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बवासीर (पाइल्स) से कैसे राहत पाएं? - How to Get Relief from Piles in Hindi

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Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna
Written by Nikita Tyagi, last updated on 16 September 2022| min read
बवासीर (पाइल्स) से कैसे राहत पाएं? - How to Get Relief from Piles in Hindi

Quick Summary

  • Here in this blog, you can know how you can get relief from your piles symptoms. Yes, you read it right we have mentioned some ways that can help you reduce piles symptoms. So take out some time from your busy schedule and keep reading the whole blog.

यहा इस ब्लॉग में आप जान सकते हैं कि आप अपने बवासीर के लक्षणों से कैसे राहत पा सकते हैं। जी हां! आपने सही पढ़ा हमने कुछ ऐसे तरीकों का उल्लेख किया है जो आपको बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए अपने व्यस्त शिड्यूल में से कुछ समय निकालें और पूरा ब्लॉग पढ़ते रहें।

बवासीर (पाइल्स) की समस्या से कैसे पाएं राहत

यहा इस ब्लॉग में आप जान सकते हैं कि आप अपने बवासीर के लक्षणों से कैसे राहत पा सकते हैं। जी हां! आपने सही पढ़ा हमने कुछ ऐसे तरीकों का उल्लेख किया है जो आपको बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए अपने व्यस्त शिड्यूल में से कुछ समय निकालें और पूरा ब्लॉग पढ़ते रहें।

बवासीर क्या है?

बवासीर  गुदा या मलाशय के निचले हिस्से में सूजी हुई नसें होती हैं।

बवासीर कैसे होता है?

मलाशय (रेक्टम) और गुदा (एनस) के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन और मस्सा बन जाता है।   गुदा पर बढ़ते दबाव के परिणामस्वरूप बवासीर होता हैं। यह गर्भावस्था या प्रसव के दौरान और कब्ज के कारण हो सकता है। दबाव के कारण सामान्य गुदा शिराएँ और ऊतक सूज जाते हैं। मल त्याग के दौरान अक्सर इन उभरी उठाको से खून बहने लगता है जिसे बवसीर कहते हैं। 

बवासीर के लक्षण

  1. मलत्याग के समय दर्द होना 
  2. खून या म्यूकस आना
  3. गुदा के आसपास सूजन या गांठ जैसे होना
  4. गुदा के आसपास खुजली होना
  5. मलत्याग के बाद भी ऐसा लगना कि पेट साफ नहीं हुआ है
  6. पाइल्स के मस्सों खून आना

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बवासीर में क्या खाएं और क्या परहेज़ करें

पाइल्स में दर्द हो सकता है और यह बहुत परेशानी का कारण बन सकता है। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो एनीमिया और स्ट्रांगुलेटेड बवासीर हो सकता है, जिससे गैंग्रीन हो सकता है। बवासीर के इलाज के लिए एक स्वस्थ आहार चार्ट योजना को प्रारंभिक अवस्था में ही बनाए रखना बेहतर है ताकि स्थिति गंभीर न हो।  

  1. फाइबर - अधिक फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाएं। फाइबर में उच्च खाद्य पदार्थ खाने से मल नरम और आसानी से हो जाता और पुराना कब्ज़ जैसा समासया खतम हो जाती है, जिसके नतीजतन बवासी के रोखधाम में मदद मिलती है। फाइबर के सेवन के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, बीन्स, साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थ और पानी का सेवन करें।
  2. तरल पदार्थ – ज़्यादा पानी और अन्य तरल पदार्थ का उपयोग करें, जैसे कि फलों का रस और सब्जियों का सूप, आपके आहार में फाइबर को बेहतर ढंग से काम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने डॉक्टर के सलाह के अनुसार आपको प्रत्येक दिन कितना पीना चाहिए, इसकी जानकारी लें।
  3. जड़े वाली सब्जियां - शकरकंद, शलजम, चुकंदर, रुतबाग, गाजर और आलू जैसी जड़ वाली सब्जियां पोषण से भरपूर हैं। वे आंत-स्वस्थ फाइबर से भरपूर होते हैं, जिसमें प्रति सेवारत लगभग 3-5 ग्राम होते हैं। 

इनका परहेज़ करें  

अगर आपकी बवासीर पुरानी कब्ज के कारण होती है, तो कोशिश करें कि बहुत कम या बिना फाइबर वाले खाद्य पदार्थ न खाएं, जैसे कि पनीर, चिप्स, फास्ट फूड, आइसक्रीम, मांस, तैयार खाद्य पदार्थ, जैसे कुछ जमे हुए और स्नैक फूड, ज़्यादा तले हुए पदार्थ आदि । 

इलाज

पाइल्स से कैसे राहत पाएं?

