौरान इतनी ज्यादा ब्लीडिंग होती है कि उसकी वजह से रोजमर्रा की जिंदगी और सामान्य गतिविधियों को पूरा करने में भी परेशानी आती है। मेनोरेजिया के दूसरे संकेत और लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  1. पीरियड्स के दौरान लगातार कई घंटों तक एक या एक से अधिक पैड या टैम्पोन का भीगना
  2. पीरियड्स आने पर सात दिनों से अधिक समय तक ब्लीडिंग
  3. रात के दौरान पैड या टैम्पोन बदलने की जरूरत पड़ना
  4. ब्लीडिंग को नियंत्रित करने के लिए डबल सैनिटरी सुरक्षा का इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ना
  5. लगातार पेट दर्द होना
  6. पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग में खून के थक्कों की मौजूदगी
  7. खून का रंग गहरा लाल, गुलाबी या जंग की तरह होना
  8. एनीमिया के लक्षण, जैसे थकान, ऊर्जा की कमी या सांस लेने में तकलीफ
  9. जीवन की समग्र गुणवत्ता में कमी

मेनोरेजिया (अतिरज) के कारण

एक महिला में मेनोरेजिया की समस्या पुरानी भी हो सकती है या कभी-कभार भी हो सकती है। इस स्थिति के संभावित कारणों की एक बड़ी श्रृंखला है। मेनोरेजिया के कारणों में शामिल हैं:

  1. हार्मोनल असंतुलन: सामान्य मेंस्ट्रुअल साइकिल यानी मासिक धर्म चक्र के दौरान प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन के बीच संतुलन होता है। ये हार्मोन गर्भाशय में एंडोमेट्रियम के अस्तर को बनाने के लिए बहुत जरूरी हैं। अगर इन हार्मोनों में असंतुलन होता है, तो इससे पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है। थायराइड रोग, मोटापा या अधिक वजन, एनोव्यूलेशन और पॉलीसिस्टिक अंडाशय रोग के कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।
  2. अंडाशय की शिथिलता: जब अंडाशय काम नहीं कर रहे होते हैं तो शरीर प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन नहीं करता है। एंडोमेट्रियम के अस्तर को बनाए रखने के लिए प्रोजेस्टेरोन जरूरी है। इसलिए, प्रोजेस्टेरोन के नहीं होने पर खून का बहाव बढ़ जाएगा।
  3. पॉलीप: गर्भाशय की आंतरिक परत (एंडोमेट्रियम) पर छोटी वृद्धि। इससे पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग भी हो सकती है।
  4. गर्भाशय फाइब्रॉएड: कुछ महिलाओं को उनकी प्रसव उम्र के दौरान हल्के गर्भाशय ट्यूमर का अनुभव हो सकता है। ये बहुत ज्यादा ब्लीडिंग का कारण बन सकते हैं।
  5. अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (आईयूडी): जन्म नियंत्रण उपायों के एक हिस्से के रूप में गैर-हार्मोनल अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (आईयूडी) के परिणामस्वरूप मेनोरेजिया हो सकता है।
  6. कैंसर: गर्भाशय ग्रीवा या गर्भाशय के कैंसर के कारण पीरियड्स लंबे हो सकते हैं और ब्लीडिंग भी बहुत ज्यादा हो सकती है, खासकर अगर महिला का असामान्य पैप स्मीयर परीक्षणों का इतिहास रहा हो।
  7. गर्भावस्था की जटिलताएं: प्लेसेंटा प्रिविया या नीची प्लेसेंटा वाली महिलाओं में सामान्य ब्लीडिंग की तुलना में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है।
  8. दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे एनोक्सापारिन, वार्फरिन, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन, साइड इफेक्ट के रूप में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग का कारण बन सकती हैं।
  9. अन्य कारण: मेनोरेजिया के अन्य कारणों में किडनी की बीमारी, लीवर की बीमारी, विरासत में मिला रक्तस्राव विकार और एडिनोमायोसिस शामिल हैं।

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मेनोरेजिया (अतिरज) के जोखिम से जुड़े कारण

आम तौर पर जोखिम से जुड़े कारण, उम्र और दूसरी मेडिकल कंडीशन की वजह से अलग-अलग होते हैं जो किसी महिला में मेनोरेजिया की समस्या के बारे में जानकारी दे सकत हैं। मेनोरेजिया के जोखिम से जुड़े संभावित कारण निम्नलिखित हैं:

