हम सब की जीवनशैली इतनी व्यस्त हो चुकी है कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर ध्यान ही नहीं जाता है। खराब जीवनशैली कई बीमारियों का कारण बन सकती है। इसी से संबंधित एक बीमारी है बवासीर की समस्या।
थ्रोम्बोस्ड हेमोरोइड्स या खूनी बवासीर की स्थिति में नस के अंदर खून के थक्के बनने लगते हैं, जो कि जम जाते हैं। आपके डॉक्टर जांच करके आपको बताएँगे की घरेलु नुस्खों की मदत से खुनी बवासीर का इलाज किया जा सकता है या नहीं । इसके बारे में अधिक जानने के लिए लेख पढ़ें।
मलाशय और गुदा में उपस्थित नसे जब सूज जाती हैं, तो मल त्याग के दौरान बहुत दर्द होता है। ये मुख्य रूप से दो प्रकार के हो सकते हैं:
आंतरिक बवासीर जो मलाशय के अंदर होती है
बाहरी बवासीर में नसों में सूजन के साथ ही खून भी बहने लगे, तो इसे खूनी बवासीर के नाम से जाना जाता है।
जब बाहरी बवासीर में एक छोटा रक्त थक्का (थ्रोम्बस) विकसित हो जाता है, तो गंभीर दर्द के साथ ही अधिक खून का बहाव भी हो सकता है। खूनी बवासीर का इलाज कराकर इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
खूनी बवासीर की समस्या होने पर निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं।
पेरिनियल क्षेत्र में दर्द महसूस होना
गुदा के पास गांठ महसूस होना
गुदा के आसपास खुजली
बैठने के दौरान दर्द होना
मलाशय से रक्तस्राव
खूनी बवासीर के लक्षण दिखने पर बिना देरी किए खूनी बवासीर का इलाज कराना चाहिए।
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खूनी बवासीर के लिए घरेलू उपचार लक्षणों से राहत देने और उपचार को बढ़ावा देने के लिए कई लाभ प्रदान कर सकते हैं। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि घरेलू उपचारों को चिकित्सीय सलाह का स्थान नहीं लेना चाहिए।
यदि लक्षण बने रहते हैं या बिगड़ जाते हैं, तो स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
घरेलू उपचार के कुछ फायदे हैं:
दर्द से राहत - गर्म सिट्ज़ स्नान और आइस पैक जैसे घरेलू उपचार बवासीर से जुड़े दर्द और परेशानी को कम करने में मदद कर सकते हैं।
सूजन में कमी - प्रभावित क्षेत्र में सूजन को कम करने में घरेलु उपाय मदद करते हैं, जिससे राहत मिलती है।
खुजली से राहत - लेप का उपयोग करने से बवासीर के कारण होने वाली खुजली को कम करने में मदद मिल सकती है।
जटिलताओं को रोकना - घरेलू उपचार गुदा क्षेत्र में उचित स्वच्छता बनाए रखकर संक्रमण जैसी जटिलताओं को रोक सकते हैं।
लागत-प्रभावी - अधिकांश घरेलू उपचार किफायती और आसानी से उपलब्ध हैं, जो उन्हें घनास्त्र बवासीर के प्रबंधन के लिए एक लागत प्रभावी विकल्प बनाता है।
सुविधाजनक - बार-बार डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता के बिना घरेलू उपचारों को आसानी से दैनिक दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है।
खूनी बवासीर का इलाज करने से दर्द और रक्त के बहाव से राहत मिलती है। बीमारी का निदान हो जाने के बाद डॉक्टर की सलाह लेकर खूनी बवासीर के इलाज में घरेलू उपाय भी अपनाया जा सकता है। निम्नलिखित तरीके से खूनी बवासीर का इलाज किया जा सकता है:
खुनी बवासीर मैं रहत देने के लिए डॉक्टर्स कई दवाओं का इस्तमाल करते हैं:
कुछ मामलों में लैक्जेटिव्स दवाएं भी दी जाती हैं। लैक्सटिवस पेट साफ़ रखने मैं मदत करते हैं और इससे खुनी बवासीर को बढ़ने से रोका जाता है।
डॉक्टर आपको खुनी बवासीर पे लगनी के लिए मलहम भी देंगे जिनमें सुन्न करने वाले दवाएं होती हैं जैसे विच हेज़ल।
खूनी बवासीर के घरेलू उपाय में खानपान पर ध्यान और जीवनशैली में बदलाव बहुत मदद कर सकती है। जानिए इलाज करने के दौरान किन घरेलू उपायों को अपनाया जा सकता है:
खाने में फाइबर युक्त आहार - खूनी बवासीर की समस्या में कुछ खाद्य पदार्थ बीमारी के लक्षणों को सुधारते हैं और कुछ बिगाड़ सकते हैं। जानिए खूनी बवासीर का इलाज करने के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं।