बवासीर के इलाज के लिए विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाएं सुरक्षित रूप से उपयोग की जा सकती हैं। यह आपके डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार ही होने चाहिए। 

  1. ओवर-द-काउंटर ऑइंटमेंट: बवासीर के लक्षणों से तत्काल राहत प्रदान करने के लिए एक व्यक्ति काउंटर ऑइंटमेंट का उपयोग कर सकता है।
  2. सूथिंग वाइप्स: अगर बवासीर से पीड़ित व्यक्ति सामान्य टॉयलेट पेपर का उपयोग करता है, तो यह समस्या को बढ़ा सकता है। इस जलन को कम करने के लिए वाइप्स का इस्तेमाल करना बेहतरीन तरीका हो सकता है।
  3. कोल्ड कंप्रेस: ​​बड़े और दर्दनाक बवासीर के लिए आइस पैक लगाना प्रभावी उपचार हो सकता है। बर्फ को एक तौलिये या कपड़े में लपेटकर लगाना चाहिए।
  4. सिट्ज़ बाथ: 10 से 20 मिनट के लिए एप्सम सॉल्ट में बैठने से बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
  5. गर्म स्नान: बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को गर्म स्नान करना चाहिए क्योंकि यह प्रभावित क्षेत्र में रक्त वाहिकाओं को आराम देता है और हृदय में दबाव कम करता है। इप्सॉम नमक, जिसमें मैग्नीशियम सल्फेट होता है, प्रभावित क्षेत्र को ठीक करने में मदद करता है। 
  6. शौच जाने के लिए शौचालय में अधिक समय लेने से बचना: अगर  कोई व्यक्ति मलत्याग करने के लिए जोर लगा रहा है और सांस रोक रहा है, तो यह निचले मलाशय (रेक्टम) की नसों में दबाव डालता है। इसलिये जब भी मलत्याग महसूस हो, तो तुंरत शौचालय जाएं। अगर मेडिकल इलाज से आपको पूरी तरह राहत नहीं मिल रही है तो आपके सर्जन नीचे दिए गए उपचारों मैं से किसी एक की सलाह देंगे ।
  7. नियमित व्यायाम: बवासीर के इलाज के लिए योगासन का अभ्यास करना-
    1. उत्ताना आसन (हाथ से पैर की मुद्रा)
    2. वज्र आसन (डायमंड पोज)
    3. माला आसन (माला मुद्रा)
    4. बाला आसन (बाल मुद्रा)
    5. पवनमुक्ता आसन (हवा से राहत देने वाली मुद्रा)

बवासीर का इलाज कराने के लिए किससे संपर्क करें?

बवासीर के इलाज के बारे में ज़्यादा जानने के लिए आज ही हेक्साहेल्थ से संपर्क करें।  आपकी सारी चिंताओं का सही निवारण करने के लिए हेक्साहेल्थ एक समाधान है।  हेक्साहेल्थ अपने तरह का पहला ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है, जो सही डॉक्टर और सही अस्पताल खोजने से लेकर अस्पताल में भर्ती होने, बीमा, फाइनेंस और सर्जरी के बाद से लेकर ठीक होने तक रोगी की सर्जरी के अनुभव को आसान बनाने का ध्यान रखता है। अधिक जानकारी के लिए आप हमारे हेक्साबड्डी से मदद ले सकते हैं, वे आपके सभी प्रश्नों का समाधान करेंगे। हमारे हेक्साबड्डी आपके हर कदम पर आपकी मदद करेंगे। अन्य संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.hexahealth.com पर भी जा सकते हैं।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