  1. फाइब्रॉएड (रेशेदार)
  2. गर्भाशय पॉलीप
  3. गर्भाशय कैंसर
  4. डायबिटीज (मधुमेह)
  5. थायराइड से जुड़ी समस्याएं
  6. एंडोमेट्रियोसिस (अन्तर्गर्भाशय अस्थानता)
  7. ब्लीडिंग डिसऑर्डर (खून बहने की अव्यवस्था)
  8. पेल्विक इंफेक्शन (श्रोणि संक्रमण)

मेनोरेजिया से बचाव

एक महिला बहुत ज्यादा ब्लीडिंग के सभी कारणों को नहीं रोक सकती है। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि वो एक डॉक्टर से परामर्श करें और मेनोरेजिया को बिगड़ने से रोकने के लिए उसका उचित प्रबंधन शुरू करें। नीचे बताए गए उपाय ब्लीडिंग को कम करने में मदद करेंगे। महिला को चाहिए:

  1. खूब सारा पानी पिएं।
  2. खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज ज्यादा शामिल करें।
  3. किसी भी तरह के शारीरिक या मानसिक तनाव से बचें।
  4. स्वस्थ वजन बनाए रखें और नियमित रूप से व्यायाम करें।

मेनोरेजिया का पता कैसे चलता है?

प्राइमरी केयर डॉक्टर (प्राथमिक देखभाल चिकित्सक) आम तौर पर लक्षणों को देखकर, महिला की मेडिकल हिस्ट्री और उसके शारीरिक परीक्षण के आधार पर मेनोरेजिया का पता लगा सकते हैं। डॉक्टर पेल्विक परीक्षण के साथ साथ पूरी शारीरिक जांच करेंगे। डॉक्टर महिला को उसके पीरियड्स और कुछ महीनों तक उसके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पैड या टैम्पोन की संख्या को ट्रैक करने के लिए भी कह सकते हैं। हालांकि, डॉक्टर मेनोरेजिया का पता लगाने के लिए नीचे बताए गए अतिरिक्त परीक्षणों की सिफारिश भी कर सकते हैं।

  1. ब्लड टेस्ट (रक्त परीक्षण): एनीमिया, थक्के जमने की समस्या और थायरॉयड रोग की जांच के लिए ब्लड टेस्ट यानी खून की जांच की जाती है। 
  2. यूटरस यानी गर्भाशय का अल्ट्रासाउंड: गर्भाशय को देखने और किसी भी घाव या ट्यूमर की मौजूदगी की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है।
  3. पीएपी टेस्ट: पैप स्मीयर टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा में किसी भी तरह के संक्रमण, सूजन या किसी ट्यूमर की मौजूदगी का पता लगाने के लिए किया जाता है।
  4. हिस्टेरोस्कोपी: गर्भाशय के अस्तर में फाइब्रॉएड, पॉलीप्स या अन्य समस्याओं की जांच के लिए एक छोटे कैमरे का इस्तेमाल करके की जाने वाली प्रक्रिया, जिससे बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है।
  5. एंडोमेट्रियल बायोप्सी: सेलुलर असामान्यताओं या ट्यूमर के लिए गर्भाशय के अस्तर की जांच करने के लिए किया जाने वाला एक परीक्षण।
  6. ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड: यह परीक्षण फाइब्रॉएड और एक्टोपिक गर्भावस्था की संभावनाओं की पहचान करता है।

डॉक्टर के परामर्श के लिए कैसे तैयारी करें?

  1. डॉक्टर के परामर्श के लिए पहले से तैयारी करें: हाल के अध्ययनों से पता चला है कि जो इंसान पहले से अपॉइंटमेंट बुक करता है, वह डॉक्टर के साथ बेहतर तरीके से बातचीत कर पाता है। अगर रोगी पहले से अपॉइंटमेंट बुक करते हैं, तो उनके पास अपनी समस्या से जुड़े लक्षणों की लिस्ट तैयर करने के लिए अतिरिक्त समय होता है।
  2. बताएं कि असल में क्या महसूस कर रहे हैं: लक्षणों को खुद रोगियों से बेहतर दूसरा कोई और नहीं समझ सकता है। इसलिए रोगी को डॉक्टर को सभी लक्षणों के बारे में विस्तार से बताना चाहिए। रोगी को पेट दर्द और बुखार की शुरुआत जैसी छोटी बातों की जानकारी भी जरूर देनी चाहिए।
  3. प्रश्न पूछना न भूलें: रोगी को हमेशा उपचार के प्रकार और उपचार से जुड़े संभावित दुष्प्रभावों (साइड इफेक्ट्स) के बारे में सवाल पूछना चाहिए। अगर किसी डायग्नोस्टिक टेस्ट की सिफारिश की गई है, तो रोगी को डॉक्टर से डायग्नोसिस से जुड़ी तमाम बातें बताने का अनुरोध करना चाहिए।