खाने में शामिल करें - खाने में फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। जरूरत पड़ने पर फाइबर युक्त सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। रोजाना कम से कम २० से 3५ ग्राम फाइबर सेवन करना चाहिए। यह मल को नरम बनाता है और कब्ज की समस्या दूर करता है।
फाइबर युक्त अनाज: मटर, किडनी बीन्स, दलिया,
विभिन्न प्रकार के फल: नाशपाती, सेब, रसभरी, अनार, रास्पबेरी, केला
सब्जियां: शकरकंद, आलू, ब्रोकली, गाजर, शलजम, कद्दू, खीरा
तरल पदार्थों: खूनी बवासीर का घरेलू इलाज करना हो, तो पानी का पर्याप्त सेवन करना जरूरी है। जितना हो सके, तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
खाने में क्या न करें शामिल - जिन लोगों को लंबे समय से कब्ज की समस्या होती है उन्हें खूनी बवासीर की अधिक संभावना होती है। निम्नलिखित आहार का सेवन करने से बचना चाहिए:
बिना फाइबर वाला भोजन - प्रोसेस्ड खाना,फास्ट फूड आइसक्रीम,चिप्स,फ्रोजन और स्नैक फूड
डेयरी आहार - चीज, दूध
मांसाहारी भोजन - खाने में लाल मीट, कैफीन युक्त पेय पदार्थ, एल्कोहॉल अधिक मसालें वाला भोजन आदि खूनी बवासीर को लक्षणों को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इनसे दूरी बनानी चाहिए
जीवनशैली में परिवर्तन - अधिकांश बवासीर के लक्षण घरेलू उपचार की मदद से एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं।
बाथरूम संबंधित अच्छी आदतें खूनी बवासीर का इलाज करने में काफी मदद कर सकती हैं।
मल त्याग करने के लिए खुद को मजबूर न करें।
मल त्याग को रोक कर न रखें।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहना भी आंतों की क्रिया के लिए जरूरी है। इससे मल त्यागने में आसानी होती है।
जीवनशैली में बदलाव से मतलब रोजाना व्यायाम से भी है। व्यायाम की मदद से भी खूनी बवासीर का घरेलू इलाज किया जा सकता है। ऐसा करने से कब्ज को रोकने में मदद मिलती है। साथ ही पेट साफ भी रहता है।
शौच के बाद सफाई करने के लिए लोशन या फ़्लशेबल गीली वाइप्स (पट्टी) वाले टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करना चाहिए।
खूनी बवासीर का इलाज घरेलू नुस्ख़े की मदद से भी किया जा सकता है। मल के साथ खून आने पर डॉक्टर से जांच कराना जरूरी हो जाता है। डॉक्टर जब बीमारी का निदान कर दें, तो उसके बाद खूनी बवासीर के लक्षणों को कम करने के लिए कुछ देशी उपाय भी अपनाएं जा सकते हैं।
एलोवेरा
खूनी बवासीर के लिए देशी नुस्खे करने के लिए एलोवेरा जेल का इस्तेमाल सूजन से राहत दिलाता है।इसबगोल की भूसी
जिन लोगों का पेट अक्सर साफ नहीं होता है, उनके लिए इसबगोल की भूसी का सेवन बेहद फायदेमंद है।सिट्ज़ बाथ
गर्म पानी से भरे बाथटब में बैठने को सिट्ज़ बाथ के नाम से जाना जाता है। यह खुनी बवासीर के दर्द, खुजली और जलन जैसे कई लक्षणों मैं जल्द रहत देती है ।
जिन लोगों को दर्दनाक बवासीर होता है, उन्हें १५ मिनट के लिए गर्म पानी में बैठने की सलाह दी जाती है।
अगर पहले कभी ये स्नान नहीं किया है तो डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद सिट्ज़ बाथ ली जा सकती है।
टी ट्री ऑयल
टी ट्री ऑयल के खूनी बवासीर का इलाज में इस्तेमाल के संबंध में शोध कम हुए हैं । इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका इस्तेमाल करें।
टी ट्री ऑयल एक एंटीसेप्टिक के रूप में जाना जाता है।
प्रभावित क्षेत्र में इसे लगाने से बवासीर के कारण होने वाली खुजली, दर्द और परेशानी से शायद बचा जा सकता है।
बवासीर के घरेलू उपाय लेने से पहले डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। साथ ही कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए कि तरल पदार्थों या पानी का कितनी मात्रा में सेवन करना चाहिए।
खूनी बवासीर में सेब का सिरका इस्तेमाल करने से जलन बढ़ सकती है ।डॉक्टर से इस बारे में बात जरूर करें।
एनीमा का उपयोग केवल तभी करना चाहिए जब डॉक्टर इसकी सलाह दें।
