मधुमेह को नियंत्रित करना एक निरंतर चुनौती है। लेकिन चिकित्सा विज्ञान की प्रगति के साथ, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए प्रभावी दवाएं उपलब्ध हैं। ऐसी ही एक दवा है ग्लिमेपाइराइड। ग्लिमेपाइराइड एक मौखिक मधुमेह विरोधी दवा है।
आमतौर पर यह टाइप २ मधुमेह वाले व्यक्तियों को दी जाती है। यह अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए अग्न्याशय को उत्तेजित करके और इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता को बढ़ाकर काम करता है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि ग्लिमेपाइराइड के लाभों, उपयोग और संभावित दुष्प्रभावों के बारे में।
ग्लिमेपाइराइड एक एंटी-डाइबीटिक दवाई है। यह एक गोली के रूप में मिलती है और इसे मौखिक (मुह से निगल कर) लिया जाता है।
यहएक प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है (जो डॉक्टर द्वारा दिए गए पर्चे पर लिख कर दी जाती है)। ग्लिमेपाइराइड का उपयोग टाइप २ मधुमेह की वजह से रक्त में बढ़े हुए शर्करा (ग्लूकोज) के स्तर को कम करने के लिए किया जाता है।
टाइप २ मधुमेह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमे
मरीज के शरीर में या तो इंसुलिन कम मात्रा में बनता है।
या फिर, शरीर, सामान्य रूप से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पता है।
इसी वजह से शरीर, रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित नहीं कर पाता है।
अधिकतर, ग्लिमेपाइराइड का उपयोग मधुमेह के इलाज के लिए संयोजन में किया जाता है, जैसे कि
आहार और व्यायाम के साथ
कभी-कभी अन्य एंटी-डाइबीटिक दवाओं के साथ किया जाता है।
ग्लिमेपाइराइड सल्फोनीलुरियास नामक दवाओं के वर्ग में आता है। सल्फोनीलुरिया दवाये प्राथमिक रूप से अग्न्याशय द्वारा इंसुलिन के स्राव को बढ़ाने में मदद करती है।
इंसुलिन एक रसायन है जो शरीर के रक्तप्रवाह से ग्लूकोस को कोशिकायो के अंदर पहुचाता है जिससे शरीर उसे ईंधन के रूप में उपयोग कर सकता है।
बीटा सेल ही इंसुलिन को बनाती हैं। इसी वजह से ग्लिमेपाइराइड उन लोगों मे असर करता है जिनके अग्न्याशय में बीटा-सेल की गतिविधि बरकरार है।
यह भी जानने योग्य बात है कि ग्लिमेपाइराइड का उपयोग टाइप १ मधुमेह के इलाज के लिए नहीं किया जाता है।
टाइप १ मधुमेह कि स्थिति में शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है। इसी वजह से टाइप १ मधुमेह मे रक्त शर्करा के नियंत्रण के लिए ग्लिमेपाइराइड कि कोई भूमिका नहीं होती है।
१९९५ में टाइप २ मधुमेह वाले वयस्कों में रक्त शर्कर का स्तर इष्टतम रखने के लिए ग्लिमेपाइराइड को एफडीए का अनुमोदन प्राप्त हुआ था। उसके बाद से ग्लिमेपाइराइड का इस्तेमाल टाइप २ मधुमेह के उपचार मे किया जाता है।
ग्लिमेपाइराइड एक दूसरी पीढ़ी (सेकंड जेनरेशन) का सल्फोनीलुरिया है जिसे टाइप २ मधुमेह के रोगियों में मेटफॉर्मिन के साथ संयोजन चिकित्सा के रूप में दिया जाता है।
इसका इस्तेमाल उन रोगियों मे किया जाता है, जिनमे सबसे पहले उपचार मे दी गई दवा की अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलती है।
इसी लिए ग्लिमेपाइराइड दूसरी पंक्ति की दवा के रूप में काम कर सकता है, विशेषकर से:
जिन मरीजों में एथेरोस्क्लेरोटिक हृदय रोग नहीं है।
जिन मरीजों में हीमोग्लोबिन ए १सी लक्ष्य पर नहीं है।
कुछ लोग मेटफॉर्मिन को सहन करने में असमर्थ होते हैं, उन रोगियों ग्लिमेपाइराइड को प्रिस्क्राइब किया जा सकता है।