मेनोरेजिया का उपचार

ब्लीडिंग की वजह और ब्लीडिंग की गंभीरता के आधार पर डॉक्टर मेनोरेजिया के उपचार के तरीके का फैसला करेंगे। डॉक्टर उम्र, सामान्य स्वास्थ्य, मेडिकल हिस्ट्री और रोगी कुछ दवाओं, प्रक्रियाओं या उपचारों के प्रति कितनी अच्छी प्रतिक्रिया देता है, इस पर भी विचार करेंगे। कुछ उपचार लंबे समय तक चलते हैं और कुछ एक बार में ही पूरे किए जाते हैं। अपनी हालत को देखते हुए इलाज का सबसे अच्छा तरीका तय करने के लिए एक मरीज को डॉक्टर के साथ सभी विकल्पों पर चर्चा करनी चाहिए। मेनोरेजिया के उपचार के तरीकों की सूची निम्नलिखित है।

बिना सर्जरी के मेनोरेजिया का इलाज

  1. ओरल प्रोजेस्टेरोन: यह हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद करता है और मेनोरेजिया को कम करता है।
  2. नन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी): इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सन जैसी दवाएं मेनोरेजिया को कम करने और दर्दनाक ऐंठन को दबाने में मदद कर सकती हैं।
  3. ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव (मौखिक गर्भनिरोधक): मौखिक गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल असामान्य मासिक धर्म प्रवाह को कम करने और सामान्य मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने के लिए भी किया जा सकता है।
  4. ट्रैनेक्सैमिक एसिड: यह दवा रक्त के थक्के को बढ़ाने में मदद करती है, जिसके परिणामस्वरूप खून के नुकसान में कमी आती है।
  5. आयरन सप्लीमेंट्स: मेनोरेजिया के मरीजों को खून की बहुत ज्यादा कमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। शरीर में आयरन की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट भी लिख सकते हैं।
  6. हार्मोनल अंतर्गर्भाशयी उपकरण: प्रोजेस्टिन, लेवोनोर्गेस्ट्रेल अंतर्गर्भाशयी उपकरणों द्वारा जारी किया जाता है। यह दवा गर्भाशय की परत को पतला करके खून के नुकसान को कम करने में मदद करती है। यह शरीर में होने वाले ऐंठन से भी राहत देता है।

सर्जरी की मदद से मेनोरेजिया का इलाज

  1. डाइलेशन और क्यूरेटेज: इस प्रक्रिया में, यूटरस यानी गर्भाशय की सबसे बाहरी परत को हटा दिया जाता है। ज्यादातर मामलों में सिर्फ एक सर्जरी के बाद ही बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या खत्म हो जाती है, लेकिन कुछ रोगियों को एक से अधिक सर्जरी करवाने की जरूरत पड़ सकती है।
  2. एंडोमेट्रियल रिसेक्शन: इस प्रक्रिया का इस्तेमाल उन महिलाओं के लिए किया जाता है जिन्हें बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की परेशानी रहती है। इसमें गर्भाशय के एंडोमेट्रियल लाइनिंग को हटाने के लिए एक इलेक्ट्रिकल वायर लूप का इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर इस प्रक्रिया के बाद प्रेग्नेंसी यानी गर्भावस्था की सलाह नहीं दी जाती है।
  3. एंडोमेट्रियल एब्लेशन: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय के एंडोमेट्रियल अस्तर के सभी या एक हिस्से को नष्ट कर दिया जाता है। ज्यादातर मामलों में सर्जन सर्जरी के बाद नसबंदी की सलाह देते हैं।
  4. यूटेराइन आर्टरी एम्बोलिजेशन: यह गर्भाशय में गैर-कैंसर वाले ट्यूमर (फाइब्रोएड्स) को सिकोड़ने के लिए की जाने वाली एक सर्जिकल प्रक्रिया है। इस सर्जरी में, जांघ की आर्टरी यानी धमनी के माध्यम से एक उपकरण डाला जाता है और उस उपकरण को गर्भाशय तक पहुंचाया जाता है। छोटे जिलेटिन कणों को डिवाइस के माध्यम से उस आर्टरी में इंजेक्ट किया जाता है जो फाइब्रॉएड को खून पहुंचाने का काम करती है। इसका नतीजा ये होता है कि खून की सप्लाई में रुकावट आ जाती है और आखिरकार फाइब्रॉएड सिकुड़ जाती है।
  5. हिस्टरेक्टॉमी: यह गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय को हटाने के लिए एक सर्जिकल प्रक्रिया है। कुछ मामलों में, सर्जन अंडाशय को भी हटा सकता है। यह एक स्थायी प्रक्रिया है जो बांझपन का कारण बनती है और मासिक धर्म को समाप्त करती है।