खूनी बवासीर की समस्या धीमे-धीमे बढ़ती है। शुरुआत में लक्षणों के दिखते ही डॉक्टर संपर्क करना चाहिए।
यदि पेट में दर्द की समस्या, मल त्याग करते समय खून आना, कब्ज आदि की समस्या महसूस हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
डॉक्टर बीमारी का निदान करने के लिए जांच करते हैं।
खूनी बवासीर का इलाज संबंधित जानकारी डॉक्टर से प्राप्त की जा सकती है।
खूनी बवासीर की समस्या बवासीर के विकसित होने के बाद शुरू होती है। रक्त वाहिकाओं के अंदर रक्त जमाव रक्त के थक्के के निर्माण में करता है और खूनी बवासीर की समस्या को जन्म देता है। खूनी बवासीर के लक्षण दिखने पर यदि खूनी बवासीर का इलाज शुरू कर दिया जाए, तो बीमारी के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
इस बीमारी के बारे में लोग अक्सर प्रश्न पूछने से हिचकिचाते हैं। समस्या से छुटकारे के लिए बीमारी के बारे में जानकारी बहुत जरूरी है क्योंकि इलाज न मिलने पर खतरा बढ़ सकता है। आप बेझिझक HexaHealth के विशेषज्ञ डॉक्टर से ऑनलाइन या ऑफलाइन सलाह ले सकते हैं।यहां आपकी सभी उलझनों को सुलझाया जाएगा।
खूनी बवासीर की समस्या में मल त्याग के दौरान खून का रिसाव होता है। साथ ही गुदा के बाहर सूजी हुई नसों में दर्द हो सकता है। कुछ लोगों को मल में रक्त रिसाव की समस्या अधिक हो जाती है, जो घरेलू उपाय से ठीक नहीं होती है। ऐसे में चिकित्सा प्रक्रिया की जरूरत होती है।
खूनी बवासीर की समस्या एक नहीं बल्कि कई कारणों का परिणाम हो सकती है। जब शुरुआत में इन कारणों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो खूनी बवासीर की समस्या शुरू हो जाती है।
मल त्याग के दौरान अधिक जोर लगाना
खाने में फाइबर की बहुत कम मात्रा का सेवन करना
अधिक भार उठाना
संयोजी ऊतकों का कमजोर होना
पेट में दबाव बढ़ना
बवासीर की समस्या गर्म पानी पीने से पैदा नहीं होती है। हल्का गुनगुना या गर्म पानी का सेवन बवासीर के मरीजों के लिए अच्छा होता है। ये कब्ज की समस्या के दौरान राहत पहुंचाता है। डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए कि कितनी मात्रा में गरम पानी पिया जा सकता है।
खूनी बवासीर के लक्षण निम्नलिखत हो सकते हैं।
मलाशय से रक्तस्राव
पेरिनियल क्षेत्र में दर्द महसूस होना
गुदा के पास एक दर्दनाक गांठ महसूस होना
गुदा के आसपास खुजली
बैठने के दौरान दर्द महसूस होना
कुछ शारीरिक समस्याएं ऐसी होती हैं जिन्हें घरेलू उपाय की मदद से ठीक किया जा सकता है। खूनी बवासीर के इलाज में घरेलू उपाय भी अपनाए जाते हैं।
खूनी बवासीर के घरेलू उपाय में खाने में फाइबर युक्त आहार का सेवन बहुत जरूरी होता है।
एलोवेरा का इस्तेमाल करने से सूजन संबंधी समस्या से राहत मिलती है।
सिट्ज बाथ लेने से दर्द में राहत मिलती है।
इसबगोल भूसी का सेवन कब्ज की समस्या से राहत पहुंचाता है।
एक्यूटली थ्रोम्बोस्ड प्रोलैप्सड (अधिक सूजन के साथ रक्त का जमाव) बवासीर बहुत दर्दनाक होता है। ज्यादातर का इलाज घर पर किया जा सकता है।
खूनी बवासीर का देशी इलाज घर में आइस पैक का इस्तेमाल करके किया जा सकता है।
वहीं गरम पानी में कुछ समय तक बैठकर भी राहत महसूस होती है।
खानपान में फाइबर युक्त अनाज का सेवन करके कब्ज से राहत मिलती है।
एलोवेरा का बाहरी तौर पर इस्तेमाल जलन से राहत प्रदान करता है।
मल को नरम करने वाली दवा लेकर, एनाल्जेसिया दवा का सेवन आदि किया जा सकता है।
खूनी बवासीर के बारे में जानकारी मिलने पर निदान होने पर डॉक्टर इलाज करते हैं। इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि खूनी बवासीर कितना गंभीर है।
यदि बीमारी की शुरुआत हुई है तो घरेलू उपाय बीमारी के लक्षणों को सुधारने में मदद करते हैं।
डॉक्टर इलाज के दौरान दवाएं दे सकते हैं।
समस्या बढ़ने पर रबर बैंड लिगेशन, स्क्लेरोथेरेपी, सर्जरी आदि की मदद से इलाज करते हैं।