जब ग्लिमेपाइराइड के उपयोग की बात आती है, तब यह जानना जरूरी है कि यह उपचार मधुमेह से जुड़ी जटिलता के होने कि संभावनाओ को कम करता है, जैसे:
दिल का दौरा
स्ट्रोक
गुर्दे की विफलता
तंत्रिका प्रणाली कि क्षति
आंखों की समस्याएं, आदि को भी कम कर सकता है।
ग्लिमेपाइराइड के सही उपयोग के लिए, आइये जानते हैं ग्लिमेपाइराइड कि खुराक कितनी होती है और कैसे ली जाती है।
ग्लिमेपाइराइड मौखिक उपयोग के लिए टैबलेट या गोली के रूप में उपलब्ध होता है और अलग-अलग शक्तियों में आता है: १ मिली ग्राम, २ मिली ग्राम, ३ मिली ग्राम और ४ मिली ग्राम।
उपचार की खुराक डॉक्टर द्वारा स्थिति की गंभीरता, शारीरिक स्वास्थ्य और चिकित्सा के प्रति प्रतिक्रिया को ध्यान मे रखते हुए निर्धारित कि जाती है।
वयस्कों मे शुरुआती खुराक1 मिली ग्राम होती है, जिसे डॉक्टर कि निगरानी में लिया जाता है।
कुछ हफ्तों या महीनों में, डॉक्टर कि सलाह अनुसार बढ़ा कर ४ मिली ग्राम से ६ मिली ग्राम की खुराक तक किया जा सकता है।
इसे आमतौर पर दिन में एक बार नाश्ते या सुबह भोजन के साथ पानी से लिया जाता है। आपके डॉक्टर आपको ग्लीमीपेरीदे लेने का सही समय बताएँगे।
याद रहे कि गोली को निगला जाता है, चबाया नहीं जाता है। मरीज को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि डॉक्टर से बात किए बिना ग्लिमेपाइराइड लेना बंद न किया जाए।
ग्लिमेपाइराइड की कितनी मात्रा को अधिक मात्रा कहा जाता है यह मात्रा हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है। फिर भी अगर डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक से अधिक खुराक ले ली जाए तो मरीज को निम्न रक्त शर्करा (हाइपो-गलाइसिमिया ) हो सकता है।
रक्त में ग्लूकोस का स्तर बहुत अधिक कम हो जाने से निम्नलिखित लक्षण और संकेत दिख सकते हैं, जिसे अनदेखा नहीं करना चाइए:
बहुत भूख लगना
कांपना या घबराना
पसीना आना
जी मिचलाना
दिल की धड़कन बढ़ना
स्पष्ट नहीं होना
सिरदर्द
ध्यान केंद्रित करने में समस्या होना
दौरे पड़ना या बेहोश हो जाना
अगर दवाई लेने के बाद आप ऊपर दिए गए संकेतो मे से कुछ महसूस करते हैं, तो घबराए नहीं। तुरंत ही कुछ ऐसा खाना या पेय लें जिससे रक्तप्रवाह में जल्दी से शुगर आ जाए जैसे कि चीनी, या चीनी डालकर फलों का रस पिए, बिस्कुट, अथवा चॉकलेट का सेवन करें। फिर अपने चिकित्सक को इस घटना के बारे मे जरूर बताए।
अगर ग्लिमेपाइराइड कि नियमित खुराक भूल से छूट जाए तो निम्न नियम का पालन करना चाइए:
जब भी छूटी हुई खुराक याद आए तो खुराक को तब ही लेले।
अगर अगली खुराक का समय लगभग हो गया है, तो छूटी हुई खुराक को छोड़ दें और अपना नियमित खुराक ले।
छूटी हुई खुराक की भरपाई के लिए दोहरी खुराक बिल्कुल न लें।
ग्लिमेपाइराइड लेने से पहले एहतियात बरतने कि जरूरत होती है। इसके लिए मरीज को अपने डॉक्टर से विस्तार से चर्चा करनी चाइए कि:
मरीज को किसी प्रकार कि एलर्जी है, क्योंकि ग्लिमेपाइराइडउत्पाद में निष्क्रिय तत्व हो सकते हैं, जिससे एलर्जी या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
ग्लिमेपाइराइड के उपयोग करने से पहले मरीज को अपने चिकित्सा इतिहास के बारे मे बताना चाहिए, विशेष रूप से अगर कोई बीमारी है जैसे कि:
जिगर की बीमारीगुर्दे की बीमारी
थायरॉयड रोग
कोई हार्मोनल स्थितियां या इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन (हाइपोनेट्रेमिया).