सर्जरी का नाम                              

सर्जरी का खर्च

डाइलेशन और क्यूरेटेज

₹२५,००० से ₹६०,०००

एंडोमेट्रियल रिसेक्शन

₹३०, ००० से ₹७०,०००

एंडोमेट्रियल एब्लेशन

₹५०,००० से ₹५,००,०००

यूटेराइन आर्टरी एम्बोलिजेशन

₹२,००,००० से ₹२,६०,०००

हिस्टरेक्टॉमी

₹२५,००० से ₹१,५०,०००

मेनोरेजिया के जोखिम और जटिलताएं

अगर मेनोरेजिया का समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो स्थिति गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है और तब यह जीवन के लिए भी खतरनाक हो सकता है। मेनोरेजिया के कुछ जोखिम और जटिलताएं निम्नलिखित हैं:

  1. एनीमिया: मेनोरेजिया होने पर शरीर से लगातार खून निकलने के कारण खून की कमी हो सकती है। इसके कारण, शरीर में रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कोशिकाओं) की संख्या में कमी आती है, जिससे आगे चलकर आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया हो जाता है।
  2. खून में आयरन के स्तर में कमी: मेनोरेजिया में खून का बहुत ज्यादा नुकसान होता है, जिसके परिणामस्वरूप रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कोशिकाओं) का स्तर कम हो जाता है। रेड ब्लड सेल्स की संख्या में कमी से आयरन की कमी हो जाती है। इस वजह से शरीर हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन के भंडार का इस्तेमाल करने की कोशिश करता है ताकि हीमोग्लोबिन के नुकसान की भरपाई की जा सके जिससे आयरन की कमी हो सकती है। अगर हालात ऐसे ही बने रहते हैं, तो रोगियों को आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया हो सकता है।
  3. तेज दर्द: पीरियड्स यानी मासिक धर्म में होने वाली ब्लीडिंग के साथ-साथ महिलाओं को ऐंठन का भी अनुभव हो सकता है। ऐंठन का ये समय बहुत दर्दनाक हो सकता है।

डॉक्टर के पास कब जाएं?

अगर रोगी को निम्न में से कोई भी संकेत या मेनोरेजिया के लक्षणों का अनुभव हो तो रोगी को तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए:

  1. हर एक से दो घंटे में सैनिटरी पैड या टैम्पोन बदलने की जरूरत पड़ती है
  2. पीरियड्स और उस दौरान होने वाली ब्लीडिंग सात दिनों से अधिक समय तक जारी रहती है
  3. पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग या ब्लीडिंग के सबूत
  4. ऐंठन के कारण होने वाला दर्द ऐंठन की सामान्य अवधि से अधिक होता है
  5. अगर रोगी को डबल सैनिटरी सुरक्षा का इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ती है

मेनोरेजिया के लिए आहार (डाइट)

किसी भी बीमारी के बढ़ने में आहार से जुड़ी आपकी आदतें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि, आहार संबंधी आदतें मेनोरेजिया को नहीं रोक सकतीं, लेकिन आयरन से भरपूर आहार लेने से एनीमिया को रोकने में मदद मिल सकती है। मेनोरेजिया वाली महिलाओं को अपने खाने में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करने की कोशिश करनी चाहिए जैसे:

  1. मीट (मांस)
  2. सी फूड्स (समुद्री भोजन)
  3. बीन्स (फलियां)
  4. ड्राई फ्रूट्स (सूखे मेवे)
  5. अनार और सेब जैसे फल
  6. नट्स
  7. सीड्स (बीज)
  8. पत्तेदार हरी सब्जियां – पालक

जिन महिलाओं में मेनोरेजिया की समस्या की पहचान की जाती है, उन्हें कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज भी करना चाहिए। इनमें शामिल हैं:

