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ब्रेस्ट (स्तन) में गांठ के लक्षण, कारण और इलाज | Breast Lumps in Hindi

Medically Reviewed by
Dr. Aman Priya Khanna
Breast Lump in Hindi

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Breast Lump in Hindi
Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna Written by Sangeeta Sharma

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स्तन कई ऊतकों से मिलकर बना अंग है। स्तन में गांठ का मतलब (Breast lumps meaning in hindi) ऊतकों की संरचना का तेजी से बढ़ना या अनियमित वृद्धि करना है। स्तन में गांठ की समस्या का सामना किसी भी महिला को करना पड़ सकता है। स्तन या ब्रेस्ट में गांठ (breast lumps in hindi) दिखने पर अक्सर महिलाएं परेशान हो जाती हैं। स्तन में गांठ हमेशा खतरनाक नहीं होती है। अगर किसी भी महिला को स्तन में गांठ दिखे, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।

स्तन में गांठ का मतलब ऊतकों के कठोर उभार से है, जो एक से अधिक संख्या में भी हो सकते हैं। इस कारण से स्तनों में दर्द, सूजन, स्तनों के आकार में बदलाव, निप्पल से तरल पदार्थ का रिसना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं। स्तन में गांठ खतरनाक है या फिर नहीं, ये जानकारी जांच के बाद पता चलती है। तो आइए हम स्तन में गांठ का मतलब, इसके लक्षण, प्रकार, कारण, निदान, रोकथाम, दवा, उपचार और अन्य महत्वपूर्ण विवरणों के बारे में जानें।

बीमारी का नाम  स्तन में गांठ 
लक्षण दर्द और सूजन, गांठ का उभार, आकार में अंडाकार उभार
कारण स्तन सिस्ट, फाइब्रोएडीनोमा, स्तन संक्रमण, स्तन में फोड़े
निदान स्तन एम.आर.आई, मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड, नीडल एस्पिरेशन, बायोप्सी
इलाज कौन करता है प्लास्टिक सर्जन
उपचा र के विकल्प लम्पेक्टॉमी, मास्टेक्टॉमी, द्रव जल निकाल कर

स्तन में गांठ का मतलब क्या है?

स्तन में गांठ का मतलब (breast lump meaning in hindi) उस द्रव्यमान से संबंधित है, जो स्तन में विकसित होता है। स्तन में विकसित होने वाली 10 में से 8 गांठ कैंसर से संबंधित नहीं होती है। महिलाओं के स्तन में अगर गांठ हो जाएं, तो उनके मन में ये डर बैठ जाता है कि ये कैंसर से संबंधित है। स्तन में गांठ का पाया जाना जरूरी नहीं है कि स्तन कैंसर से जुड़ा हुआ हो।

स्तन में गांठ के प्रकार

स्तन में गांठ ऐसी गांठ है, जो या तो कैंसरस हो सकती है या फिर कैंसररहित होती है। शरीर की कोशिकाओं द्वारा गठित किसी भी गांठ को तकनीकी रूप से ट्यूमर कहा जा सकता है। सभी ट्यूमर घातक या कैंसरस नहीं होते हैं। अधिकांश स्तन गांठ (लगभग 80%) सौम्य या गैर-कैंसर होती हैं। स्तन में गांठ के निम्न प्रकार हो सकते हैं।

  1. फाइब्रोएडीनोमा: फाइब्रोएडीनोमा एक प्रकार का सौम्य (गैर-कैंसर) द्रव्यमान है, जो अक्सर युवा महिलाओं में होता है।
  2. स्तन सिस्ट: ब्रेस्ट सिस्ट (breast cyst in hindi) संबंधित स्तन में गांठ का मतलब सौम्य, मुलायम तरल पदार्थ से भरी थैली है।
  3. सौम्य फाइब्रोसिस्टिक: सौम्य फाइब्रोसिस्टिक का मतलब स्तन में बनी उन गांठ से है, जो तरल रेशेदार पदार्थ से बनती है। ऐसा महिलाओं के शरीर में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव के कारण होता है।
  4. लाइपोमा: लाइपोमा स्तन में गांठ का मतलब एक सौम्य, फैटी ट्यूमर है। लाइपोमा वसा कोशिकाओं से बना एक सौम्य ट्यूमर होता है। यह आमतौर पर दर्द रहित होता है। लाइपोमा कैंसर का संकेत नहीं होता है।
  5. फैट नेक्रोसिस: फैट नेक्रोसिस स्तन में गांठ का मतलब उस उभार से है, जब स्तन में फैटी ऊतक को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है। यह क्षतिग्रस्त हो जाता है और टूट जाता है। यह स्तन सर्जरी, आघात, बायोप्सी और कुछ चिकित्सा उपचारों के बाद हो सकता है।
  6. स्तन कैंसर: स्तन कैंसर के कारण पैदा होने वाली गांठ आमतौर पर सिस्ट और फाइब्रोएडीनोमा दोनों की तुलना में दर्द रहित और मजबूत होती है।

