लिवर रोगों से दुनियाभर में हर साल लगभग २० लाख मौतें होती हैं। लिवर रोग होने के कई कारण होते हैं जिसमे से शराब का सेवन एक मुख्य कारण है। लिवर रोग होने पर जब लिवर के कार्यों में बाधा आती है तो कुछ लक्षण दिखते हैं जिससे लिवर रोग का अनुमान लगाया जा सकता है।
लिवर रोग के शुरुआती स्तर पर कुछ घरेलू उपाय और परहेज करने से यह ठीक किया जा सकता है। अगर घरेलू उपायों और नॉन सर्जिकल उपचारों से लिवर रोग नही ठीक होता है तो अंत में सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट का विकल्प बचता है।
आइए जानते हैं की लिवर रोग के लक्षण क्या होते हैं, लिवर रोग किन कारणों से होते हैं, इलाज क्या हो सकते हैं और लिवर रोग में क्या परहेज करना चाहिए।
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लिवर,त्वचा के बाद शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है जो फेफड़ों के ठीक नीचे दाहिनी तरफ होता है। इसका मुख्य काम पित्त और एल्बुमिन का निर्माण करना, रक्त साफ करना, अमीनो एसिड और खून के थक्के ( ब्लड क्लॉटिंग ) को रेगुलेट करना, इन्फेक्शन से बचाना, विटामिन और खनिज ( मिनरल ) को स्टोर करना, ग्लूकोज की प्रक्रिया करना और ऐसे ही कई अन्य कार्य करना होता है। इसलिए लिवर का स्वस्थ होना आवश्यक होता है।
जब लिवर में किसी प्रकार का संक्रमण, अधिक चर्बी का जमाव या शराब के कारण लिवर के ऊतक खराब होने लगते हैं तो यह लिवर रोग को उत्पन्न करते हैं। लंबे समय तक इन बीमारियों का उपचार न होने पर लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर स्थिति देखने को मिलती है। अंततः लिवर रोग के कारण लिवर कैंसर और लिवर फेल भी हो सकता है।
लिवर रोग होने पर कुछ लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इन लक्षणों के दिखने पर लिवर रोग की आशंका रहती है। लिवर रोग के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
लिवर रोग होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे लिवर में संक्रमण, कुछ जन्मजात बीमारियां और ऑटोइम्यून विकार होने से भी लिवर रोग होता है। लिवर रोग होने के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
लिवर रोग होने के पीछे खराब जीवनशैली भी एक मुख्य कारण है। कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
कुछ बीमारियों के कारण लिवर रोग का जोखिम बढ़ जाता है। निम्न बीमारियों के कारण लिवर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है:
लिवर में होने वाली बीमारियां जन्मजात भी हो सकती हैं। अगर परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी लिवर की समस्या रही है तो यह अगली पीढ़ी में भी देखी जा सकती है। कुछ निम्नलिखित अनुवांशिक बीमारियां लिवर डैमेज का कारण बनती हैं:
कई बार लिवर में इन्फेक्शन होने की वजह से भी लिवर रोग हो सकता है। कुछ परजीवी (पैरासाइट्स) लिवर को संक्रमित कर सकते हैं जिसकी वजह से लिवर में सूजन हो सकता है। लिवर में होने वाले संक्रमण इस प्रकार हैं:
जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली लिवर के ऊतकों को नष्ट करने लगती है तो लिवर को कार्य करने में परेशानी होती है और कई गंभीर लक्षण देखने को मिल सकते हैं। कुछ मुख्य ऑटोइम्यून लिवर की बीमारियां इस प्रकार हैं:
लिवर रोग का इलाज इस बात के ऊपर निर्भर करता है कि रोगी को लीवर की कौन सी बीमारी है क्योंकि हर पीड़ित व्यक्ति की समस्या अलग अलग हो सकती है। लिवर रोग का इलाज करने के लिए कई प्रकार के उपाय अपनाए जा सकते हैं जैसे कि:
लिवर रोग होने के पीछे गलत जीवनशैली भी काफी हद तक जिम्मेदार होती है लेकिन अगर इसमें बदलाव किया जाए तो लिवर की बीमारी से बचा जा सकता है-
लिवर रोग में कई प्रकार के प्राकृतिक उपाय अपनाए जा सकते हैं जिनसे लिवर रोग को कम किया जा सकता है। कुछ निम्नलिखित घरेलू उपाय इस प्रकार हैं:
लिवर रोग जब थोड़े गंभीर हो जाते हैं तो घरेलू उपायों से आराम नही मिल पाता है। ऐसे में नॉन सर्जिकल उपचार जैसे दवाइयां और इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है जो निम्न हैं:
जब लिवर रोग घरेलू उपायों, दवाइयों और नॉन सर्जिकल तरीकों से ठीक नही हो पाता है तो डॉक्टर सर्जिकल प्रक्रिया से लिवर रोग को ठीक करने की कोशिश करते हैं। आमतौर पर लिवर रोग में निम्नलिखित सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है:
