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पीरियड्स में कमर दर्द क्यों होता है? - जानें दर्द का इलाज और घरेलु उपाय

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Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna
Written by Nikita Tyagi, last updated on 5 September 2023| min read
पीरियड्स में कमर दर्द क्यों होता है? - जानें दर्द का इलाज और घरेलु उपाय

Quick Summary

Periods are a normal part of a woman's life, but they can sometimes be accompanied by pain in the lower back. This pain is usually caused by the contractions of the uterus as it sheds its lining. There are a number of things that can be done to relieve period pain, including over-the-counter pain relievers, heat therapy, and exercise.

In some cases, period pain can be severe and debilitating. If you are experiencing severe pain, you should see your doctor to rule out any other potential causes.

Here are some tips for relieving period pain:

  • Take an over-the-counter pain reliever, such as ibuprofen or acetaminophen.
  • Apply heat to your lower back.
  • Exercise to help relieve muscle tension.
  • Avoid caffeine and alcohol, which can worsen period pain.
  • Get plenty of rest.

अगर्भवती महिलाओं में हर महीने पीरियड्स का आना बिल्कुल सामान्य और स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा है। इस दौरान कमर में हल्का ( क्रैंप ) दर्द होना भी लगभग सामान्य होता है। कभी - कभी पीरियड्स के कारण कमर दर्द कम या ज्यादा हो सकता है। कमर दर्द को कम करने के लिए या पीरियड्स के दौरान कुछ घरेलू इलाज का सहारा लिया जा सकता है।

आइए जानते हैं कि पीरियड्स में कमर दर्द क्यूं होता है और पीरियड में कमर दर्द का घरेलू इलाज क्या - क्या हैं।

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पीरियड क्या होता है

स्त्रियों में पीरियड आना प्रजनन तंत्र की एक प्रक्रिया है जो महिलाओं के शरीर को संभावित गर्भधारण के लिए तैयार करती है, इसे माहवारी भी कहते हैं। पीरियड आने की प्रक्रिया में  गर्भाशय के अस्तर (एंडोमेट्रियम) की परत गर्भाशय ग्रीवा ( कर्विक्स ) से होते हुए योनि से बाहर निकलती है। पीरियड के दौरान निकलने वाले पदार्थ में आंशिक रूप से खून और ऊतक मौजूद होती हैं।
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पीरियड्स में कमर दर्द क्यों होता है

पीरियड्स में कमर का दर्द सामान्य होने के साथ - साथ किसी बीमारी जैसे कष्टार्तव (दर्दनाक माहवारी) की ओर संकेत भी हो सकता है। पीरियड्स में महिलाओं को होने वाला कमर दर्द कई कारणों से हो सकता है जिसमे से कुछ मुख्य कारण  निम्नलिखित हैं:

प्राइमरी डिसमेनोरिया

  1. इसमें क्रैंपिग ( ऐंठन ) होता है जो प्रोस्टाग्लैंडिन हार्मोन के कारण होता है। इस हार्मोन के कारण गर्भाशय की परत में सिकुड़न होता है जिससे कमर दर्द बढ़ जाता है। यह दर्द पीरियड के पहले या पीरियड के दौरान हो सकता है। 

सेकंडरी डिसमेनोरिया

यह रोग प्रजनन प्रणाली में हुए विकार के कारण होती है। इसके अंतर्गत मुख्य रूप से तीन तरह के विकार हो सकते हैं जो निम्नलिखित हैं: 
  1. एंडोमेट्रियोसिस: एक ऐसी स्थिति जिसमें ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगता है। ऊतक के गर्भाशय के बाहर बढ़ने के कारण कमर के निचले हिस्से में दर्द होता है।
  2. गर्भाशय फाइब्राॅइड (गर्भाशय में गांठ): गर्भाशय में गैर- कैंसर जनक वृद्धि होने से फाइब्रॉयड्स की दीवार बनती है जोकि पीरियड्स में कमर दर्द का कारण बनती है।
  3. एडेनोमायोसिस: गर्भाशय को लाइन करने वाला ऊतक जब गर्भाशय की मांसपेशियों की दीवारों की तरफ बढ़ने लगता है तो उसकी वजह से भी माहवारी में दर्द होता है। 

