यहा इस ब्लॉग में आप जान सकते हैं कि आप अपने बवासीर के लक्षणों से कैसे राहत पा सकते हैं। जी हां! आपने सही पढ़ा हमने कुछ ऐसे तरीकों का उल्लेख किया है जो आपको बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए अपने व्यस्त शिड्यूल में से कुछ समय निकालें और पूरा ब्लॉग पढ़ते रहें।
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बवासीर क्या है?
बवासीर गुदा या मलाशय के निचले हिस्से में सूजी हुई नसें होती हैं।
बवासीर कैसे होता है?
मलाशय (रेक्टम) और गुदा (एनस) के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन और मस्सा बन जाता है। गुदा पर बढ़ते दबाव के परिणामस्वरूप बवासीर होता हैं। यह गर्भावस्था या प्रसव के दौरान और कब्ज के कारण हो सकता है। दबाव के कारण सामान्य गुदा शिराएँ और ऊतक सूज जाते हैं। मल त्याग के दौरान अक्सर इन उभरी उठाको से खून बहने लगता है जिसे बवसीर कहते हैं।
बवासीर के लक्षण
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पाइल्स में दर्द हो सकता है और यह बहुत परेशानी का कारण बन सकता है। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो एनीमिया और स्ट्रांगुलेटेड बवासीर हो सकता है, जिससे गैंग्रीन हो सकता है। बवासीर के इलाज के लिए एक स्वस्थ आहार चार्ट योजना को प्रारंभिक अवस्था में ही बनाए रखना बेहतर है ताकि स्थिति गंभीर न हो।
अगर आपकी बवासीर पुरानी कब्ज के कारण होती है, तो कोशिश करें कि बहुत कम या बिना फाइबर वाले खाद्य पदार्थ न खाएं, जैसे कि पनीर, चिप्स, फास्ट फूड, आइसक्रीम, मांस, तैयार खाद्य पदार्थ, जैसे कुछ जमे हुए और स्नैक फूड, ज़्यादा तले हुए पदार्थ आदि ।
पाइल्स से कैसे राहत पाएं?
बवासीर के इलाज के लिए विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाएं सुरक्षित रूप से उपयोग की जा सकती हैं। यह आपके डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार ही होने चाहिए।
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वर्तमान में बवासीर के लिए कई तरह के इलाज उपलब्ध हैं जिसमे घरेलू इलाज, सर्जरी, लेज़र ऑपेरशन, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी उपचार आदि शामिल हैं। बवासीर के लक्षण जैसे मल से खून आने पर आपको विशेषज्ञ के पास ज़रूर जाना चाहिए। आपके डॉक्टर बवासीर की जांच करेंगे और आपको इलाज से संबंधित सलाह देंगे। आमतौर पर शुरुआती बवासीर में कुछ घरेलू इलाजों से आपको राहत मिल सकती है। कुछ घरेलू इलाज और सावधानियां इस प्रकार हैं :
यदि बवासीर के उपचार के बाद आप डॉक्टर द्वारा बताए गए सलाहों को मानते हैं और उचित जीवनशैली रखते हैं तो आपको बवासीर दोबारा नहीं होगा। गंभीर बवासीर जैसे ग्रेड ४ स्तर के बवासीर का इलाज भी क्षार सूत्र उपचार या सर्जरी करके किया जा सकता है।
बवासीर के ठीक होने का समय उसके स्थिति और इलाज के प्रक्रिया पर निर्भर करता है। यदि बवासीर प्रारंभिक स्थिति में है तो उसका इलाज घरेलू उपाय, आयुर्वेदिक औषधि और एलोपैथी से किया जा सकता है। प्रारंभिक स्थिति में २ से ३ हफ़्तों में बवासीर ठीक हो सकता है। यदि आपका बवासीर गंभीर स्थिति में है तो आपके लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रहता है। सर्जरी करने के बाद ठीक होने में समय लगता है। जैसे हेमोराहाइडेक्टोमी सर्जरी के बाद रिकवर होने में २ हफ्ते लग सकते हैं लेकिन पूरी तरह रिकवर होने में लगभग ६ से ८ सप्ताह लग सकते हैं, स्टेपल हेमोराहाइडोपेक्सी सर्जरी से रिकवर होने में भी लगभग २ हफ्ते लग सकते हैं, लेजर सर्जरी में २ से ३ दिन के बाद आप दैनिक कार्य कर सकते हैं।