स्तन में गांठ के लक्षण

स्तन में गांठ (lump in breast meaning in hindi) की समस्या होने पर अलग उभार का एहसास होता है। स्तन में गांठ का मतलब है कि उस स्थान पर छूने पर त्वचा मुलायम लगने की बजाय कठोर लगे।

छाती में गांठ (breast lumps in hindi) का आकार मटर के दाने के समान हो सकता है। गांठ स्तन के बाकी ऊतकों से अधिक कठोर महसूस होती है। छाती में गांठ (meaning of lump in breast in hindi) होने पर निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं। 

स्तन में गांठ अगर कैंसर से संबंधित न हो तो लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं।

  1. ब्रेस्ट सिस्ट
    1. त्वचा के अंदर रबड़ के समान गांठ बनना
    2. दर्द का एहसास
    3. निप्पल से रिसाव होना
  2. स्तन में फोड़ा 
    1. गांठ का उभार
    2. दर्द और सूजन
    3. आसपास की त्वचा में लालिमा
    4. फोड़े के आसपास गरम त्वचा
  3. स्तन फाइब्रोएडीनोमा
    1. कठोर रबड़ जैसी गांठ
    2. दर्द का एहसास न होना
    3. गाठ के किनारों में चिकनापन
  4. इंट्राडक्टल पेपिलोमा
    1. आकार में अंडाकार उभार
    2. निप्पल के नीचे विकास
    3. रिसाव के दौरान खून आना
  5. फैट नेक्रोसिस
    1. ऑयल सिस्ट के कारण गांठ
    2. स्तन के आकार में बदलाव
  6. लिपोमा
    1. कोमल गांठ
    2. एक स्थान से दूसरे स्थान में गांठ का खिसकना
    3. दर्द न होना

स्तन में गांठ कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। स्तन में गांठ का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि उसका संबंध कैंसर से ही हो। डॉक्टर जांच या बायोप्सी के बाद ही बता सकते हैं कि महिला के स्तन की गांठ कैंसरस है या फिर नहीं। स्तन में गांठ का मतलब (breast lump meaning in hindi) क्या हो सकता है, आप इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी ले सकते हैं।

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Dr. Deepak Kumar Sinha
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स्तन में गांठ के कारण और जोखिम कारक

स्तन में गांठ के एक नहीं बल्कि बहुत से कारण हो सकते हैं। स्तन में गांठ का कारण स्तन के संक्रमण से भी जुड़ा हो सकता है। स्तन में गांठ के निम्न कारण भी हो सकते हैं।

  1. स्तन सिस्ट: स्तन में गांठ (breast lump meaning in Hindi) स्तन सिस्ट या द्रव से भरी थैली से जुड़ा हो सकता है। जब द्रव दूध नलिकाओं में फंस जाता है, तो स्तन सिस्ट का बन जाती हैं। रजनोवृत्ति से पहले महिलाओं में सिस्ट की समस्या या स्तन में गांठ आम हैं।
  2. फाइब्रोएडीनोमा: फाइब्रोएडीनोमा सौम्य (नॉनकैंसरस) गांठ 20 से 30 साल की युवा महिलाओं में सबसे आम होती है। इसे स्तन ट्यूमर के नाम से भी जाना जाता है। किसी महिला के प्रजनन वर्षों के दौरान फाइब्रोएडीनोमा सबसे आम हैं।
  3. स्तन संक्रमण: स्तन में गांठ (breast lump meaning in Hindi) स्तन संक्रमण से जुड़ा हो सकता है। स्तन संक्रमण की समस्या महिलाओं में आम हो सकती है। स्तन के ऊतकों में संक्रमण के कारण गांठ की समस्या भी पैदा हो सकती है।
  4. स्तन में फोड़े: कभी-कभी स्तन में फोड़े विकसित हो जाते हैं, खासकर स्तनपान के दौरान। ये गैर-कैंसरयुक्त होते हैं और आमतौर पर मास्टिटिस जैसे जीवाणु संक्रमण से उत्पन्न होते हैं।
  5. स्तन कैंसर: स्तन में गांठ (breast lump meaning in Hindi) कैंसर से भी जुड़ा हो सकता है। कैंसर की समस्या होने पर ऊतक अनियमित रूप से बढ़ने लगते हैं और गांठ का निर्माण करते हैं। कैंसर के लक्षण के रूप में स्तन में गांठ का दिखना खतरे की निशानी माना जाता है। 
    अगर कैंसर के लक्षण दिखने पर इलाज न कराया जाए, तो ये जानलेवा साबित हो सकता है। 