बहुत कम या उच्च रक्त शर्करा कि वजह से निम्न समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है जैसे:
दृष्टि पर प्रभाव पड़ सकता है
चक्कर आना जैसा लग सकता है
तो ध्यान रहे कि ड्राइव न करें, या किसी मशीनरी का उपयोग न करें।
शराब का सेवन न करें
इसके अलावा कुछ और परिसतिथियों मे एहतियात कि जरूरत होती है अगर आप
गर्भवती हैं या गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, या स्तनपान करा रही हैं।
६५ वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले लोग ग्लिमेपाइराइड सुरक्षित या प्रभावी नहीं होता है।
किसी भी प्रकार कि सर्जरी या दंत शल्य चिकित्सा से पहले चिकित्सक को बताएं कि आप ग्लिमेपाइराइड ले रहे हैं।
शरीर मे कुछ स्तिथिया रक्त शर्करा का नियंत्रण और ग्लिमेपाइराइड की मात्रा को प्रभावित कर सकती हैं जैसे:
किसी प्रकार का संक्रमण या बुखार आना
असामान्य तनाव का अनुभव करना
ग्लिमेपाइराइडत्वचा को धूप के प्रति संवेदनशील बना सकता है, इसके लिए
धूप के अनावश्यक या लंबे समय तक संपर्क से बचें
सुरक्षात्मक कपड़े और धूप का चश्मा पहने
सनस्क्रीन लगाए
जैसा कि हम जन चुके हैं कि ग्लिमेपाइराइडदवा रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करती है।
यह रक्त शर्करा में परिवर्तन का कारण भी बन सकती है जिसकी वजह से ग्लिमेपाइराइड के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे:
वजन बढ़ना
चक्कर आना
जी मिचलाना
ग्लिमेपाइराइडदवा के इस्तेमाल कि वजह से कुछ संवेदनशील लोगों मे रक्त विकार हो सकता है, जिसके लक्षण हैं:
असामान्य रक्तस्राव
दस्त
बुखार
गला खराब होना
इस दवा को लेते समय अगर आप कोई असामान्य समस्या का सामना करते हैं तो उसे अनदेखा न करे।
ग्लिमेपाइराइड की गोली अन्य दवाओं, विटामिन, या जड़ी-बूटियों के साथ क्रिया कर सकती है। इंटरेक्शन हानिकारक हो सकता है या दवा को अच्छी तरह से काम करने से रोक सकता है।
निमलिखित दवाओ के साथ ग्लिमेपाइराइड का इन्टरैक्शन पाया गया है, इसलिए यह जरूरी है डॉक्टर को सभी दवाओ के बारे मे बता दे:
थक्कारोधी ('ब्लड थिनर') जैसे कि वारफारिन (कौमडिन)
एस्पिरिन और अन्य नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) जैसे इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन) और नेप्रोक्सन (एलेव, नेप्रोसिन)
अन्य एंटी डाइबीटिक दवाये (लिराग्लूटाइड, रोसुवास्टेटिन, डेपाग्लिफ्लोज़िन, मेटफॉर्मिन, ग्लाइबुराइड, इंसुलिन, कैनाग्लिफ्लोज़िन, सीताग्लिप्टिन, एम्पाग्लिफ्लोज़िन)
रक्तचाप कम करने वाली दवाएं (फ़्यूरोसेमाइड, एटोरवास्टेटिन)
इसकेअलावा ग्लिमेपिराइड विटामिन डी3, विटामिन सी, विटामिन बी १२ कि खुराक के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है
ग्लिमेपिराइड को निम्न खाद्य पदार्थों के साथ नहीं लिया सकता है:
मछली के तेल (ओमेगा-3 फैटी एसिड)
शराब (शराब के सेवन से ग्लिमेपिराइड के काम करने की क्रिया बढ़ या घट सकती है। [7]
निम्न विकार वाले मरीजों को ग्लिमेपिराइड के सेवन नहीं करना चाहिए:
लीवर/किडनी कार्य विकार
हृदय रोग
जी6पीडी की कमी
इलेक्ट्रोलाइट्स असंतुलन जैसे रक्त में कम सोडियम का स्तर।
आहार और जीवन शैली मे परिवर्तन के साथ ग्लिमेपाइराइड का उपयोग करने से टाइप २ मधुमेह का बहुत प्रभावकारी प्रबंधन होता है। इन संशोधन मे निम्न उपाय शामिल हैं:
स्वस्थ पौष्टिक आहार का सेवन करें:
साबुत अनाज, फलों और सब्जियों का सेवन करें।
कम वसा और कम चीनी वाला आहार ले।
शराब के सेवन से बचें और धूम्रपान छोड़ दें।
नियमित व्यायाम करें और वजन को कम करे