  1. मसालेदार, नमकीन, खट्टे और देर में पचने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
  2. चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक से परहेज करें
  3. स्मोकिंग (धूम्रपान) और शराब के सेवन से बचें

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

  1. मिथक: हेवी पीरियड्स नॉर्मल पीरियड होते हैं।
    तथ्य: नहीं, पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान 80 मिली. से अधिक खून का गिरना सामान्य नहीं है और यह एक ऐसी स्थिति का कारण बनता है जिसे मेनोरेजिया कहा जाता है। अगर किसी महिला को हर दो घंटे या उससे कम समय में पैड या टैम्पोन बदलने की जरूरत पड़ती है, तो उसे मेनोरेजिया की समस्या हो जाती है।
  2. मिथकः मेनोरेजिया तभी होता है जब महिलाएं बच्चे को जन्म देती हैं।
    तथ्य: नहीं, मेनोरेजिया या बहुत ज्याजा ब्लीडिंग (खून का गिरना) गर्भाशय की समस्याओं, हार्मोनल असंतुलन या अन्य स्थितियों के परिणामस्वरूप हो सकता है, भले ही आपने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया हो या नहीं।
  3. मिथक: मेनोरेजिया अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण नहीं बनता है।
    तथ्य: लंबे समय तक बहुत ज्यादा ब्लीडिंग या पीरियड्स के लंबे समय तक रहने से महिला के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मेनोरेजिया आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया, पेट में दर्द, पुरानी थकान और कमजोरी, पीली त्वचा, सांस लेने में तकलीफ और कम इम्यून स्ट्रेंथ (प्रतिरक्षा शक्ति) जैसी परेशानियों का कारण बनता है।
  4. मिथक: हेवी पीरियड्स की समस्या अपने आप खत्म हो जाती है।
    तथ्य: हां, कभी-कभी बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या अपने आप खत्म हो सकती है, लेकिन पीरियड्स (मासिक धर्म) की अनियमितता अक्सर हार्मोनल असंतुलन का संकेत देती है। अगर हेवी ब्लीडिंग की परेशानी लंबे समय तक रहती है, तो कई अलग-अलग गैर-सर्जिकल और सर्जिकल उपचार के विकल्प मौजूद हैं जिनका कोई भी फायदा उठा सकता है।
  5. मिथक: मेनोरेजिया के बारे में आप कुछ नहीं कर सकते।
    तथ्य: मेनोरेजिया के इलाज के लिए कई तरह के उपचार विकल्प मौजूद हैं। आपका डॉक्टर आपकी   उम्र, आपकी मेडिकल हिस्ट्री और हेवी ब्लीडिंग के मूल कारण के आधार पर सही उपचार का चयन करेगा।
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मेनोरेजिया महिला रोग से संबंधित ऐसी स्थिति है जिसमें पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा या लंबे समय तक खून का बहाव होता है। इस स्थिति में सात दिनों से अधिक समय तक ब्लीडिंग हो सकती है। 

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मेनोरेजिया या बहुत ज्यादा ब्लीडिंग महिलाओं को होने वाली एक आम समस्या है। यह हार्मोनल असंतुलन, गर्भाशय की समस्याओं, या किडनी की बीमारी और लीवर की बीमारी सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण होता है।

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मेनोरेजिया के लक्षण किसी महिला की उम्र और उसके मेडिकल कंडीशन के आधार पर अलग-अलग होते हैं। मेनोरेजिया के कुछ सामान्य लक्षणों में पीरियड्स के दौरान आपकी ब्लीडिंग को नियंत्रित करने के लिए डबल सैनिटरी सुरक्षा का इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ना, एक सप्ताह से अधिक समय तक ब्लीडिंग, पेट में दर्द, और ब्लीडिंग के साथ खून के जमे हुए थक्कों का निकलना शामिल है।

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बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना आमतौर पर जीवन के लिए कोई खतरा नहीं होता है, लेकिन यह तब खतरनाक हो सकता है जब आपके शरीर से बहुत ज्यादा खून निकल जाता है। लगातार दो घंटे तक हर घंटे दो या दो से अधिक पैड या टैम्पोन खून में भीग जाए, तो यह एक संकेत है कि आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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अगर आप सात दिनों से अधिक समय तक पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग का अनुभव कर रही हैं, पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग या ब्लीडिंग के सबूत दिख रहे हैं, और हर एक से दो घंटे में सैनिटरी पैड या टैम्पोन को बदलने की जरूरत पड़ रही है तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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एक महिला बहुत ज्यादा ब्लीडिंग के सभी कारणों को नहीं रोक सकती है। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि डॉक्टर से परामर्श करें और मेनोरेजिया को बिगड़ने से रोकने के लिए उसका उचित प्रबंधन शुरू करें। बचाव के कुछ उपायों में भरपूर पानी पीना, आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन, किसी भी तरह के शारीरिक या मनोवैज्ञानिक तनाव से बचना और स्वस्थ वजन बनाए रखना शामिल है।