स्तन की गांठ से जुड़े जोखिम कारक इस प्रकार है:

  1. उम्र बढ़ने के कारण: उम्र बढ़ने के साथ स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अधिकांश स्तन कैंसर का निदान 50 वर्ष की आयु के बाद किया जाता है।
  2. आनुवंशिक उत्परिवर्तन (जेनेटिक  म्यूटेशन): स्तन में गांठ (breast lump meaning in Hindi) जीन के परिवर्तन से भी जुड़ा हो सकता है। जिन महिलाओं को बी.आर.सी.ए1 और बी.आर.सी.ए2 जैसे कुछ जीनों में बदलाव (म्यूटेशन) या विरासत में मिले हैं, उन्हें कैंसर का अधिक खतरा रहता है।
  3. प्रजनन से संबंधित: कम उम्र जैसे कि 12 साल की उम्र से पहले ही मासिक धर्म (पीरियड्स) शुरू हो जाना और अधिक उम्र में रजोनिवृत्ति शुरू हो जाना भी स्तन के कैंसर को बढ़ावा देता है। ऐसा लंबे समय तक हॉर्मोन के संपर्क में रहने के कारण हो सकता है।
  4. पारिवारिक इतिहास: स्तन कैंसर के लिए एक महिला का जोखिम तब अधिक बढ़ जाता है जब उसकी माँ, बहन या परिवार के कई सदस्य को स्तन या डिम्बग्रंथि का कैंसर हुआ है।
कुछ गैर-कैंसर वाले स्तन रोग जैसे एटिपिकल हाइपरप्लासिया या लोब्युलर कार्सिनोमा इन सीटू स्तन कैंसर होने के उच्च जोखिम से जुड़े हैं। गांठ चाहे जिस भी कारण से पैदा हुई हो, डॉक्टर से जांच जरूर कराना चाहिए।

स्तन की गांठ से बचाव

स्तन की गांठ से बचाव संभव है। अक्सर लोग स्तन में गांठ का मतलब (breast lump meaning in Hindi) स्तन कैंसर ही समझते हैं, जो कि पूरी तरह सही नहीं है। अगर स्तन में गांठ कैंसर से जुड़ी नहीं है, तो डॉक्टर से जानकारी लें कि कैसे गांठ से छुटकारा पाया जा सकता है। स्तन की गांठ या फिर स्तन कैंसर के खतरे से बचना है, तो निम्न बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

  1. स्तन में गांठ (breast lump meaning in Hindi) कैंसर से संबंधित हो या फिर नहीं, अधिक वजन कई बीमारियों को न्यौता देता है। वजन स्वस्थ्य रखना बहुत जरूरी है।
  2. शारीरिक रूप से सक्रिय रहे। रोजाना व्यायाम जरूर करें।
  3. शराब का सेवन ना करें।
  4. हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी या मौखिक गर्भनिरोधक ले रहे हैं, तो डॉक्टर से सावधानी और इससे जुड़े खतरों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
  5. अपने बच्चे को स्तनपान जरूर कराएं।
  6. अगर परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास रह चुका है, तो स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
स्तन में गांठ का मतलब (breast lump meaning in hindi) क्या होता है, इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए। अगर स्तन में कुछ भी परिवर्तन दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