वर्तमान में बवासीर के लिए कई तरह के इलाज उपलब्ध हैं जिसमे घरेलू इलाज, सर्जरी, लेज़र ऑपेरशन, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी उपचार आदि शामिल हैं। बवासीर के लक्षण जैसे मल से खून आने पर आपको विशेषज्ञ के पास ज़रूर जाना चाहिए। आपके डॉक्टर बवासीर की जांच करेंगे और आपको इलाज से संबंधित सलाह देंगे। आमतौर पर शुरुआती बवासीर में कुछ घरेलू इलाजों से आपको राहत मिल सकती है। कुछ घरेलू इलाज और सावधानियां इस प्रकार हैं :

  1. रोज २ से ३ बार सित्ज़ बाथ लें।
  2. फाइबरयुक्त भोजन लेना।
  3. तेज गति (ब्रिस्क वॉक) टहलें।
  4. समय पर दवाइयों का सेवन करें।
  5. लंबे समय तक बैठे या खड़े न रहें। 
  6. तंबाकू, शराब और गुटखा का सेवन बिलकुल न करें। 
  7. बवासीर का नारियल, बादाम या जैतून के  तेल से मसाज कर सकते हैं। 
  8. मसालेदार और तीखे भोजन न करें। 
  9. पानी खूब पिएं। 
  10. दर्द और सूजन के लिए आइसपैक इस्तेमाल करें।
  11. अपने डॉक्टर के निर्देशों का अच्छे से पालन करें।
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यदि बवासीर के उपचार के बाद आप डॉक्टर द्वारा बताए गए सलाहों को मानते हैं और उचित जीवनशैली रखते हैं तो आपको बवासीर दोबारा नहीं होगा। गंभीर बवासीर जैसे ग्रेड ४ स्तर के बवासीर का इलाज भी क्षार सूत्र उपचार या सर्जरी करके किया जा सकता है।

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बवासीर के ठीक होने का समय उसके स्थिति और इलाज के प्रक्रिया पर निर्भर करता है। यदि बवासीर प्रारंभिक स्थिति में है तो उसका इलाज घरेलू उपाय, आयुर्वेदिक औषधि और एलोपैथी से किया जा सकता है। प्रारंभिक स्थिति में २ से ३ हफ़्तों में बवासीर ठीक हो सकता है। यदि आपका बवासीर गंभीर स्थिति में है तो आपके लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रहता है। सर्जरी करने के बाद ठीक होने में समय लगता है। जैसे हेमोराहाइडेक्टोमी सर्जरी के बाद रिकवर होने में २ हफ्ते लग सकते हैं लेकिन पूरी तरह रिकवर होने में लगभग ६ से ८ सप्ताह लग सकते हैं, स्टेपल हेमोराहाइडोपेक्सी सर्जरी से रिकवर होने में भी लगभग २ हफ्ते लग सकते हैं, लेजर सर्जरी में २ से ३ दिन के बाद आप दैनिक कार्य कर सकते हैं।

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यदि बवासीर शुरुआती स्थिति में है, तो घरेलू नुस्खों द्वारा बवासीर से निजात पा सकते हैं। जैसे कि एलोवेरा का प्रयोग, जैतून का तेल, नारियल का तेल और बादाम के तेल से बवासीर पर लगा कर मसाज़ कर सकते हैं। इसके साथ रोजाना दिन में २ से ३ बार सिट्ज़ बाथ करें, फ़ायबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं, भरपूर मात्रा में पानी पिए। इसके साथ ही आपको कुछ चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए जैसे कि शराब, धूम्रपान, तीखा, मसालेदार खाद्य पदार्थ आदि का सेवन करने से बचें।

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बवासीर में बालासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन और गहरी सांस लेना जैसे व्यायाम राहत दे सकते हैं। इन आसनों को करने से रक्त का बहाव सामान्य होता है जिससे बवासीर में सूजन और दर्द कम होता है।