अन्य स्त्री रोगों के कारण

  1. श्रोणी सूजन रोग (पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज): यह महिलाओं के प्रजनन अंगों में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है जो मुख्य रूप से यौन संचारित बैक्टीरिया की वजह से होता है। इसके कारण पीरियड्स में महिलाओं को दर्द की शिकायत रहती है। 
  2. प्रागार्तव (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम): यह एक प्रकार का स्त्री रोग सिंड्रोम है जिसमे महिलाओं को निश्चित तिथि से कुछ दिन पहले ही पीरियड्स आ जाते हैं जिससे कमर में दर्द होता है। 
  3. प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर: यह माहवारी से जुड़ा एक विकार है जिसमे पीरियड्स लगभग एक हफ्ते पहले आ जाते हैं जिससे कमर में दर्द महसूस हो सकता है।
  4. अंडाशय में कैंसर: अंडाशय में ट्यूमर बनने से भी इसके लक्षण के रूप में कमर में दर्द हो सकता है। 

अन्य कारण 

विटामिन डी की कमी: विटामिन डी  प्रोस्टैग्लैंडिन हार्मोन को रेगूलेट करता है। अगर शरीर में विटामिन डी की कमी होती है तो प्रोस्टैग्लैंडिन हार्मोन अधिक स्त्रावित होता है जिससे कमर में दर्द हो सकता है।

पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए घरेलू उपाय

पीरियड्स में कमर दर्द होने पर अगर कुछ प्राकृतिक उपचारों का सहारा लिया जाए तो कमर दर्द से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। पीरियड में कमर दर्द का इलाज करने के लिए कई असरदार घरेलू उपाय हैं जो निम्नलिखित हैं: 

खान - पान

  1. फल: ताजे फलों में सेब, आम, बेरी, संतरा का सेवन करने से माहवारी में हो रहा दर्द सीमित होता है।  
  2. हरी सब्जियां: ब्रोकली, पालक, गाजर खाने से पोषक तत्व की कमी पूरी हो जाती है और माहवारी के दर्द की तीव्रता कम होती है।
  3. साबुत अनाज: ब्राउन राइस, होल ग्रेन ब्रेड, ओटमील में प्रोटीन और फाइबर अच्छी मात्रा में होता है जो पीरियड्स में होने वाले गैस और कब्ज से राहत देता है। 
  4. फलियां: पीरियड्स में बीन्स, मटर, मसूर की दाल का सेवन करने से दर्द तेज नही होता है।
  5. मेवे: अखरोट, बादाम और अन्य मेवों में ओमेगा थ्री फैटी एसिड और प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है जिससे कमर दर्द होने की संभावना कम हो जाती है। 
  6. हल्दी का सेवन: हल्दी में एंटी - ऑक्सीडेंट और एंटी - इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पीरियड्स के दौरान हुए सूजन और दर्द को कम करते हैं।
  7. डार्क चॉकलेट:  इस चॉकलेट में आयरन और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में होते हैं जो पीरियड में हो रहे दर्द से राहत देता है। 

जीवनशैली में बदलाव

  1. व्यायाम:  व्यायाम करने से शरीर में लचीलापन बढ़ता है और रक्त संचार में सुधार होता है जिससे पीरियड में होने वाले दर्द का एहसास कम होता है। इसके लिए कुछ लाभदायक व्यायाम निम्नलिखित हैं: 
    1. चलना
    2. मर्जरासन 
    3. मत्स्यासन 
    4. भुजंगासन 
  2. शराब और धूम्रपान करने से भी हार्मोन में बदलाव होते हैं जो पीरियड में हो रहे कमर दर्द को बढ़ा सकते हैं। इसलिए ऐसे पदार्थों का सेवन नही करना चाहिए। 

अन्य उपाय 

  1. हीटिंग पैड से सिकाई: एक हीटिंग पैड लेकर उससे कमर और पेट के निचले हिस्से में सिकाई करें। अगर हीटिंग पैड ना हो तो ऐसे में किसी प्लास्टिक की बोतल में गर्म पानी भर कर उससे भी सिकाई जा सकती है। 
  2. गर्म पानी से स्नान करना: पीरियड्स में नहाते समय गर्म पानी का इस्तेमाल करने से कमर के दर्द और मांसपेशियों की ऐंठन में आराम पहुंचता है। 
  3. तेल की मालिश: लैवेंडर और दालचीनी जैसे एसेंशियल ऑयल में नारियल या सरसों का तेल मिलाकर मालिश करने से भी पीरियड के दर्द को कम किया जा सकता है।

सारांश

इस लेख में हमने समझा कि पीरियड्स हर महीने होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। पीरियड्स में होने वाला दर्द सामान्य होने के साथ तेज भी हो सकता है। एंडोमेट्रियोसिस, गर्भाशय फाइब्राॅइड आदि जैसे कारणों से पीरियड में तेज होता है। पीरियड में कमर दर्द का घरेलू इलाज आजमाया जा सकता है जैसे जीवनशैली में बदलाव, व्यायाम, हल्दी का सेवन और सिकाई किया जा सकता है। 

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अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