रोज कम से कम 30 मिनट साइकिल चलाना, पैदल चलना, जॉगिंग, नृत्य या तैराकी जैसे वायायम करें।
टाइप २ मधुमेह के इलाज के लिए ग्लिमेपाइराइड का उपयोग आहार और व्यायाम के साथ और कभी-कभी अन्य दवाओं के साथ संयोजन मे किया जाता है। इसके सिवा वजन भी कम करके रक्त शर्करा को नियंत्रित करे। यह बहुत प्रभावी रूप से इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाकर रक्त शर्कर को नियंत्रित करने मे मदद करती है।
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ग्लिमेपाइराइड का उपयोग टाइप २ मधुमेह वाले व्यक्तियों में उच्च रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है।
यह अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए अग्न्याशय को उत्तेजित करता है। इससे इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता में सुधार होता है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलता हैं।
ग्लिमेपाइराइड टैबलेट का उपयोग मधुमेह में रक्त शर्कर को नियंत्रित करने के लिए होता है। इसके लिए यह निम्न काम करता है:
ग्लिमेपाइराइड शरीर में अग्न्याशय से इंसुलिन का उत्पादन करने मे मदद करता है।
इसके बाद यह शरीर को कुशलता से इंसुलिन का उपयोग करने में सहायता करते हुए रक्त शर्करा को कम करता है।
ग्लिमेपाइराइड टैबलेट के द्वारा टाइप २ मधुमेह से पीड़ित रोगियों का इलाज किया जाता है। यह एंटी डाइबीटिक दवा आहार और व्यायाम के साथ रक्त शर्कर को नियंत्रित करने मे बहुत लाभकारी होती है।
ग्लिम्पिराइड मुंह से लेने वाली गोली के रूप में आता है। इसे आमतौर पर दिन में एक बार नाश्ते या सुबह के पहले भोजन के साथ लिया जाता है। इसे पानी के साथ निगला जाता है। यह गोली कि खुराक डॉक्टर द्वारा निर्धारित कि जाती है और दिन में एक बार ही ली जाती है।
ग्लिमेपाइराइड कि वजह से रक्त शर्करा के स्तर में गिरावट हो सकती है और उसकी वजह से मरीज को ये लक्षण हो सकते हैं:
उबकाई आना
सिर दर्द
चक्कर आना
पसीना आना
घबराहट
दौरे पड़ना
बेहोश होना
ग्लिमेपाइराइड टैबलेट को लेने से पहले निम्न सावधानिया बरते:
अगर आपको किसी वस्तू से ऐलर्जी है, तो डॉक्टर को बताए।
डॉक्टर से अपना पूरा चिकित्सा इतिहास साझा करें।
अगर कोई भी प्रकार कि दवाई ले रहें है तो उसकी सम्पूर्ण जानकारी दे।
ऐसा करने से किसी प्रकार के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
ग्लिमेपाइराइड को दिन मे एक बार लिया जाता है। इसकि खुराक डॉक्टर द्वारा निर्धारित कि जाती है।
ग्लिमेपाइराइड टैबलेट खाने के बाद निम्न से परहेज करना चाहिए:
शराब का सेवन न करें
तेज धूप मे लंबे समय तक संपर्क से बचें
थोड़ा चक्कर से आने कि वजह से ध्यान रहे कि ड्राइव न करें, या किसी मशीनरी का उपयोग न करें
नहीं, ग्लिमेपाइराइड टैबलेट का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। उचित मूल्यांकन, खुराक निर्धारण और संभावित दुष्प्रभावों की निगरानी के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
ग्लिमेपाइराइड टैबलेट लेते समय, कुछ खाद्य पदार्थों से सावधान रहना महत्वपूर्ण है जो इसकी प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकते हैं। यहां कुछ खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिनके बारे में ग्लिमेपाइराइड लेने से पहले या बाद में सावधानी बरतनी चाहिए:
शराब
अंगूर और उसका रस
उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन
दवा की परस्पर क्रिया
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Last Updated on: 14 July 2023
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