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बवासीर के प्रारंभिक मामलों में कई बार घरेलू उपाय से बवासीर ठीक हो सकता है। यदि इससे आराम नहीं मिलता है तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर आपके बवासीर के स्थिति के आधार पर आपको दवा, मलहम या क्षार सूत्र उपचार का सुझाव दे सकते हैं। कई मरीजों का गैर-सर्जिकल इलाज से बवासीर ठीक हो जाता हैं।

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बवासीर की जांच प्रक्रिया सामान्य पूछताछ से शुरू होती है, इसमें डॉक्टर मरीज़ से उसकी मेडिकल हिस्ट्री पूछते हैं। इसके बाद फिजिकल टेस्ट में गुदा क्षेत्र के भीतरी और बाहरी हिस्से का मुआयना करते हैं। ज़्यादातर मामलों में बवासीर की जांच करने के लिए एनोस्कोप और प्रॉक्टोस्कोप काफी होता है। गंभीर मामलों में या कैंसर की आशंका होने पर डॉक्टर कोलोनस्कोप एंव सिग्मोइडोस्कोप का भी प्रयोग कर सकते हैं। इन जांचों में अधिकतर मरीजों को एनेस्थीसिया देने की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर डॉक्टर को लगता है कि मरीज को जांच के दौरान दर्द का अनुभव अधिक हो सकता है तो डॉक्टर लोकल या जनरल एनेस्थीसिया दे सकते हैं।

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बवासीर का सिकुड़ना बवासीर की गंभीरता और उपचार के प्रकार पर निर्भर करता है। यदि सर्जरी के द्वारा बवासीर का उपचार किया जाए तो १ से २ हफ्तें में मस्सा सिकुड़ सकता है। वहीं, बवासीर का गैर-सर्जिकल उपचार करने से मस्सा सिकुड़ने में ३ से ४ हफ़्तों का समय लग सकता है।

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व्यायाम करने से बवासीर में कुछ हद तक आराम मिल सकता है। व्यायाम न सिर्फ पूरे शरीर के लिए बल्कि पेट से जुड़े रोग जैसे कब्ज़, बवासीर आदि से रिकवर होने में मदद करता है। यदि आपको बवासीर हुआ है तो केवल व्यायाम करके बवासीर से छुटकारा नहीं मिल सकता है लेकिन व्यायाम करने से शरीर में खून का बहाव ठीक रहेगा जो बवासीर से निपटने में लाभदायक साबित हो सकता है। कई व्यायाम हैं जिन्हें मुख्य रूप से बवासीर के मरीजों को करनी चाहिए जैसे मलासन, बालासन, विपरीतकरणी, गहरी सांसे लेना, इत्यादि।

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 बवासीर के इलाज में लगने वाला समय उसकी स्थिति और इलाज के प्रक्रिया पर निर्भर करता है। आमतौर पर गैर-सर्जिकल इलाज जैसे रबर बैंड लिगेशन प्रक्रिया १० मिनट के अंदर हो जाती है और ७ से १० दिन में आराम मिल सकता है, स्लीरोथेरेपी को करने में ५ से १० मिनट लगते हैं  और ५ से ६ महीने में गांठे सिकुड़ जाती हैं और आराम मिलना शुरू हो जाता है। वहीं सर्जिकल इलाज जैसे हेमोराहाइडेक्टोमी सर्जरी में ३० मिनट से १ घंटे का समय लगता है और रिकवर होने में २ हफ्ते लग सकते हैं,लेज़र सर्जरी में ३० मिनट से भी कम समय लगता है और एक हफ्ते के भीतर आराम मिल सकता है, स्टेपल हेमोराहाइडोपेक्सी सर्जरी में १३ से ३९ मिनट लग सकते हैं वहीं रिकवर होने में लगभग २ हफ्ते लग सकते हैं।

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बवासीर का इलाज करते समय आपको फ्रेंच फ्राइज, तीखा, तले हुए मोमोज, कचौरी, समोसा, फास्ट फूड्स और जंक फ़ूड आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ज्यादा देर तक खड़े या बैठे न रहें, भारी भरकम काम करने से बचें।