स्तन की गांठ का निदान

डॉक्टर स्तन में गांठ(breast lump meaning in hindi) की जांच और बताए गए लक्षणों के आधार पर अन्य परीक्षणों का समय निर्धारित कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. स्तन एम.आर.आई: स्तन एम.आर.आई इमेजिंग स्कैन की मदद से विस्तृत स्तन चित्र बनाया जाता है। चुंबकीय क्षेत्र का इस्तेमाल करने से स्तन की आकृति के बारे में जानकारी मिलती है।
  2. मैमोग्राम: स्तन कैंसर के लिए एक गांठ का पता लगाने के लिए स्तन का एक्स-रे किया जाता है।
  3. अल्ट्रासाउंड: यह स्तन के ऊतकों की विभिन्न संरचना को दर्शाता है।
  4. नीडल एस्पिरेशन: सुई का उपयोग करके डॉक्टर स्तन में गांठ वाले स्थान से मूल्यांकन के लिए कोशिकाओं का एक नमूना (सैंपल) निकालते हैं।
  5. बायोप्सी: बायोप्सी के दौरान स्तन की गांठ से बड़ा ऊतक नमूना निकाला जाता है। बायोप्सी प्रक्रियाएं कई प्रकार की होती हैं। कोर बायोप्सी के दौरान, डाक्टर ऊतक के नमूने को निकालने के लिए एक बड़ी सुई का उपयोग करते हैं। वहीं एक्सिसनल बायोप्सी के दौरान डाक्टर पूरे स्तन की गांठ को निकालदेते हैं।

डॉक्टर के परामर्श की तैयारी कैसे करें?

डॉक्टर से परामर्श की तैयारी के लिए निम्नानुसार खुद को तैयार कर सकते हैं:

  1. अपनी सभी प्रश्नों की एक सूची तैयार करें।
  2. परिवार के किसी सदस्य या मित्र को साथ लाएँ।
  3. अपने चिकित्सक को अपनी सभी चिकित्सा स्थितियों, दवाओं, अतीत और पारिवारिक इतिहास के बारे में बताएं।
  4. डॉक्टर से क्या उम्मीद करें?
    1. मेडिकल इतिहास का अध्ययन।
    2. संपूर्ण शारीरिक परीक्षण।
    3. मैमोग्राम, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, सुई बायोप्सी, सर्जिकल बायोप्सी आदि परिक्षण की सलाह।
  5. डॉक्टर से कौन से सवाल पूछने चाहिए?
    1. आप डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं कि स्तन में पाई जाने वाली गांठ कैंसर से संबंधित है या फिर नहीं?
    2. साथ ही डॉक्टर से पूछिए कि आपको कितना जोखिम है और अगर सर्जरी की आवश्यकता होती है, तो इसमें कितना समय लगेगा?
    3. क्या सर्जरी के बाद स्तन की गांठ से छुटकारा मिल जाएगा और भविष्य में आपको किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है?

स्तन में गांठ का इलाज

स्तन में गांठ का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। अगर छाती की गांठ कैंसर से जुड़ी नहीं होती है, तो कुछ मामलों में उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। वहीं अगर स्तन सिस्ट कैंसरस है, तो डॉक्टर सर्जरी या अन्य तरीकों को अपनाकर स्तन की गांठ ठीक करते हैं। स्तन कैंसर की गांठ को हटाने के लिए सर्जरी हमेशा जरूरी नहीं होती है।

डॉक्टर जांच के माध्यम से पता करते हैं कि स्तन में गांठ कैंसरस है या फिर नहीं। निम्न तरीकों से स्तन की गांठ को ठीक किया जाता है।

बिना सर्जरी के स्तन में गांठ का इलाज

  1. एंटीबायोटिक्स: स्तन संक्रमण के कारण पैदा हुई गांठ को एंटीबायोटिक्स की मदद से ठीक किया जाता है। दवाओं की मदद से बिना सर्जरी के स्तन की गांठ का इलाज किया जाता है।
  2. अल्सर का उपचार: यदि महिला को स्तन में सामान्य गांठ या अल्सर है, तो ऐसे में ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती है। अल्सर अपने आप ही ठीक हो जाता है।
  3. कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी के माध्यम से कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दवा दी जाती है। सर्जरी के बाद भी बची हुई कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए कीमोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।
  4. विकिरण चिकित्सा: विकिरण चिकित्सा या रेडिएशन में रेडियोधर्मी किरणों का इस्तेमाल कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने के लिए किया जाता है।