पीरियड्स के दौरान महिलाओं में प्रोस्टाग्लैंडिन हार्मोन का स्त्राव होता है जो गर्भाशय की मांसपेशियों को सिकोड़ता है जिससे वहां पर सूजन और दर्द हो सकता है। कमर दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे गर्भाशय फाइब्रॉइड, पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज के कारण भी कमर में दर्द हो सकता है।
 
जब गर्भाशय की परत को निकालने के लिए महिलाओं में प्रोस्टाग्लैंडिन हार्मोन अधिक मात्रा में स्त्रावित होता है तो मांसपेशियों में संकुचन अधिक होता है। इस कारण से पीरियड में दर्द अधिक हो सकता है। 
 
लड़कियों में कमर दर्द होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार कुछ लड़कियों में यौवन (प्यूबर्टी) के दौरान कमर में अधिक दर्द हो सकता है। इसके अलावा वजन बढ़ने, हार्मोन में बदलाव होने से भी कमर में दर्द होता है। 
 
पीरियड के समय सही मुद्रा में सोने से दर्द का एहसास कम होता है। आमतौर पर पीरियड के समय पीठ के बल सोने से सहजता महसूस होती है और सोते समय घुटनों के नीचे तकियों को रखकर सोया जाए तो और अधिक सहजता महसूस होती है। 
 
पीरियड्स के समय हल्का दर्द उठना सामान्य है लेकिन बार - बार होने वाले दर्द होने से बचने के लिए कुछ दर्द निवारक दवाईयां ली जा सकती हैं जैसे आइबुप्रोफेन। इसके अलावा कमर या पेट पर गर्म पैड रख सकते हैं, कैफिनयुक्त चीजें जैसे कॉफी नहीं लेनी चाहिए, शराब और धूम्रपान का सेवन नही करना चाहिए। 
 
पीरियड के दौरान दूध पीना सही नही है क्योंकि दूध में ओमेगा ६ फैटी एसिड होता है जिससे गर्भाशय की परत में सूजन और दर्द बढ़ सकता है। दूध पीने से एस्ट्रोजन हार्मोन भी बढ़ता है जिससे पीरियड का दर्द (क्रैंपिंग) बढ़ सकता है। 
 
पीरियड के दौरान लड़कियों को असुरक्षित सेक्स संबंध नहीं बनाना चाहिए। इसके अलावा धूम्रपान और कॉफी के सेवन से भी बचना चाहिए। अधिक शारीरिक व्यायाम भी पीरियड में दर्द का कारण बन सकता है। 
 
पीरियड में नहाने से दर्द कम महसूस होता है। खासकर गर्म पानी से नहाने से रक्त संचार भी बढ़ता है जिससे दर्द से आराम मिल सकता है। 
 
पीरियड में आपको सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस खाना चाहिए। इसमें मैग्नीशियम की मात्रा अच्छी होती है जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और दर्द से भी राहत मिलती है।
 
दही खाने से पेट में गैस नही बनती है और कब्ज की समस्या भी कम होती है। आमतौर पर पीरियड के दौरान महिलाओं को गैस और कब्ज की समस्या देखने को मिलती है। इसलिए दही पीरियड में सहायक होता है। 
 
नारियल में कई सारे तत्व होते हैं जैसे मैग्नीशियम, सेलेनियम, फास्फोरस , आयरन आदि। इन तत्वों से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और पीरियड के दौरान शरीर की सुस्ती ( थकान ) कम होती है। नारियल में फाइबर भी अच्छी मात्रा में होता है जो पीरियड में होने वाले कब्ज से राहत देने में मदद करता है। 
 
पीरियड में नमक का सेवन कम करना चाहिए। इसके अलावा  रेड मीट, कॉफी , शराब, तंबाकू, धुम्रपान और डेरी उत्पाद का सेवन नही करना चाहिए। इन सब खाद्य पदार्थों को खाने से पीरियड में होने वाली असहजता बढ़ जाती है। 
 
पीरियड का ब्लड गर्भाशय में बनी परत से निकलकर योनि से बाहर आ जाता है। इस खून में शुद्ध रूप से खून नही होता है बल्कि गर्भाशय की परत की ऊतक भी शामिल होती हैं।  
 
पीरियड आने की उम्र हर व्यक्ति के लिए अलग - अलग हो सकता है। आमतौर पर पीरियड १२ साल या इसके बाद आता है। 
 

Last Updated on: 5 September 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Nikita Tyagi

Nikita Tyagi

BPharm (Jawaharlal Nehru Technical University, Hyderabad)

2 Years Experience

An enthusiastic writer with an eye for details and medical correctness. An avid reviewer and publisher. She emphasises authentic information and creates value for the readers. Earlier, she was involved in making ...View More

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