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बवासीर का दबाव दूर करने के लिए दिन में २ से ३ बार सिट्ज़ बाथ करें। इससे आपके बवासीर पर जो दबाव पड़ रहा है वो कम होगा। आइसपैक का इस्तेमाल करें। पानी का सेवन खूब करें। इसके अलावा, आप डॉक्टर के सलाह पर पेन किलर की दवा ले सकते हैं। शौच के दौरान अधिक तनाव देने से बचें, लंबे समय तक बैठे या खड़े न रहें। इन तरीकों से आपको बवासीर में राहत मिल सकती है। 

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शुरुआत में घरेलू नुस्ख़े अपनाकर बवासीर को नियंत्रित किया जा सकता हैं। एलोवेरा के प्रयोग, जैतून के तेल, नारियल का तेल और बादाम तैल से बवासीर पर लगा कर मसाज़ कर सकते हैं। इसके साथ ही, फाइबर से भरपूर आहार लें। पानी खूब पिएं, शरीर में पानी की कमी न होने दें। ज्यादा देर तक बैठे या खड़े न रहें। मसालेदार और तीखे भोजन न करें।

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ग्रेड ४ का बवासीर आमतौर पर गंभीर आंतरिक बवासीर होता है जिसमे इलाज की तुरंत आवश्यकता होती है। ऐसे में डॉक्टर बवासीर की गंभीरता, मरीज की उम्र और शारीरिक क्षमता को देखते हुए उचित इलाज की सलाह देते हैं। देखा जाए तो ग्रेड ३ और ४ के लिए डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते है। बवासीर के चौथे स्तर यानी ग्रेड ४ बवासीर के लिए निम्नलिखित सर्जिकल उपचार कराए जा सकते हैं :

  1. हेमोराहाइडेक्टोमी: इस प्रक्रिया में बवासीर की गांठों को काटकर निकाल दिया जाता है। इसमें सामान्य एनेस्थीसिया की जरूरत पड़ सकती है। इसे करने में ३० मिनट से १ घंटे का समय लगता है।
  2. स्टेपल हेमोराहाइडोपेक्सी: इसमें बवासीर की गांठों को स्टेपल कर दिया जाता जिससे ब्लड सप्लाई रुक जाती है और गांठें सूखकर गिर जाती हैं। इस प्रक्रिया में लोकल या जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है। इसे करने में १३ से ३९ मिनट लगता है। इस सर्जरी के बाद पूरी तरह से रिकवर होने में २ हफ्ते लग सकते हैं।
  3. लेज़र सर्जरी: इस सर्जरी को करने में ३० मिनट से कम समय लगता है। इसमें लोकल एनेस्थीसिया देने की जरूरत पड़ती है। लेजर सर्जरी के बाद रिकवर होने में १ हफ्ते लग सकते हैं। 
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आमतौर पर कब्ज़ होने से ही बवासीर की शुरुआत होता है। मल सॉफ़्नर आपके मल में पानी की मात्रा बढ़ा देता है जिससे यह नरम हो जाता है और गुदा के द्वार आसानी से निकल जाता है। इस तरह से मल सॉफ़्नर कब्ज़ में राहत देने का काम करता है लेकिन इसका हमेशा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। मल सॉफनर बवासीर मरीजों के लिए एक अस्थाई ( टेंपररी ) इलाज है। मल सॉफनर का अधिक इस्तेमाल करने से इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे बुखार, उल्टी, जी मिचलाना, पेट दर्द आदि। इसलिए कब्ज़ की अधिक समस्या होने पर ही मल सॉफनर का इस्तेमाल करना चाहिए। यह बवासीर में काफी हद तक मदद करता है लेकिन बवासीर का उपचार मल सॉफनर नही है। बवासीर को घरेलू इलाज, आर्युवेदिक औषधि,सर्जिकल और नॉन सर्जिकल उपचार ही ठीक कर सकते हैं। 

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Last Updated on: 16 September 2022

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Nikita Tyagi

Nikita Tyagi

BPharm (Jawaharlal Nehru Technical University, Hyderabad)

2 Years Experience

An enthusiastic writer with an eye for details and medical correctness. An avid reviewer and publisher. She emphasises authentic information and creates value for the readers. Earlier, she was involved in making ...View More

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