सर्जरी से स्तन में गांठ का इलाज

अगर बायोप्सी में स्तन की गांठ कैंसर से संबंधित पाई जाती है, तो कैंसर उपचारों में निम्नलिखत सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है।

  1. लम्पेक्टॉमी: जब स्तन में कैंसर एक ही स्थान में रहता है, तो लेम्पेक्टॉमी सर्जरी की मदद से कैंसर की गांठ को हटा दिया जाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सर्जन गांठ (स्तन कैंसर ट्यूमर) और आसपास के स्वस्थ ऊतकों की एक छोटी मात्रा को हटा देता है।
  2. मास्टेक्टॉमी: इस सर्जरी की मदद से स्तन में कैंसर जिस भी स्थान में फैला, उसे हटा दिया जाता है। ऐसा इसलिए जरूरी होता है ताकि कैंसर स्तन से शरीर के अन्य भागों में न फैल सके। इस प्रक्रिया में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए पूरे ब्रेस्ट टिश्यू को हटा दिया जाता है।
  3. द्रव जल निकाल कर: स्तन पुटी अगर बड़ी है और साथ ही अधिक दर्द है तो द्रव जल निकासी की मदद से इसे ठीक किया जाता है। इस विधि में गांठ वाले स्थान में भरे द्रव को निकाल कर स्तन की गांठ ठीक की जाती है। द्रव्यमान को हटाने के लिए एक्सिसनल बायोप्सी की मदद ली जाती है।
सर्जरी के प्रकार सर्जरी की कीमत
लम्पेक्टोमी रु. 30,000 से रु. 1,00,000
मास्टक्टोमी रु. 45,000 से रु. 1,10,000

स्तन कैंसर के उपचार में किन  प्रक्रियाओं का चयन होगा, ये रोगी की स्वास्थ्य स्थिति और इलाज करने वाले डॉक्टर की राय पर निर्भर करता है।

स्तन की गांठ से संबंधित जटिलताएं

छाती की गांठ या स्तन में गांठ कई बार अपने आप ही ठीक हो जाती है। वहीं कुछ मामलों में इसे निकालने की जरूरत पड़ सकती है। स्तन में गांठ होने पर निम्नलिखित जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।

  1. दर्द रहित गांठ रबड़ की तरह महसूस होना।
  2. बच्चे को स्तनपान कराने में समस्या होना।
  3. थकान महसूस होना।
  4. स्तनों में अधिक भराव या भारीपन लगना।

डॉक्टर को कब दिखाना है?

स्तन में गांठ होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। स्तन में गांठ का मतलब (meaning of lump in breast in hindi) क्या है, ये जानकारी आपको डॉक्टर ही दे सकते हैं।

  1. अगर स्तन की त्वचा में उभार दिखे
  2. त्वचा छूने पर दर्द का एहसास
  3. स्तन की त्वचा में लालिमा
  4. निप्पल में रिसाव होने पर
  5. घाव से खून निकलने पर

समय पर इलाज न होने पर क्या खतरा हो सकता है?

स्तन में गांठ का मतलब यदि कैंसर से संबंधित नहीं है, तो इलाज में थोड़ी देरी से ज्यादा समस्या नहीं होती है। स्तन में गांठ का मतलब कैंसर से संबंधित है, तो इलाज में देरी नहीं होनी चाहिए। इलाज में देरी से कैंसर तेजी से शरीर में फैल सकता है।

स्तन में गांठ से संबंधित खानपान

स्तन में गांठ न हो, इसके लिए जरूरी है कि आप स्वस्थ्य खानपान पर ध्यान दें। कैंसर के कारण होने वाली गांठ अक्सर खराब जीवनशैली से संबंधित हो सकती हैं। आपको खाने में हरी सब्जी के साथ ही अनाज, रेशे वाला भोजन, पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें।

जिन खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में बहुत अधिक चीनी होती है, उनसे दूरी बनाएं। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष

स्तन में गांठ किसी भी महिला को हो सकती है। समय-समय पर स्तन की खुद से जांच करना और स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाने से बड़े खतरे से बचा जा सकता है। अगर किसी भी तरह की शंका हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