यदि बवासीर शुरुआती स्थिति में है, तो घरेलू नुस्खों द्वारा बवासीर से निजात पा सकते हैं। जैसे कि एलोवेरा का प्रयोग, जैतून का तेल, नारियल का तेल और बादाम के तेल से बवासीर पर लगा कर मसाज़ कर सकते हैं। इसके साथ रोजाना दिन में २ से ३ बार सिट्ज़ बाथ करें, फ़ायबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं, भरपूर मात्रा में पानी पिए। इसके साथ ही आपको कुछ चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए जैसे कि शराब, धूम्रपान, तीखा, मसालेदार खाद्य पदार्थ आदि का सेवन करने से बचें।
बवासीर में बालासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन और गहरी सांस लेना जैसे व्यायाम राहत दे सकते हैं। इन आसनों को करने से रक्त का बहाव सामान्य होता है जिससे बवासीर में सूजन और दर्द कम होता है।
बवासीर के प्रारंभिक मामलों में कई बार घरेलू उपाय से बवासीर ठीक हो सकता है। यदि इससे आराम नहीं मिलता है तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर आपके बवासीर के स्थिति के आधार पर आपको दवा, मलहम या क्षार सूत्र उपचार का सुझाव दे सकते हैं। कई मरीजों का गैर-सर्जिकल इलाज से बवासीर ठीक हो जाता हैं।
बवासीर की जांच प्रक्रिया सामान्य पूछताछ से शुरू होती है, इसमें डॉक्टर मरीज़ से उसकी मेडिकल हिस्ट्री पूछते हैं। इसके बाद फिजिकल टेस्ट में गुदा क्षेत्र के भीतरी और बाहरी हिस्से का मुआयना करते हैं। ज़्यादातर मामलों में बवासीर की जांच करने के लिए एनोस्कोप और प्रॉक्टोस्कोप काफी होता है। गंभीर मामलों में या कैंसर की आशंका होने पर डॉक्टर कोलोनस्कोप एंव सिग्मोइडोस्कोप का भी प्रयोग कर सकते हैं। इन जांचों में अधिकतर मरीजों को एनेस्थीसिया देने की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर डॉक्टर को लगता है कि मरीज को जांच के दौरान दर्द का अनुभव अधिक हो सकता है तो डॉक्टर लोकल या जनरल एनेस्थीसिया दे सकते हैं।
बवासीर का सिकुड़ना बवासीर की गंभीरता और उपचार के प्रकार पर निर्भर करता है। यदि सर्जरी के द्वारा बवासीर का उपचार किया जाए तो १ से २ हफ्तें में मस्सा सिकुड़ सकता है। वहीं, बवासीर का गैर-सर्जिकल उपचार करने से मस्सा सिकुड़ने में ३ से ४ हफ़्तों का समय लग सकता है।
व्यायाम करने से बवासीर में कुछ हद तक आराम मिल सकता है। व्यायाम न सिर्फ पूरे शरीर के लिए बल्कि पेट से जुड़े रोग जैसे कब्ज़, बवासीर आदि से रिकवर होने में मदद करता है। यदि आपको बवासीर हुआ है तो केवल व्यायाम करके बवासीर से छुटकारा नहीं मिल सकता है लेकिन व्यायाम करने से शरीर में खून का बहाव ठीक रहेगा जो बवासीर से निपटने में लाभदायक साबित हो सकता है। कई व्यायाम हैं जिन्हें मुख्य रूप से बवासीर के मरीजों को करनी चाहिए जैसे मलासन, बालासन, विपरीतकरणी, गहरी सांसे लेना, इत्यादि।