लिवर रोग से बचने के लिए जरूरी है कि कुछ चीजों का परहेज किया जाए ताकि लिवर स्वस्थ बना रहे और सुचारू रूप से काम कर सके। इसलिए निम्नलिखित चीजों का परहेज किया जाना चाहिए:
इस लेख में हमने समझा कि लिवर हमारे शरीर का अहम हिस्सा है। लिवर में कुछ कारणों जैसे इन्फेक्शन, ऑटोइम्यून डिजीज, बीमारी और गलत जीवनशैली के कारण लिवर रोग हो सकता है। लिवर रोग को ठीक करने के लिए जीवनशैली सुधार, घरेलू उपाय और दवाइयों की मदद ली जाती है। अगर क्रॉनिक लिवर रोग गंभीर हो जाता है तो लिवर ट्रांसप्लांट करना पड़ सकता है। लिवर रोग में वसायुक्त भोजन, शराब और अधिक मीठा खाने से परहेज करना चाहिए।
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लिवर की बीमारी होने से मरीज को कई प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं जैसे कि:
लिवर ठीक होने में जो समय लगता है वह इस बात पर निर्भर करता है कि रोगी की स्थिति क्या है। अगर शराब का अत्यधिक सेवन करने से फैटी लीवर की समस्या उत्पन्न हो गई है तो शराब पूरी तरह बंद कर देने से लिवर ४ से ६ महीनों में ठीक हो सकता है। हालांकि अगर लिवर में लम्बे समय से गंभीर बीमारी है तो ऐसे में लिवर ट्रांसप्लांट करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
लिवर खराब होने के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
लिवर की बीमारी ठीक करने के लिए हेपेटोलॉजिस्ट ( लिवर विशेषज्ञ ) सबसे पहले निदान करते हैं जिसमे लैब टेस्ट, इमेजिंग टेस्ट और लिवर बायोप्सी शामिल है। निदान के बाद रोग और रोग का कारण पता लगता है जिसके अनुसार डॉक्टर उचित दवाइयों और घरेलू उपायों से उपचार करने का प्रयास करते हैं। लिवर को स्वस्थ रखने में स्वस्थ आहार और अच्छी जीवनशैली का होना आवश्यक होता है।
लिवर को स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें जो पौष्टिक तत्वों से भरपूर हों जैसे कि खट्टे फल, साबुत अनाज, दालें, एवोकाडो, मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां। इसके साथ साथ हर दिन व्यायाम और योगासन करने से लिवर में चर्बी नही बढ़ती है।
लिवर के ठीक से काम ना करने के कई संकेत होते हैं जैसे
अधिक वसा वाले भोजन जैसे रेड मीट, फ्राइड फूड इत्यादि का सेवन करने से लिवर खराब होने लगता है। इसके अलावा शराब पीने, चीनी का अधिक उपयोग करने से लिवर अपना कार्य सुचारू रूप से नही कर पाता है।
अगर क्रॉनिक लिवर डिजीज अधिक गंभीर नहीं हुआ है तो निदान के अनुसार उपयुक्त उपचार चलाया जाता है। जैसे अगर हेपेटाइटिस संक्रमण के कारण क्रॉनिक लिवर डिजीज हुआ है तो एंटी वायरल दवाएं दी जाती हैं। इसी प्रकार अलग - अलग कारणों से होने वाले क्रॉनिक लिवर रोग में उपयुक्त दवाईयां चलाई जाती हैं। कुछ मामलों जैसे अल्फा -1 एंटीट्रिप्सिन की कमी होने पर लिवर ट्रांसप्लांट करना पड़ता है।
लिवर सिरोसिस क्रॉनिक लिवर डिजीज का अंतिम स्टेज होता है। लिवर सिरोसिस को बढ़ने से रोका जा सकता है लेकिन ठीक नहीं किया जा सकता है। इसलिए लिवर सिरोसिस में डॉक्टर लिवर ट्रांस्प्लांट कराने की सलाह देते हैं।
क्रॉनिक लिवर डिजीज वह होता है जिसमे लगातार ६ महीनों तक लिवर के कार्य करने की क्षमता खराब होती जाती है। क्रॉनिक लिवर डिजीज में पित्त के निर्माण में कमी, खून के थक्के और अन्य प्रोटीन के नियंत्रण में कमी और चयापचय की प्रक्रिया ठीक से नही हो पाती है। क्रॉनिक लिवर डिजीज में नॉन - अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज, अल्कोहलिक लिवर डिजीज, क्रॉनिक वायरल हेपेटाइटिस जैसे हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी शामिल हैं।
लिवर में इन्फेक्शन होने के कई लक्षण होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:
जब लीवर खराब हो जाता है तो शरीर कई संकेत देता है जो निम्नलिखित हैं:
Last Updated on: 5 September 2024
A specialist in Obstetrics and Gynaecology with a rich experience of over 21 years is currently working in HealthFort Clinic. She has expertise in Hymenoplasty, Vaginoplasty, Vaginal Tightening, Labiaplasty, MTP (Medical Termination...View More
BSc. Biotechnology I MDU and MSc in Medical Biochemistry (HIMSR, Jamia Hamdard)
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