अगर आपको स्तन में गांठ महसूस हो रही है या फिर इससे संबंधित कोई संदेह है तो बेझिझक HexaHealth के विशेषज्ञ डॉक्टर से ऑनलाइन या ऑफलाइन सलाह ले सकते हैं। हमारी पर्सनल केयर आपके सभी प्रश्नों को हल करने में मदद करेगी। यदि आप स्तन गांठ से संबंधित जानकारी के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट HexaHealth पर भी जा सकते हैं।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

स्तन में गांठ से संबंधित कई मिथक लोगों को परेशान कर सकते हैं। स्तन में गांठ कई बार गंभीर समस्या का संकेत नहीं होती है। वहीं दूसरी ओर स्तन में गांठ (breast lump meaning in hindi) कैंसर से संबंधित भी हो सकती है। 

  1. मिथक: स्तन में गांठ का मतलब स्तन कैंसर होता है।
    तथ्य: स्तन में गांठ (breast lumps in hindi) का मतलब कैंसर ही हो, ये जरूरी नहीं है। 60 से 80 प्रतिशत तक स्तन की गांठ कैंसररहित हो सकती हैं।
  2. मिथक: अगर परिवार में किसी को स्तन कैंसर नहीं है, तो मुझे भी इसकी संभावना नहीं है। 
    तथ्य: स्तन कैंसर का खतरा महिला और उसकी उम्र के साथ भी जुड़ा हुआ है। अगर परिवार में किसी को स्तन कैंसर नहीं है, तो ये जरूरी नहीं कि महिला को ये बीमारी नहीं हो सकती है। खराब जीवनशैली जैसे कि स्वस्थ भोजन न खाना, अच्छी नींद न लेना, व्यायाम न करना आदि भी स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
  3. मिथक: स्तन की गांठ बिना इलाज के नहीं गायब होती है।
    तथ्य: स्तन या छाती की गांठ कई बार अपने आप भी गायब हो सकती है। कम उम्र की महिलाओं में मासिक चक्र के खत्म होते ही स्तन की गांठ भी गायब हो जाती है। ऐसी गांठ कैंसर से संबंधित नहीं होती हैं।
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स्तन में गांठ का मतलब ऊतकों के उभार से है, जिसके कारण गांठ बन जाती है। स्तन में गांठ के कई कारण हो सकते हैं। कुछ कारण जैसे कि ब्रेस्ट सिस्ट (breast cyst in hindi), फाइब्रोएडीनोमा, स्तन संक्रमण आदि हैं। इनमें से कुछ कारण गंभीर नहीं होते हैं।
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छाती में गांठ हो जाए, तो बिना देरी किए डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। यदि गांठ का कारण गंभीर नहीं है, तो स्तन की गांठ कुछ समय बाद ठीक हो जाती हैं।
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छाती में गांठ की जांच कराना आवश्यक होता है। अगर आपको स्तन छूने पर गांठ का एहसास हो रहा हो, गांठ के स्थान में दर्द हो रहा हो, निप्पल से खून का रिसाव हो रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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स्तन में गांठ कई प्रकार की होती है। स्तन में गांठ ब्रेस्ट सिस्ट, फाइब्रोएडीनोमा, संक्रमण के कारण गांठ आदि के कारण हो सकती है। सिस्ट तरल पदार्थ से भरा एक थैलानुमा आकृति है। वहीं फाइब्रोएडीनोमा ठोस गांठ होती है, जिसमें दर्द भी हो सकता है।
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स्तन में गांठ कैंसर है या फिर नहीं, ये जानकारी डॉक्टर जांच के बाद ही बता सकते हैं। डॉक्टर स्तन की गांठ का निदान करते हैं और फिर उपचार।
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स्तन कैंसर के लक्षण ही इसकी चेतावनी हैं। अगर स्तन में बदलाव महसूस होता है या फिर कुछ समय से स्तन में गांठ के साथ ही दर्द की समस्या है, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। स्तन कैंसर निम्नलिखित संकेत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