खूनी बवासीर की समस्या का कारण कब्ज से भी जुड़ा हो सकता है। खाने में अधिक फाइबर युक्त भोजन का इस्तेमाल मल त्यागने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इस प्रकार से अधिक तरल पदार्थों का इस्तेमाल भी फायदा पहुंचाता है। डॉक्टर से इस बारे में अधिक जानकारी लेनी चाहिए।
बिना दवाओं के बवासीर का इलाज हो सकता है लेकिन खूनी बवासीर में दवाओं की जरूरत पड़ सकती है।
खूनी बवासीर की समस्या बढ़ जाने पर चिकित्सीय उपचार जरूरी हो जाता है। घरेलू उपाय की मदद से खूनी बवासीर के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
खूनी बवासीर की समस्या होने पर ऐसे आहार का सेवन करने से बचना चाहिए जो कम फाइबर वाले हो और कब्ज की समस्या को बढ़ाते हो।[६]
फास्ट फूड, आइसक्रीम, पनीर, चिप्स, फ्रोजन और स्नैक फूड, मांस आदि से परहेज करना चाहिए।
खाने में डेयरी पदार्थ जैसे दूध, चीज से भी बचना चाहिए।
तैलीय और मसालेदार भोजन से भी दूरी बनानी सेहत को फायदा पहुंचाता है।
खूनी बवासीर के इलाज में फाइबर युक्त फलों का सेवन करना अच्छा माना जाता है। रोजाना कुछ फलों का सेवन सेहत को फायदा पहुंचाता है। निम्नलिखित फलों का सेवन खूनी बवासीर में किया जा सकता है।
नाशपाती
सेब
रसभरी
पका हुआ केला
अंगूर
पपीता
अनार
खूनी बवासीर के इलाज के दौरान किस सब्जी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, इस संबंध में साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। ड़ॉक्टर फाइबर युक्त सब्जियों को खाने की सलाह देते हैं।
बवासीर के इलाज के दौरान मरीजों के लिए दही अच्छा माना जाता है।
दही प्रोबायोटिक्स का एक समृद्ध स्रोत है।
इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स प्रतिरक्षा प्रणाली और पाचन प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
डॉक्टर की सलाह के बाद रोजाना दही का सेवन किया जा सकता है।
बवासीर में नींबू की चाय का सेवन अच्छा है या नहीं, इस संबंध में साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। खूनी बवासीर के इलाज के दौरान पानी के साथ नींबू का सेवन करने की सलाह दी जाती है।पानी में नींबू स्वाद के लिए मिलाया जा सकता है।
खूनी बवासीर के लक्षण घरेलू उपाय की मदद से एक सप्ताह में कम होने लगते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है, तो डॉक्टर से सलाह लेने के बाद खूनी बवासीर के इलाज कराना चाहिए। इलाज के दौरान निम्नलिखित तरीके अपनाएं जा सकते हैं।
दवाओं का सेवन
रबर बैंड लिगेशन
इंजेक्शन स्क्लेरोथेरेपी
हेमोराहाइडेक्टोमी
हेमोराहाइडोपेक्सी
इलाज के बाद खूनी बवासीर को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
जब मल त्याग के दौरान दर्द और जलन के साथ ही रक्त निकलता है तो व्यक्ति बहुत असहज महसूस करता है। यदि खूनी बवासीर का इलाज न कराया जाए तो निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
अधिक रक्त निकलने से एनीमिया हो सकता है।
व्यक्ति को बहुत कमजोरी और थकान महसूस होती है।
लंबे समय तक उपचार न लेने से सर्जरी एकमात्र इलाज बचता है।
अधिकांश बवासीर के लक्षण घरेलू उपचार की मदद से एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं। खूनी बवासीर की समस्या दो सप्ताह से अधिक रह सकती है। यदि डॉक्टर से इलाज नहीं कराया जाता है तो लंबे समय तक बीमारी के लक्षण परेशान कर सकते हैं।
हेक्साहेल्थ पर सभी लेख सत्यापित चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त स्रोतों द्वारा समर्थित हैं जैसे; विशेषज्ञ समीक्षित शैक्षिक शोध पत्र, अनुसंधान संस्थान और चिकित्सा पत्रिकाएँ। हमारे चिकित्सा समीक्षक सटीकता और प्रासंगिकता को प्राथमिकता देने के लिए लेखों के संदर्भों की भी जाँच करते हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी विस्तृत संपादकीय नीति देखें।
Last Updated on: 25 August 2023
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More
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