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आपके डॉक्टर आम तौर पर लक्षणों, महिला की मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक परीक्षण के आधार पर मेनोरेजिया का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा, डॉक्टर कुछ टेस्ट्स कराने की सलाह भी दे सकते हैं जिनमें ब्लड टेस्ट (खून की जांच), अल्ट्रासाउंड, पीएपी टेस्ट, हिस्टेरोस्कोपी और एंडोमेट्रियल बायोप्सी शामिल हैं।

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हां, मेनोरेजिया के इलाज के लिए कई गैर-सर्जिकल और सर्जिकल प्रक्रियाएं हैं। बिना सर्जरी वाले इलाज में ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव (मौखिक गर्भनिरोधक), ओरल प्रोजेस्टेरोन, हार्मोनल आईयूडी और एनएसएआईडी शामिल हैं जो आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर सर्जिकल प्रक्रियाओं में डाइलेशन और क्यूरेटेज, एंडोमेट्रियल रिसेक्शन, एंडोमेट्रियल एब्लेशन और हिस्टेरेक्टॉमी शामिल हैं।

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मेनोरेजिया या बहुत ज्यादा ब्लीडिंग को अलग-अलग उपचार विधियों द्वारा रोका जा सकता है। मेनोरेजिया को जल्द रोकने के कुछ तरीके ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव (मौखिक गर्भनिरोधक), ओरल प्रोजेस्टेरोन,  हार्मोनल आईयूडी और एनएसएआईडी हैं, जैसा भी आपके डॉक्टर ने बताया है।

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अगर मेनोरेजिया का समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है और जीवन के लिए खतरा भी हो सकता है। मेनोरेजिया से जुड़े जोखिमों और जटिलताओं में आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया और बहुत तेज दर्द भी शामिल हैं।

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मेनोरेजिया निम्नलिखित मामलों में बांझपन से जुड़ा हो सकता है: अगर एक महिला को हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय को हटाना) या कैंसर के कारण होने वाले मेनोरेजिया से गुजरना पड़ा है।

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अगर महिला को ज्यादा ब्लीडिंग हो रही हो तो कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। इनमें मसालेदार, नमकीन, खट्टा, देर से पचने वाले भोजन, चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स और शराब शामिल हैं।

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हां, सभी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं मेनोरेजिया के इलाज को कवर करती हैं। बिना परेशानी के एप्रूवल और कैशलेस सुविधा सुनिश्चित करने के लिए हमारी टीम द्वारा आपकी ओर से कागजी कार्रवाई की जाती है। एक साधारण कैशलेस और परेशानी मुक्त अनुभव के लिए हेक्साहेल्थ से संपर्क करें।

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मेनोरेजिया के लिए सर्जिकल उपचार विधियों की लागत बदलती रहती है।  चुने गए अस्पताल के प्रकार, स्थिति की गंभीरता, अनुशंसित तकनीक, उम्र और अन्य स्वास्थ्य कारकों के आधार पर रोगी की चिकित्सा स्थिति आदि पर विचार करते हुए सर्जरी के खर्च में बदलाव आता है। मूल्य पारदर्शिता के लिए हेक्साहेल्थ से संपर्क करें।

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Last Updated on: 12 December 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Monika Dubey

Dr. Monika Dubey

MBBS, MS Obstetrics & Gynaecology

21 Years Experience

A specialist in Obstetrics and Gynaecology with a rich experience of over 21 years is currently working in HealthFort Clinic. She has expertise in Hymenoplasty, Vaginoplasty, Vaginal Tightening, Labiaplasty, MTP (Medical Termination...View More

लेखक

Pranjali Kesharwani

Pranjali Kesharwani

Bachelor of Pharmacy (Banaras Hindu University, Varanasi)

2 Years Experience

She is a B Pharma graduate from Banaras Hindu University, equipped with a profound understanding of how medicines works within the human body. She has delved into ancient sciences such as Ayurveda and gained valuab...View More

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