  1. स्तन में सूजन या लालिमा आना।
  2. स्तन की त्वचा कठोर हो जाना।
  3. निप्पल से खून या तरल पदार्थ का रिसाव।
  4. स्तन में भारीपन की समस्या।
  5. स्तन में गांठ महसूस होना।
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स्तन में गांठ होने से दर्द हो भी सकता है और नहीं भी। स्तन में दर्द इस बात पर निर्भर करता है कि गांठ का कारण क्या है। अगर स्तन में कैंसर रहित गांठ है, तो दर्द नहीं होता है। यदि स्तन में गांठ का कारण कैंसर है, तो गांठ के कारण दर्द पैदा हो सकता है।
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छाती में गांठ बनने के कई कारण हो सकते हैं। स्तन में सिस्ट के कारण, फाइब्रोएडीनोमा, स्तन संक्रमण, स्तन में फोड़े या स्तन कैंसर के कारण स्तन में गांठ हो सकती है।
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अगर स्तन में गांठ का कारण स्तन संक्रमण है, तो डॉक्टर इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह देंगे। गांठ की दवा के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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स्तन में गांठ यदि कैंसर से नहीं जुड़ी है तो डॉक्टर गांठ के द्रव को निकाल देते हैं। वहीं कुछ स्तन की गांठ अपने आप ही ठीक हो जाती हैं। कैंसर युक्त स्तन की गांठ के लिए कीमोथैरेपी, सर्जरी, रेडियोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, हार्मोनल थेरेपी, इम्यूनो थेरेपी आदि से इलाज किया जाता है।
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एक खींची हुई छाती की मांसपेशी एक गांठ का कारण बन सकती है। चोट के कारण गांठ हो सकती है। यदि आपको गांठ, दर्द या अन्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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स्तन में अधिकांश गैर-कैंसर वाली गांठें कई वर्षों तक आकार में नहीं बढ़ती हैं। वहीं यह बता पाना कठिन है कि स्तन कैंसर को विकसित होने में कितना समय लगता है। स्तन कैंसर की औसत वृद्धि दर का पता लगाना भी मुश्किल है।
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मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एम.आर.आई) स्कैन से विस्तृत स्तन चित्र या छवि दिखती है। एम.आर.आई प्रक्रिया में रेडियो तरंगें और कंप्यूटर से जुड़े एक शक्तिशाली चुंबक का उपयोग स्तन के अंदर के क्षेत्रों की विस्तृत तस्वीरें बनाने के लिए किया जाता है। एम.आर.आई डॉक्टर को स्तन द्रव्यमान या बढ़े हुए लसीका के बारे में अधिक जानने में मदद करता है।
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ब्रेस्ट कैंसर में मैमोग्राम, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, सुई बायोप्सी, सर्जिकल बायोप्सी आदि परिक्षण की सलाह दी जती है। [1] अगर आपको अपने स्तन में गांठ महसूस होती है, तो सही इलाज के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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सन्दर्भ

हेक्साहेल्थ पर सभी लेख सत्यापित चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त स्रोतों द्वारा समर्थित हैं जैसे; विशेषज्ञ समीक्षित शैक्षिक शोध पत्र, अनुसंधान संस्थान और चिकित्सा पत्रिकाएँ। हमारे चिकित्सा समीक्षक सटीकता और प्रासंगिकता को प्राथमिकता देने के लिए लेखों के संदर्भों की भी जाँच करते हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी विस्तृत संपादकीय नीति देखें।


  1. स्तन कैंसर के लक्षण क्या हैं? [इंटरनेट]। रोग के नियंत्रण और रोकथाम के लिए सेंटर। रोग के नियंत्रण और रोकथाम के लिए सेंटर।link
  2. वॉकर एचके, हॉल डब्ल्यूडी, हर्स्ट जेडब्ल्यू, संपादक। स्तन गांठ [इंटरनेट]। एनसीबीआई; 2023।link
  3. स्तन परिवर्तन और स्थितियों को समझना एक स्वास्थ्य गाइड [इंटरनेट]। । स्तन कैंसर। [2022अक्टूबर]।link
  4. स्तन कैंसर के जोखिम कारक क्या हैं? [इंटरनेट]। रोग के नियंत्रण और रोकथाम के लिए सेंटर। रोग के नियंत्रण और रोकथाम के लिए सेंटर; 2022; 2023Mar2।link
  5. स्तन गांठ: यह क्या है, लक्षण और amp; प्रकार [इंटरनेट]। क्लीवलैंड क्लिनिक;2021link
  6. सौम्य स्तन रोग: स्तन कैंसर, लक्षण, कारण, उपचार [इंटरनेट]। क्लीवलैंड क्लिनिक.link

Last Updated on: 5 September 2024

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

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