बवासीर के इलाज में लगने वाला समय उसकी स्थिति और इलाज के प्रक्रिया पर निर्भर करता है। आमतौर पर गैर-सर्जिकल इलाज जैसे रबर बैंड लिगेशन प्रक्रिया १० मिनट के अंदर हो जाती है और ७ से १० दिन में आराम मिल सकता है, स्लीरोथेरेपी को करने में ५ से १० मिनट लगते हैं और ५ से ६ महीने में गांठे सिकुड़ जाती हैं और आराम मिलना शुरू हो जाता है। वहीं सर्जिकल इलाज जैसे हेमोराहाइडेक्टोमी सर्जरी में ३० मिनट से १ घंटे का समय लगता है और रिकवर होने में २ हफ्ते लग सकते हैं,लेज़र सर्जरी में ३० मिनट से भी कम समय लगता है और एक हफ्ते के भीतर आराम मिल सकता है, स्टेपल हेमोराहाइडोपेक्सी सर्जरी में १३ से ३९ मिनट लग सकते हैं वहीं रिकवर होने में लगभग २ हफ्ते लग सकते हैं।
बवासीर का इलाज करते समय आपको फ्रेंच फ्राइज, तीखा, तले हुए मोमोज, कचौरी, समोसा, फास्ट फूड्स और जंक फ़ूड आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ज्यादा देर तक खड़े या बैठे न रहें, भारी भरकम काम करने से बचें।
बवासीर का दबाव दूर करने के लिए दिन में २ से ३ बार सिट्ज़ बाथ करें। इससे आपके बवासीर पर जो दबाव पड़ रहा है वो कम होगा। आइसपैक का इस्तेमाल करें। पानी का सेवन खूब करें। इसके अलावा, आप डॉक्टर के सलाह पर पेन किलर की दवा ले सकते हैं। शौच के दौरान अधिक तनाव देने से बचें, लंबे समय तक बैठे या खड़े न रहें। इन तरीकों से आपको बवासीर में राहत मिल सकती है।
शुरुआत में घरेलू नुस्ख़े अपनाकर बवासीर को नियंत्रित किया जा सकता हैं। एलोवेरा के प्रयोग, जैतून के तेल, नारियल का तेल और बादाम तैल से बवासीर पर लगा कर मसाज़ कर सकते हैं। इसके साथ ही, फाइबर से भरपूर आहार लें। पानी खूब पिएं, शरीर में पानी की कमी न होने दें। ज्यादा देर तक बैठे या खड़े न रहें। मसालेदार और तीखे भोजन न करें।
ग्रेड ४ का बवासीर आमतौर पर गंभीर आंतरिक बवासीर होता है जिसमे इलाज की तुरंत आवश्यकता होती है। ऐसे में डॉक्टर बवासीर की गंभीरता, मरीज की उम्र और शारीरिक क्षमता को देखते हुए उचित इलाज की सलाह देते हैं। देखा जाए तो ग्रेड ३ और ४ के लिए डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते है। बवासीर के चौथे स्तर यानी ग्रेड ४ बवासीर के लिए निम्नलिखित सर्जिकल उपचार कराए जा सकते हैं :
आमतौर पर कब्ज़ होने से ही बवासीर की शुरुआत होता है। मल सॉफ़्नर आपके मल में पानी की मात्रा बढ़ा देता है जिससे यह नरम हो जाता है और गुदा के द्वार आसानी से निकल जाता है। इस तरह से मल सॉफ़्नर कब्ज़ में राहत देने का काम करता है लेकिन इसका हमेशा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। मल सॉफनर बवासीर मरीजों के लिए एक अस्थाई ( टेंपररी ) इलाज है। मल सॉफनर का अधिक इस्तेमाल करने से इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे बुखार, उल्टी, जी मिचलाना, पेट दर्द आदि। इसलिए कब्ज़ की अधिक समस्या होने पर ही मल सॉफनर का इस्तेमाल करना चाहिए। यह बवासीर में काफी हद तक मदद करता है लेकिन बवासीर का उपचार मल सॉफनर नही है। बवासीर को घरेलू इलाज, आर्युवेदिक औषधि,सर्जिकल और नॉन सर्जिकल उपचार ही ठीक कर सकते हैं।
Last Updated on: 16 September 2022
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
An enthusiastic writer with an eye for details and medical correctness. An avid reviewer and publisher. She emphasises authentic information and creates value for the readers. Earlier, she was involved in making ...View More
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